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ड्रोन पर किसानो को मिलेगी सरकार से 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी अभी करें आवेदन

ड्रोन पर किसानो को मिलेगी सरकार से 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी अभी करें आवेदन
पोस्ट -16 जून 2023 शेयर पोस्ट

ड्रोन पर किसानों को सब्सिडी के साथ-साथ मिलेगा रोजगार, राज्य सरकार का नया प्लान 

Drone technology :  हरियाणा सरकार की ओर से खेती-किसानी में ड्रोन तकनीक को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाया जा रहा है। इसके लिए राज्य सरकार केंद्र सरकार के साथ मिलकर विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को खेती में ड्रोन के प्रयोग करने के लिए सब्सिडी के साथ-साथ ड्रोन उड़ाने ट्रेनिंग भी देती है। दरअसल, हरियाणा की खट्टर सरकार ने किसानों के साथ-साथ युवाओं को भी ड्रोन तकनीक के माध्यम से रोजगार देने का फैसला लिया है, जिसमें राज्य के युवाओं को ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके लिए हरियाणा के कृषि विभाग ने बकायदा अपनी तैयारी शुरू कर चुकी है। कृषि विभाग प्रगतिशील युवाओं को बिना किसी शुल्क के ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण दे रही है। खास बात यह है कि ड्रोन पर केंद्र सरकार किसान और कृषि विज्ञान में डिग्री रखने वाले युवाओं को तय प्रावधानों के तहत सब्सिडी भी देती है। आईये, इस पोस्ट की मदद से हरियाणा सरकार के प्लान के बारे में जानते हैं। 

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ड्रोन पायलट ट्रेनिंग के लिए ये कर सकते हैं आवेदन 

करनाल में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डॉ. आदित्य प्रताप डबास ने जानकारी दी कि हरियाणा कृषि विभाग राज्य के युवाओं और प्रगतिशील किसानों को ड्रोन पायलट प्रशिक्षण योजना के तहत ड्रोन पायलट की निःशुल्क ट्रेनिंग प्रदान कर रही है। जिसके लिए विभागीय पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन प्राप्त किए जा चुके हैं। विभाग पायलट प्रशिक्षण योजना के माध्यम से राज्य में कुल 500 प्रगतिशील किसान और युवाओं को ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए कोई भी 10वीं पास किसान और युवा पोर्टल पर आवेदन कर सकता है। आवेदन करने के लिए अधिकतम आयु 40 साल निर्धारित की गई। हरियाणा के करनाल जिले से कुल 43 प्रगतिशील युवाओं को ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण नि:शुल्क दिया जा रहा है। अगले चरण के लिए शीघ्र ही आवेदन मांगे जाएंगे। 

टेक्नोलॉजी ने किसानों के कार्य को किया आसान

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डॉ. डबास के मुताबिक, कृषि की टेक्नोलॉजी में परिवर्तन ने किसानों के कार्यों को आसान किया है। सरकार अब किसानों को कृषि में ड्रोन तकनीक का प्रयोग करने पर जोर दे रही है, जिसके तहत कृषि विभाग किसानों को ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग देकर ड्रोन स्प्रे टेक्नोलॉजी को बढ़ावा दे रहा है। ड्रोन स्प्रे टेक्नोलॉजी सभी प्रकार की फसलों में कारगर है। इससे फसलों पर यूरिया और कीटनाशकों का छिड़काव करने से, इसी छिड़काव को मानवीय श्रम की मदद से करने पर होने वाले शारीरिक दुष्प्रभाव से भी बचा जा सकता है। ड्रोन स्प्रे से न सिर्फ खाद और कीटनाशक की बचत होती है, बल्कि पानी की खपत भी कम होती है। ड्रोन तकनीक किसानों के साथ-साथ युवाओं के लिए भी रोजगार का माध्यम बन सकती है।

सरकार ड्रोन खरीदने पर दे रही है सब्सिडी

उप निदेशक आदित्य प्रताप द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, राज्य के युवाओं और प्रोगेसिव किसानों को बिना किसी शुल्क के ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। यह पायलट ट्रेनिंग 1 सप्ताह की होगी, जिसमें किताबी ज्ञान एवं प्रेक्टिकल ट्रेनिंग शामिल है। सूबे के युवाओं और प्रगतिशील किसानों को ड्रोन पायलट ट्रेनिंग लेने के बाद ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग खेती में कर सकते हैं। ड्रोन टेक्नोलॉजी के लिए सरकार किसानों को 40 से 75 प्रतिशत तक सब्सिडी भी दे रही है। इसमें ड्रोन खरीदने पर कृषि विज्ञान में डिग्री रखने वाले युवाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु एवं सीमांत किसानों, महिलाओं एवं पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों को 50 प्रतिशत और अन्य किसान वर्ग को 40 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है। वहीं, किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) को सरकार ड्रोन खरीदने पर 75 प्रतिशत तक सब्सिडी दे रही है। 

ड्रोन स्प्रे टेक्नोलॉली से कम वक्त में यूरिया और दवाई का छिड़काव

डॉ. आदित्य प्रताप डबासा बताते हैं कि परंपरागत तरीके से एक एकड़ में दवा के छिड़काव में करीब 150 से 200 लीटर पानी की आवश्यकता होती है, जबकि ड्रोन स्प्रे टेक्नोलॉजी में मात्रा 10 लीटर पानी से 1 एकड़ में दवा का छिड़काव किया जा सकता है। परंपरागत तरीके से एक एकड़ में यूरिया और दवाई का छिड़काव करने में एक घंटे से ज्यादा का वक्त लगता है, जबकि ड्रोन स्प्रे टेक्नोलॉली से 6 से 8 मिनट में छिड़काव आसानी से किया जा सकता है। 

ड्रोन से सभी तरह की फसलों पर हो सकता है आसानी से छिड़काव

विभाग के उप निदेशक डॉ. आदित्य प्रताप डबास बताते हैं कि ड्रोन स्प्रे तकनीक को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग फोकस कर रहा है। इस तकनीक को अपनाने पर सरकार अच्छी सब्सिडी भी मुहैया करवा रही है। ड्रोन स्प्रे तकनीक भविष्य के लिए काफी आशाजनक है। ड्रोन स्प्रे तकनीक न सिर्फ पानी की बचत करती है बल्कि इंसान पर दवा का कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ने देती है। इसके अलावा फसलों पर एक समान यूरिया और दवा का छिड़काव होता है। यह तकनीक सब्जी, गेहूं एवं धान, गन्ना सहित सभी तरह की फसलों में कारगर है। इसकी मदद से कम समय में आसानी से छिड़काव किया जा सकता है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डॉ. आदित्य प्रताप डबास बताते हैं कि आने वाले समय में ड्रोन स्प्रे तकनीक खेती-किसानी का स्वरूप ही बदल देगी।

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