Subsidy on electricity bill : कृषि क्षेत्र में किसानों को सस्ती दरों पर बिजली एवं बिजली बिलों पर राहत देने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें समय-समय पर विभिन्न प्रकार की कई महत्वाकांक्षी योजनाएं संचालित कर रही हैं। जिससे कि किसानों को कृषि कार्यों के लिए बिना किसी आर्थिक परेशानी के मुफ्त बिजली मिल सके। इस कड़ी में राजस्थान सरकार द्वारा भी किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं संचालित की जा रही है। जिनमें से मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना भी एक है। इस योजना के माध्यम से किसानों के बिजली बिल पर सब्सिडी दी जाती है। राजस्थान सरकार के द्वारा संचालित इस योजना के माध्यम से अब तक लाखों किसानों को लाभ पहुंचाया जा चुका है। सरकार ने इस योजना के तहत अनुदान के लिए 747. 30 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। जिस वजह से लगभग 7.50 लाख किसानों को बिजली का बिल शुन्य हो गया है। यानि सूबे के 50 प्रतिशत से अधिक किसानों को कृषि के लिए बिजली फ्री मिल रही है। इस बात की जानकारी सरकार की ओर से ट्वीट् करके प्रदान की गई है। ट्रैक्टरगुरु की इस पोस्ट में हम आपको राजस्थान मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी बताएंगे। योजना से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी जानने के लिए इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़े।
राजस्थान सरकार द्वारा किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने एवं उनकी आयम वृद्धि के लिए मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना को लॉन्च किया गया। योजना का शुभारम्भ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा 17 जुलाई 2021 में किया गया। इस योजना के माध्यम से प्रदेश के मीटर्ड किसान उपभोक्ताओं को बिजली के बिल पर राहत दी जाती है। यह राहत राशि प्रतिमाह अधिकतम 1 हजार रुपए एवं प्रतिवर्ष अधिकतम 12 हजार रुपए है। इस योजना के कार्यान्वयन के लिए प्रदेश सरकार ने 1450 करोड़ का बजट निर्धारित किया था। इस योजना के अंतर्गत सभी पात्र किसान उपभोक्ताओं को विद्युत वितरण निगम द्वारा द्विमासिक बिलिंग व्यवस्था के आधार पर बिजली का बिल जारी किया जाता है। बिजली के बिल की 60 प्रतिशत राशि अनुपातिक आधार पर प्रतिमाह किसानों की दी जाती है। यह अनुदान राशि अधिकतम 1 हजार रुपए प्रतिमाह होती है।
राजस्थान सरकार द्वारा मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना को 17 जुलाई को लॉन्च किया गया था। इस योजना के माध्यम से कृषि उपभोक्ताओं को अधिकतम 12000 प्रति वर्ष का अतिरिक्त अनुदान प्रदान दिया जाता है। मुख्यमंत्री किसान मित्र योजना में लगभग 12.66 लाख से अधिक किसानों को कृषि विद्युत कनेक्शनों पर 291.54 करोड़ का अनुदान दिया गया है। राजस्थान के 1.15 करोड़ से अधिक घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली बिल में राहत देने के लिए मुख्यमंत्री घरेलू विद्युत अनुदान योजना के तहत 752.58 करोड़ का अनुदान दिया गया है। इससे करीब 36 लाख घरेलू उपभोक्ताओं व करीब 7.50 लाख किसानों का बिजली बिल शून्य हो गया है।
किसानों को आर्थिक राहत देने के लिए चलाई गई मुख्यमंत्री किसान मित्र योजना के तहत किसानों के लिए बिजली कनेक्शन लेने पर कोई फिक्स चार्ज नहीं लिया जाता है। मीटर में जितना यूनिट बिजली उठेगा उसमें प्रति यूनिट के हिसाब से 5.50 प्रति से देय होता है। जबकि उसमें से सरकार द्वारा 4.85 रूपये का अनुदान उपभोक्ता को दी जाती है। प्रति यूनिट के हिसाब से 0.65 पैसा देय होता है। इसके अलावा 100 यूनिट तक बिजली का उपभोग करने वाले घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को 50 यूनिट तक निशुल्क बिजली उपलब्ध करवाई जाती है। समस्त घरेलू उपभोक्ताओं को 150 यूनिट तक उपभोग पर 3 रुपए प्रति यूनिट का अनुदान और 150 से 300 यूनिट के उपयोग करने पर 2 रुपए प्रति यूनिट अनुदान दिया जाता है।
