सरकार मिनी राइस मिल पर दे रही 50% तक सब्सिडी, जानें कैसे करना है आवेदन

पोस्ट -26 सितम्बर 2023 शेयर पोस्ट

कृषि यंत्रीकरण योजना : मिनी राइस मिल सहित 15 से अधिक कृषि यंत्रों पर मिलेगी सब्सिडी

Sub-Mission Scheme on Agricultural Mechanization (SMAM) : कृषि क्षेत्र को पहले से और अधिक आसान बनाने के लिए खेती में तकनीक और कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा कई बड़े कदम उठाए गए हैं। खेती करने के लिए आधुनिक कृषि यंत्रों की जरूरत होती है। लेकिन देश के बहुत से ऐसे किसान हैं, जो आर्थिक रूप से बहुत कमजोर है। ऐसे किसान इन कृषि मशीनों को नहीं खरीद पाते हैं। इन सभी समस्याओं को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा कृषि मशीनीकरण पर उप-मिशन योजना को लागू किया गया है। जिसके तहत कृषि क्षेत्र को तकनीक और कृषि यंत्रों से जोड़ा जा रहा है। इसमें सभी राज्यों की सरकारें भी सहयोग कर रही है। स्माम योजना के तहत राज्य सरकारें अपने-अपने राज्य में कृषि यंत्रीकरण, कृषि यांत्रीकरण और कृषि यंत्र अनुदान योजना का संचालन कर खेती की आवश्यक मशीनों, तकनीक एवं उपकरणों पर निर्धारित प्रावधानों में अपनी सहभागिता देकर किसानों को 50 से 80 प्रतिशत तक का अनुदान भी दे रही है।

इसी कड़ी में देश के सबसे बड़े कृषि सूबे उत्तर प्रदेश में भी कृषि यंत्रीकरण योजना के तहत कृषि यंत्रों, स्माल गोदाम और पक्के खलिहान के लिए सरकार द्वारा किसानों को अनुदान दिया जा रहा है। योजना के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा  किसानों को खेती में उपयोग होने वाले आवश्यक 15 से भी अधिक कृषि उपकरणों और मशीनों  पर 30-50 प्रतिशत तक की सब्सिडी सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। जिसमें कृषि यंत्रीकरण योजना के तहत किसान अब मिनी राइस मिल, ऑयल मिल पर भी अनुदान का लाभ उठा सकेंगे। अनुदान पर मिल रहे मिनी राइस मिल, ऑयल मिल को लगाकर किसान अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं। आईए इस पोस्ट की मदद से जानते हैं उत्तर प्रदेश में कृषि यंत्रीकरण योजना के तहत कौन-कौन से कृषि यंत्रों पर सब्सिडी मिल रही है। 

किसान लगा सकेंगे मिनी राइस मिल, ऑयल मिल

उत्तर प्रदेश राज्य सरकार द्वारा अपने राज्य में कृषि यंत्रीकरण का संचालन किया जा रहा है। इस योजना के तहत राज्य के किसानों को 15 से अधिक कृषि यंत्रों पर सब्सिडी का लाभ दिया जा रहा है। इसमें राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों मिलकर आपसी सहयोग से किसानों को ट्रैक्टर पर 40 प्रतिशत से लेकर 80 प्रतिशत तक का अनुदान देती है। क्योंकि खेती में काम आने वाले लगभग सभी कृषि यंत्र ट्रैक्टर से ही चलते हैं। कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए किसानों को योजना के तहत ट्रैक्टर पर 40 प्रतिशत और कृषि मशीनरी बैंक खोलने पर 80 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है। वहीं, किसानों को इस योजना के तहत रोटावेटर, कल्टीवेटर, हैरो, पावर टिलर, लेजर लैंड लेबलर, मिनी राइस मिल, ऑयल मिल पर अनुदान मिलता है।

इन कृषि यंत्रों पर मिलेगी सब्सिडी

योजना के तहत कटाई हेतु उपयोगी कृषि यंत्र और कटाई के बाद फसल अवशेष प्रबंधन वाले कृषि यंत्रों पर सब्सिडी दी जा रही है। इन प्रमुख कृषि यंत्रों पर किसानों को 30 से 50 प्रतिशत तक अनुदान मिलता है। ये कृषि यंत्र हैं : 

  1. मिनी राइस मिल
  2. ऑयल मिल
  3. सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम (सुपर एस.एम.एस.)
  4. हैप्पी सीडर
  5. सुपर सीडर
  6. जीरो टिल सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल
  7. श्रब मास्टर
  8. पैडी स्ट्राचापर
  9. श्रेडर
  10. मल्चर
  11. रोटरी स्लेशर
  12. हाइड्रोलिक्स रिवर्सेबल एम.बी. प्लाऊ
  13. बेलिग मशीन
  14. क्रॉप रीपर
  15. स्ट्रा रेक
  16. रीपर कम बाइंडर आदि।

