Samagra Gavya Vikas Yojana : कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र में रोजगार देने और कृषकों की आय में वृद्धि करने के मकसद से कई राज्य सरकारें कई तरह की योजना चला रही है। जिनके माध्यम से कृषक परिवारों को पशुपालन समेत अन्य क्षेत्र से जोड़ा जा रहा है। वर्तमान में पशुपालन (Animal Farming) ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने और कृषकों की दैनिक आय के लिए एक अच्छा विकल्प साबित हो रहा है। इसी को देखते हुए बिहार सरकार (Bihar Government) भी पशुपालन पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इसके लिए बिहार सरकार द्वारा राज्य में “समग्र गव्य विकास योजना” क्रियान्वित की जा रही है। इस योजना के माध्यम से सरकार द्वारा राज्य के कृषकों, बेरोजगार युवक-युवतियों को दुधारू पशुओं का डेयरी फार्म खोलने के लिए अनुदान दिया जाएगा। गव्य विकास निदेशालय, बिहार सरकार द्वारा इसके लिए राज्य के इच्छुक लाभार्थियों से आवेदन भी आमंत्रित किए गए हैं। अगर योग्य इच्छुक व्यक्ति राज्य योजना के तहत डेयरी की स्थापना का लाभ लेना चाहते हैं, तो वह गव्य विकास योजना में ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इस लेख में इस संबंध में जानकारी दी जा रही है, जिससे ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया सरल होगी।
गव्य विकास निदेशालय के अनुसार, बिहार समग्र गव्य विकास योजना का उद्देश्य राज्य के सभी वर्गों के कृषकों, पशुपालकों और बेरोजगार युवक-युवतियों को स्व-रोजगार से जोड़कर उन्हें विकास की मुख्य धारा में शामिल करना है, जिससे उनका आर्थिक एवं सामाजिक रूप से उत्थान किया जा सके और राज्य के विकास तथा अर्थव्यवस्था को मजूबती प्रदान करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकें। इस गव्य विकास योजना का क्रियान्वयन राज्य के समस्त जिलों में किया जा रहा है। जो भी गव्य विकास योजना का लाभ लेना चाहते हैं, वे दुधारू मवेशी के लिए डेयरी फार्मिग की स्थापना हेतु अपना आवेदन अपने जिला के जिला गव्य विकास कार्यालय / संबंधित जिला के जिला पशुपालन कार्यालय में दे सकते हैं और योजना के बारे में अधिक जानकारी भी यहां से ले सकते हैं।
निदेशालय के अनुसार, समग्र गव्य विकास योजना के तहत राज्य के सभी वर्ग के लाभार्थियों को 02, 04, 15 और 20 दुधारू मवेशियों की डेयरी की स्थापना के लिए 50-75 प्रतिशत तक अनुदान मिलेगा। यह अनुदान पशुओं की खरीद पर दिया जाएगा। साथ ही लोन-बीमा जैसी कई अन्य सुविधा भी इस योजना के तहत लाभुकों को दी जाएगी। इस योजना के माध्यम से उन्नत नस्ल के 02 एवं 04 दुधारू पशु / बाछी-हिफर की डेयरी इकाई खोलने के लिए एससी-एसटी, ओबीसी वर्ग के लोगों को 75 प्रतिशत अनुदान मिलेगा, जबकि अन्य सभी वर्गों के लाभार्थी व्यक्तियों को 50 प्रतिशत का अनुदान दिया जाएगा। इसी प्रकार, 15 और 20 दुधारू मवेशी/ बाछी-हिफर की डेयरी स्थापना पर सभी वर्गों को इकाई लागत पर अधिकतम 40 प्रतिशत का अनुदान मिलेगा।
गव्य विकास योजना का लाभ राज्य के सभी वर्गों के भूमिहीन कृषक / लघु- सीमांत किसानों/ दुग्ध उत्पादक संगठन और गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले किसानों, शिक्षित बेरोजगार युवक-युवतियों को दिया जाएगा। योजना के प्रावधान के अनुसार, 02, 04 दुधारू पशुओं की डेयरी इकाई स्थापना के लिए कम से कम 15 डिसमिल और 15 एवं 20 दुधारू मवेशी की इकाई हेतु कम से कम 30 डिसमिल अपनी भूमि या लीज की जमीन का होना अनिवार्य है, जिससे मवेशियों के लिए हरे चारे का उत्पादन किया जा सके।
इस योजना के तहत दुधारू मवेशी की डेयरी फार्मिग स्थापना हेतु आवेदन किया जा सकता है। योजना का लाभ केवल बिहार राज्य के मूल निवासी भूमिहीन कृषकों/लघु कृषक/ सीमांत कृषक/ गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने वाले कृषक/शिक्षित बेरोजगार युवक-युवतियों को ही दिया जाएगा। योजना में आवेदन देने के लिए आवेदक की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए। परिवार में कोई भी सदस्य आयकर दाता नहीं होना चाहिए। आवेदन के लिए जरूरी कागजात जैसे आवेदक का पहचान पत्र, आधार कार्ड, मूल निवास प्रमाण पत्र की स्वहस्ताक्षरित दो छाया प्रति, जमीन संबंधी रसीद की छाया प्रति, बैंक का डिफॉल्टर नहीं होने के संबंध में शपथ पत्र, परियोजना प्रतिवेदन की प्रति, डेयरी से संबंधित प्रशिक्षण प्राप्त करने का प्रमाण पत्र, दुग्ध समिति की सदस्यता का प्रमाण पत्र, बैंक खाता पासबुक की छाया प्रति, आवेदन पत्र की दो मूल प्रति और फोटोग्राफ की आवश्यकता होगी।
इच्छुक आवेदक 02, 04, 15 एवं 20 उन्नत नस्ल के दुधारू मवेशी की डेयरी इकाइयों की स्थापना के लिए गव्य विकास निदेशालय, बिहार सरकार की वेबसाइट https://dairy.bihar.gov.in/ पर आवेदन कर सकते हैं। समग्र गव्य विकास योजना का क्रियान्वयन राज्य के सभी जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में किया जाएगा। सभी जिलों में जिला गव्य विकास पदाधिकारी/सम्बद्ध जिला के जिला गव्य विकास पदाधिकारी द्वारा इस योजना के क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदार की गई है। इसलिए इच्छुक लाभार्थी व्यक्ति योजना के लाभ हेतु अपना आवेदन संबंधित जिला के जिला गव्य विकास कार्यालय/संबंधित जिला के जिला पशुपालन कार्यालय में जमा कर सकते हैं। बिहार पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा इस योजना के तहत सहायता राशि जारी की जाएगी।
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