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मछली पालन सब्सिडी : किसानों को मछली पालन पर मिलेगी 70 प्रतिशत सब्सिडी, होगा लाभ

मछली पालन सब्सिडी : किसानों को मछली पालन पर मिलेगी 70 प्रतिशत सब्सिडी, होगा लाभ
पोस्ट -25 अगस्त 2023 शेयर पोस्ट

मछली पालन सब्सिडी : सरकार दे रही है 70 प्रतिशत की सब्सिडी, अंतिम तारीख से पहले करें आवेदन

बिहार राज्य में जलीय कृषि करने वाले किसान / परंपरागत मछुआरों को भारी सब्सिडी दी जा रही है। इच्छुक पात्र किसान भाई-बहन अंतिम तारीख से पहले योजना के तहत इसके लिए मत्स्य एवं पशुपालन विभाग बिहार की वेबसाइट पर आवेदन सकते हैं। 

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तालाब निर्माण, बोरिंग (नलकूप) पंपसेट के साथ शेड निर्माण और मत्स्य इनपुट आदि के लिए मिलेगी सब्सिडी 

subsidy scheme bihar government : देश की अर्थव्यवस्था में मछली पालन महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में मछली पालन व्यवसाय (fishing business) तेजी से फैल रहा है। आज कई राज्यों में जलीय कृषि करने वाले के छोटे और सीमांत किसानों और मछुआराें के लिए मछली पालन का कारोबार (fishing business) उनकी आय का एक अहम सोर्स बना हुआ है। इसी कड़ी में बिहार सरकार (bihar government) द्वारा राज्य में मछली पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। किसानों को मछली पालन करने के लिए सरकार द्वारा लगातार प्रोत्साहित भी किया जा रहा है। इसके लिए बिहार सरकार, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ( Animal and Fisheries Resources Department bihar) ने “तालाब मात्स्यिकी विशेष सहायता योजना” को लागू किया है। इसके तहत राज्य सरकार द्वारा मछली पालन के लिए तालाब निर्माण, बोरिंग (नलकूप) पंपसेट के साथ शेड निर्माण और मत्स्य इनपुट सहित अन्य कुल इनपुट इकाई लागत पर 70 प्रतिशत तक सब्सिडी देने का प्रावधान किया है। जिससे राज्य में छोटे और सीमांत किसान और मछुआरा मजदूरों को रोजगार से जोड़कर उनकी आय में वृद्धि किया जा सकेगा। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत भी बनाया जा सकेगा। आईये बिहार सरकार की इस योजना के बारे जानते हैं कि इसमें आवेदन कैसे करना है। साथ ही आवेदन करने के लिए किन-किन दस्तावेजों की आवश्यकता लाभार्थियों को होगी।

इनपुट लागत पर 70 प्रतिशत की सब्सिडी

तालाब मात्स्यिकी विशेष सहायता योजना के अंतर्गत पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार द्वारा रियरिंग तालाब निर्माण, बोरिंग पंपसेट की स्थापना, मत्स्य इनपुट, शेड का निर्माण, यांत्रिक एरेटर आदि अन्य सहायक इकाइयों पर इनपुट लागत 10.10 लाख रुपये प्रति एकड़ तय की गई है। इस इनपुट लागत राशि पर लाभार्थी को 70 प्रतिशत तक सब्सिडी (subsidy) दी जाएगी। इसके अलावा, शेष लागत राशि का वहन लाभार्थी को खुद या बैंकों से लोन लेकर पूरा करना पड़ेगा। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार सरकार (Animal and Fisheries Resources Department, Government of Bihar) ने इस योजना में आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 अगस्त निर्धारित की है। यानी राज्य के लाभार्थियों के पास तालाब मात्स्यिकी विशेष सहायता योजना (Pond Fisheries Special Assistance Scheme) में आवेदन कर सब्सिडी का लाभ लेने के लिए बस कुछ ही दिन शेष है। इच्छुक लाभार्थी 30 अगस्त तक अपने सभी जरूरी दस्तावेज के ई-मित्र या ग्राहक सेवा केंद्र की मदद से पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मत्स्य निदेशालय की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। 

किन्हें मिलेगा तालाब मात्स्यिकी विशेष सहायता योजना का लाभ?

बिहार के अति पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों के लिए बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने “तालाब मात्स्यिकी विशेष सहायता योजना” शुरू की है। इसके तहत मछली पालन के लिए तालाब बनाने, बोरिंग पंपसेट की स्थापना और मत्स्य इनपुट सहित सभी संबंधित मंदों के लिए लागत खर्च पर पिछड़ा वर्ग/अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसान और मजदूरों को सब्सिडी दी जाएगी। राज्य के सभी अनुसूचित जाति, जनजाति, अति पिछड़ा वर्ग के किसान और मछली पालन करने वाले मजदूर इस योजना का लाभ लेने के पात्र हैं। तालाब मात्स्यिकी विशेष सहायता योजना का लाभ केवल उसी लाभार्थी को दिया जाएगा, जिन्होंने राज्य की स्वीकृत या पठारी क्षेत्र तालाब निर्माण आधारित योजना का लाभ पहले नहीं लिया है।

योजना में आवेदन करने के लिए इन दस्तावेजों की पडे़गी आवश्यकता

बिहार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा संचालित तालाब मात्स्यिकी विशेष सहायता योजना का लाभ लेने के लिए एससी, एसटी और अति पिछड़ा वर्ग के किसानों के पास न्यूनतम 0.4 एकड़ स्वयं की भूमि होनी चाहिए। एक लाभार्थी ने भूमि लीज पर ली हुई है, तो वे भी इस योजना में आवेदन कर सकते हैं। आवेदनकर्ता के पास एक एकड़ खुद की जमीन होनी चाहिए। लाभार्थी के पास स्वयं की भूमि का मालगुजारी रसीद या भू स्वामित्व का प्रमाण पत्र होना चाहिए। अगर किसान ने जमीन लीज पर ली है, तो लीज की जमीन के लिए जरूरी दस्तावेज में एक हजार रुपए के नोन जुडीशियल स्टांप पर कम से कम 9 साल का एकरारनामा जरूरी है। इन सभी जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता लाभार्थी को आवेदन के समय पड़ेगी। लाभार्थी का चयन उप मत्स्य निदेशक की अध्यक्षता में चयनित कमेटी के माध्यम से किया जाएगा। 

इस तरीके से लाभार्थी कर सकते हैं आवेदन

तालाब मात्स्यिकी विशेष सहायता योजना बिहार का लाभ लेने के लिए लाभार्थी अंतिम तिथि 30 अगस्त तक मत्स्य निदेशालय, बिहार की वेबसाइट https://fisheries.bihar.gov.in/  पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। इच्छुक लाभार्थी खुद या ग्राहक सेवा केंद्र की मदद से भी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। योजना की अधिक जानकारी के लिए लाभार्थी अपने जिले के मत्स्य संसाधन विभाग से भी संपर्क कर सकते हैं।

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