किसानों का कृषि विभाग पोर्टल पर पंजीकृत होना जरूरी

उत्तर प्रदेश कृषि यंत्रीकरण योजना के तहत कृषि संबंधित यंत्रों की खरीदारी करने पर सरकार से किसानों को 30-50 प्रतिशत तक अनुदान मिलता है। अनुदान का लाभ लेने के लिए किसानों को पहले से कृषि विभाग http://upagriculture.com/ पोर्टल पर पंजीकृत होना जरूरी है। इसके बाद इच्छुक व्यक्ति को योजना का लाभ लेने के लिए शासन स्तर से कृषि विभाग, उत्तर प्रदेश के पोर्टल पर आवेदन करना होता है। विभाग द्वारा लॉटरी प्रक्रिया के माध्यम से किसानों का चयन कर कृषि यंत्रों की खरीदारी पर अनुदान का लाभ दिया जाता है। प्रदेश सरकार राज्य में कृषि यंत्रीकरण जैसी विभिन्न योजनाओं का संचालन कर रही है। जिसके तहत किसानों की आय को दुगुनी करने और फसलों के उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को उन्नत किस्म के बीज एवं कृषि यंत्रों की खरीदारी पर सब्सिडी सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है। सरकार का दावा है कि कृषि यंत्र मिलने के बाद किसानों के लिए खेती करना आसान हो जाएगा और खेत में फसलों की पैदावार भी बढ़ेगी। जिससे किसानों की आय में भी वृद्धि होगी। इस योजना का उद्देश्य राज्य के किसानों को बेहतर कृषि यंत्र खरीदने के लिए सरकार द्वारा आर्थिक मदद प्रदान करना है।

सरकार देती है 1 लाख रुपए तक का सहायता अनुदान 

कृषि यंत्रीकरण जैसी विभिन्न सरकारी योजनाओं के माध्यम से राज्य के किसानों को सरकार द्वारा पैकेजिंग और प्रोसेसिंग मशीनों और स्माल गोदाम एवं पक्के खेत खलिहान बनाने के लिए अनुदान दिया जाता है। उप कृषि निदेशक अशोक कुमार यादव ने बताया कि कृषि यंत्रीकरण योजना के तहत 15 से अधिक प्रकार के कृषि यंत्रों पर किसानों को अनुदान दिया जा रहा है। जिसमें किसानों को कृषि यंत्र की खरीदारी करने पर 10 हजार रुपए से लेकर एक लाख तक अनुदान सरकार से मिलता है। इसके लिए किसानों को 2500 रुपए की जमानत राशि के रूप में डिमांड ड्राफ्ट कृषि विभाग के पास जमा करनी पड़ती है। वहीं, 1 लाख से अधिक अनुदान वाले यंत्रों के लिए किसानों को 5 हजार रुपए की जमानत राशि  के रूप में डीडी जमा करने होते हैं। कृषि यंत्रीकरण के तहत कृषि विभाग ने प्रदेश के प्रत्येक जनपदों के लिए लक्ष्य निर्धारित किया है। जिसमें पंजीकृत किसानों से आवेदन भी मांगे जा रहे हैं।

इस तरह होता है हितग्राहियों का चयन

उप कृषि निदेशक अशोक कुमार यादव ने बताया कि कृषि यंत्रीकरण योजना के तहत हितग्राहियों का चयन ई-लॉटरी प्रक्रिया के आधार पर किया जाता है। योजना के चयनित हितग्राही को 30-45 दिनों के अंदर सूचीबद्ध फार्म इंप्लीमेंट निर्माता कंपनियों से कृषि यंत्र क्रय करके खरीदे गए यंत्र का बिल पोर्टल पर अपलोड करना होता है। निर्धारित समय पर बिल अपलोड नहीं करने की स्थिति में लाभार्थी की जमानत राशि जप्त कर सब्सिडी के लाभ से वंचित कर दिया जाता है तथा इस स्थिति में अन्य चयनित किसानों को मौका दे दिया जाता है। बता दें कि लाभार्थी का चयन होने के उपरांत कृषि यंत्र क्रय कर विभागीय पोर्टल पर क्रय रसीद, यंत्र की फोटो को अपलोड करने के लिए 30 दिन और कस्टम हायरिंग सेंटर या फार्म मशीनरी बैंक को 45 दिन का समय दिया जाता है। 

विभाग स्तर पर जारी गाइडलाइन 

कृषि विभागीय स्तर पर जारी गाइडलाइन में यह स्पष्ट किया गया है कि कृषि यंत्रीकरण योजना के तहत पशुचलित या मानव चलित कृषि यंत्र पर एक बार अनुदान का लाभ लेने के पश्चात लाभार्थी को अगले 3 सालों तक योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा। वहीं, शक्तिशाली और ट्रैक्टर चलित कृषि यंत्रों पर एक बार अनुदान का लाभ लेने के बाद लाभार्थी अगले 5 सालों तक योजना का लाभ नहीं ले सकते हैं। इसके अलावा, कस्टम हायरिंग सेंटर या फार्म मशीनरी बैंक के लिए यह अवधि 10 साल निर्धारित की गई है। यानी फार्म मशीनरी बैंक या कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए लाभार्थी 10 साल के पश्चात ही योजना का पुनः लाभ ले पाएंगे। 

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