दशहरा के बाद अब दिवाली त्यौहार आने में कुछ ही दिन शेष है। दिवाली त्यौहार को ध्यान में रखते हुए केंद्र एवं राज्य सरकारें कृषि क्षेत्र में किसानों को और अधिक सुविधा प्रदान देने व उनकी आय में वृद्धि करने के लिए तैयारी करती नजर आ रही है। ऐसे में दिवाली त्यौहार से पहले देश में रबी सीजन 2022-23 की शुरूआत हो चुकी है। हर क्षेत्र के किसान रबी फसलों की तैयारी में जुटे हुए हैं। ऐसे में देश के करोडों किसानों को खुश करते हुए केंद्र सरकार ने बड़ी राहत दे दी है। केंद्र की मोदी सरकार ने देश के किसानों को राहत देते हुए खाद पर मिलने वाली सब्सिडी बड़ी-बड़ी खाद कंपनियों को देने के बजाय सीधे किसानों के हाथ में देना फैसला किया है। इसके लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान खाद योजना की शुरूआत की है। किसानों को खाद खरीदने में किसी भी प्रकार की दिक्कतों का सामना न करना पड़े इसके लिए सरकार अब किसानों को खाद पर सीधे सब्सिडी दे रही है। सब्सिडी का पैसा सीधे किसानों के बैंक खाते में आएगा। तो आइए ट्रैक्टरगुरु के इस लेख के माध्यम से पीएम किसान खाद योजना के बारे में जानते है।
केंद्र की मोदी सरकार वैसे तो किसानों के लिए कई प्रकार की कल्याणकारी योजनाएं चला रही हैं। लेकिन किसानों को रबी सीजन फसलों की खेती करने में कोई परेशानी नहीं हो, इसके लिए किसानों को उर्वरक की खरीद पर डीबीटी के माध्यम से उनके बैंक खाते में सालाना 5 हजार रुपए की सब्सिडी दी जा रही है। यह राशि दो समान किस्तों में दी जाएगी। पहली किस्त 2500 रुपए खरीफ सीजन के शुरू होने से पहले और दूसरी किस्त 2500 रुपए रबी सीजन के शुरू होने से पहले दी जाएगी।
सरकार का मानना है कि जितने भी खाद कंपनी है, उन्हें सब्सिडी न देकर किसानों को सब्सिडी का लाभ देने से उनके पास ज्यादा नगदी होगी। जिससे वह अपनी खेती के लिए उर्वरक ले सके। वर्तमान में कंपनियों को दी जाने वाली उर्वरक सब्सिडी की व्यवस्था भ्रष्टाचार की शिकार है। हर साल सहकारी समितियों और भ्रष्ट कृषि अधिकारियों की वजह से खाद की किल्लत होती है और किसान व्यापारियों और खाद ब्लैक करने वालों से महंगे भाव पर खरीदने को मजबूर होते हैं।
केमिकल एंड फर्टिलाइजर (रसायन एवं उर्वरक) मंत्री के साथ मिलके मोदी सरकार ने किसानों को खाद पर सब्सिडी के रूप में सहायता प्रदान करने के लिए पीएम खाद सब्सिडी योजना को शुरू किया है। योजना के अंतर्गत दी जाने वाली 5000 रुपए की सहायता राशि खाद कंपनियों के बजाय सीधे किसानों के हाथ में देना चाहती है। सब्सिडी का पैसा सीधे उनके खाते में आएगा। किसान के पास अपना खुद का बैंक खाता होना बहुत जरुरी है, जो आधार कार्ड से लिंक होना अनिवार्य है। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक या राष्ट्रीकृत बैंक जहां पर किसान का खाता है। वे यहां पर अपने आधार कार्ड की फोटो कापी, अपनी बैंक पासबुक की फोटो काफी जमा कराना होगा।
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक देश में केंद्र सरकार ने खाद की खरीद पर पूरी तरह से डीबीटी लागू कर दिया है। इसके तहत अब देश में खाद की बिक्री करने वाले जितने भी लाइसेंस धारी खाद विक्रेता है, वो अपने दुकान से खाद की बिक्री पॉश मशनी, एंड्रॉयट फोन, डेस्कटॉप या लैपटॉप के माध्यम से कर रहे हैं। यदि आप इस योजना के तहत सब्सिडी पर खाद खरीदना चाहते है, तो आधार कार्ड और मोबाइल नंबर जरूर रखें, ताकि उन्हें डीबीटी का लाभ दिया जा सके।
नई योजना के लागू होने से किसानों को सीधे सब्सिडी का लाभ दिया जा रहा है। उदाहरण के तौर पर एक बोरी यूरिया की कीमत एक हजार रुपए पर सात सौ रुपए सब्सिडी कंपनियों को सरकार देती थी। बाकी तीन सौ रुपए प्रति बोरी यूरिया का दाम दुकानदार को देते थे। लेकिन इस योजना के तहत अब सीधे किसानों को सब्सिडी का लाभ दिया जा रहा है। अगर आप भी इस योजना का लाभ का लाभ लेना चाहते है, तो इसके लिए पीएम किसान खाद योजना की आधिकारिक वेबसाइट www.india.gov.in/ पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर पीएम किसान के आप्शन को सेलेक्ट करना होगा।
इसके बाद अब आपके सामने पीएम किसान खाद योजना का आवेदन फॉर्म खुल जाएगा।
आवेदन फॉर्म में मंगी गई सभी जानकारी दर्ज करें।
इसके बाद अपना आधार से लिंक मोबाइल नंबर दर्ज कर कैप्चा कोड को भरकर सर्च के बटन पर क्लिक करें।
ओवदन के लिए आधार कार्ड, राशन कार्ड, किसान कार्ड, बैक खाता संख्या, मोबाइल नम्बर, पासपोर्ट साइज फोटो, बैंक पासबुक की फोटो कापी, भूमि खतौनी/पट्टे के कागजात आदि डॉक्यूमेंटस की जरूर होगी।
मीडिया रिपोर्ट्स मुताबिक घरेलू बाजार में यूरिया की कीमत आज 266 रुपये प्रति 50 किलो बोरी है, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत बढ़कर 4,000 रुपये प्रति बोरी है। इस तरह प्रत्येक बोरी पर सरकार को करीब 3,700 रुपये की सब्सिडी देनी पड़ रही है। वहीं घरेलू बाजार में डीएपी की कीमत 1,350 रुपये प्रति बोरी है, जबकि इसकी अंतरराष्ट्रीय कीमत बढ़कर 4,200 रुपये प्रति बोरी हो गई है। जिस पर सरकार को करीब 2501 रूपये की सब्सिडी दे रही हैं। एनपीके का भाव 3291 रुपये प्रति बैग है सरकार द्वारा 1918 रुपये की सब्सिडी देने पर यह आपको 1470 में मिलेगा। एमओपी की कीमत 2654 रुपये प्रति बैग है जिस पर सरकार द्वारा 759 रुपये की सब्सिडी दी जा रही है, जिसके बाद इसकी कीमत 1700 रुपये है।
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