Fasal Bima Yojana : किसान अब पंचायत स्तर पर जमा करा सकेंगे फसल बीमा की राशि

पोस्ट -14 अगस्त 2024 शेयर पोस्ट

Fasal Bima Yojana : पीएम फसल बीमा में सबसे बड़ी समस्या का निपटारा, अब पंचायतों में जमा करा सकेंगे इंश्योरेंस फीस

PM Fasal Bima Yojana : फसल बीमा योजना से जुड़े किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (pradhan mantri Narendra Modi) के मार्गदर्शन में “प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना” (PMFBY) में कई नवाचार किए जा रहे है, ताकि किसानों को प्रभावी ढंग से योजना का फायदा मिले। इस बीच पीएमएफबीवाई (PMFBY) में एक और नवाचार (इनोवेशन) किया है, जिसके तहत योजना की सबसे बड़ी समस्या का निपटारा किया गया है। इस पहल के तहत अब किसानों को पीएम फसल बीमा योजना की राशि जमा करने के लिए ब्लॉक में जाने या चक्कर काटने की काेई जरूरत नहीं होगी। किसान अब ब्लॉक के बजाए अपने पंचायत स्तर पर ही फसल बीमा का पैसा जमा करा सकते हैं। इस संबंध में जानकारी केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दी है।

बता दें कि दावों के निपटारे में देरी न हो इसलिए इस प्रधानमंत्री फसल बीमा क्लेम योजना में नुकसान का आंकलन दृष्टिगत नहीं बल्कि रिमोट सेंसिंग के माध्यम से कम से कम 30 प्रतिशत करना अनिवार्य किया गया है। क्लेम पेमेंट में देरी होने पर इंश्योरेंस कम्पनी पर 12 प्रतिशत पेनल्टी लगाने का प्रावधान किया गया है। साथ ही इस योजना में अब गैर-ऋणी काश्तकार या बटाईदार किसान को भी शामिल कर लिया गया है।

किसानों को नहीं जाना पड़ेगा ब्लॉक (Farmers will not have to go to the block)

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के अनुसार, किसानों को पीएम फसल बीमा योजना (PM- Crop Insurance Scheme) के तहत अपनी फसलों का बीमा लेने/कराने के लिए पहले ब्लॉक में पैसा जमा कराना होता था, जिसमें किसानों का काफी समय बर्बाद होता था और उन्हें मेहनत भी अतिरिक्त करनी होती थी। लेकिन अब किसान अपने गांव की पंचायत में फसल बीमा की राशि जमा करा सकेंगे। इससे उन्हें ब्लॉक नहीं जाना पड़ेगा। पहले फसल बीमा योजना में बीमा अनिवार्य रूप से किया जाता था और बैंक स्वयं ही बीमा शुल्क काट लेते थे। लेकिन सरकार ने अब इस विसंगति को दूर कर योजना को पूर्ण रूप से स्वैच्छिक कर दिया है। किसान चाहे तो बीमा करा सकता है और न चाहे तो न कराए।

रिमोट सेंसिंग से नुकसान आंकलन (Damage assessment using remote sensing)

केंद्रीय कृषि मंत्री ने जानकरी दी कि ग्राम पंचायत स्तर पर फसल बीमा की राशि जमा होने से किसानों को फसल नुकसान की भरपाई जल्दी और प्रभावी ढंग से की जा सकेगी। योजना में नुकसान का आंकलन अब कम से कम 30 प्रतिशत रिमोट सेंसिंग के माध्यम से किया जाएगा, जिससे किसानों को फसल नुकसान की भरपाई जल्दी होगी। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जानकारी दी कि अब इस योजना के माध्यम से बटाई पर खेती करने वाले बटाईदार किसानों को फसल नुकसान की भरपाई की जाएगी। पहले इस योजना के तहत कर्ज मुक्त (गैर-ऋणी) किसान फसल बीमा नहीं कराते थे, लेकिन अब वह चाहे तो फसल बीमा करा सकते हैं।

सरकार ने तैयार किया पोर्टल (Government prepared the portal)

कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने जानकारी दी है कि फसल नुकसान के लिए रिमोट सेंसिंग तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे किसानों के खेत और फसल का सर्वे जल्द हो सकेगा और किसानों को कम से कम दिनों में फसल नुकसान का मुआवजा दिया जा सकेगा। फिलहाल, सर्वे में इस तकनीक का कम उपयोग होता है, जिससे इंश्योरेंस कंपनियों को किसानों को बीमा क्लेम देने में देरी होती है। उन्होंने बताया कि किसानों को तकनीक का फायदा देने के लिए सरकार ने डिजिक्लेम नाम से एक पोर्टल भी तैयार किया है। इस पोर्टल पर किसान अपने फसल नुकसान की जानकारी दे सकते हैं। साथ ही फसल नुकसान की शिकायत भी इस पोर्टल पर आसानी से दर्ज कर सकते हैं। इस पोर्टल पर दर्ज किसानों की शिकायतों का जल्दी निपटारा किया जाएगा।

बीमा कंपनियों के साथ किसानों को भी फायदा (Along with insurance companies, farmers also benefit)

फसल बीमा की इन सभी सुविधाओं के बारे में कृषि मंत्री ने जानकारी दी है। उन्होंने कहा, फसल बीमा में तकनीक के अधिक प्रयोग से बीमा कंपनियों के साथ किसानों को भी फायदा मिलेगा। ब्लॉक स्तर पर फसल बीमा की फीस जमा होने में देरी होती थी, जिससे मुआवजा मिलने में भी देरी होती थी। सरकार ने पैसा जमा कराने की इकाई अब ग्राम पंचायतों को बना दिया है। किसान अपनी पंचायतों में जाकर आसानी से फसल बीमा का पैसा जमा करा सकेंगे। उन्होंने बताया कि बीमा के पैसे का कुछ हिस्सा राज्य सरकारें भी देती हैं, लेकिन उनकी तरफ से अक्सर भुगतान में देरी देखी जाती है। केन्द्र ने इस झंझट का हल करते हुए राज्य सरकार के हिस्से से स्वयं को अलग कर लिया है। इस प्रावधान के तहत केन्द्र अपना हिस्सा तत्काल जारी करेगा, जिससे किसान को कम से कम समय में भुगतान किया जा सकेगा।

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