बीते दिनों नवीन कृषि बिजली कनेक्शन को लेकर मुख्यमंत्री आवास में हुई ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक में राजस्थान सरकार ने अगले दो वर्षों में किसानों को नवीन कृषि विद्युत कनेक्शन देने के का प्लान बनाया है। साल 2023-24 तक प्रदेश में करीब 4.88 लाख किसानों को चरणबद्ध रूप से नवीन कृषि विद्युत कनेक्शन दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना के तहत राज्य के कई जिलों में वर्तमान समय में किसानों को फसलों की सिंचाई व अन्य कृषि कनेक्शन उपभोक्ताओं को बिजली बिल में राहत दी जा रही है। साथ ही सिंचाई की आवश्यकता को देखते हुए किसानों को बिजली की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। ताकि फसलों को पर्याप्त पानी मिले और किसानों को राहत मिल सके।
सरकार द्वारा किसानों को नए एवं लम्बित बिजली कनेक्शन लगभग 50 प्रतिशत कनेक्शन के कार्य टर्नकी के आधार पर और शेष सीएलआरसी के माध्यम से करवाए जाएंगे। चालू वर्ष 2022-23 के लिए 2 लाख 31 हजार 344 कृषि कनेक्शन जारी किए जाएँगे, तो वहीं अगले वित्तीय वर्ष 2023-24 में 2 लाख 58 हजार 625 किसानों को विद्युत कनेक्शन जारी किए जाएंगे। प्रथम चरण में जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को 71207, जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को 90137 तथा अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को 70 हजार कनेक्शन जारी करने का लक्ष्य दिया गया है।
सरकार द्वारा किसानों को नए एवं लम्बित बिजली कनेक्शन लगभग 50 प्रतिशत कनेक्शन के कार्य टर्नकी के आधार पर और शेष सीएलआरसी के माध्यम से करवाए जाएंगे। चालू वर्ष 2022-23 के लिए 2 लाख 31 हजार 344 कृषि कनेक्शन जारी किए जाएँगे, तो वहीं अगले वित्तीय वर्ष 2023-24 में 2 लाख 58 हजार 625 किसानों को विद्युत कनेक्शन जारी किए जाएंगे। प्रथम चरण में जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को 71207, जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को 90137 तथा अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को 70 हजार कनेक्शन जारी करने का लक्ष्य दिया गया है।
राजस्थान सरकार ने प्रदेश में फसलों की सिंचाई की आवश्यकता को देखते हुए मुख्यमंत्री मित्र ऊर्जा योजना के तहत किसानों को बिजली की पर्याप्त आपूर्ति के लिए लम्बित एवं नए कृषि बिजली कनेक्शन देने का कार्य कर रही हैं। इसके साथ ही सरकार सिंचाई के लिए ग्रिड से जुड़ी बिजली पर निर्भरता भी कम करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा संचालित पीएम कुसुम योजना के अतंर्गत सौर कृषि आजीविका योजना संचालित कर रही है। इस योजना के तहत राज्य सरकार सौर संयंत्र को अपने पर जोर दे रही है। सौर कृषि आजीविका योजना के माध्यम से बंजर-अनुपयोगी जमीन पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए जाएंगे। किसान सोलर संयंत्र से बिजली का उत्पादन करके विद्युत विभाग को बेचकर बढिया आजीविका प्राप्त कर सकते है। बंजर-बेकार जमीनों के मालिक, किसानों, विकासकर्त्ता तथा संबंधित डिस्कॉम या कंपनी को जोड़ा जा रहा है। इसके लिए राज्य सरकार ने एक पोर्टल भी लॉन्च किया है। इसी के साथ-साथ किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली उपलब्ध करवाई जा रही है।
अब गुजरात मॉडल की तरह राजस्थान भी सोलर स्टेट बनने की सफर पर चल पड़ा है। राज्य सरकार ने अक्षय ऊर्जा पर काम करते हुए 10,463 मेगावाट सौर ऊर्जा और 2700 मेगावाट पवन ऊर्जा उत्पादन के लिए भी तमाम यूनिट्स लगाई गई हैं। राज्य में पीएम कुसुम योजना को भी बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसके तहत सितंबर तक 42 मेगावाट क्षमता के सेंटर स्थापित हुए हैं।
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