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पशु शेड निर्माण और गोपालन हेतु सरकार से मिलेगी 90 प्रतिशत तक सब्सिडी जाने कैसे करे आवेदन

पशु शेड निर्माण और गोपालन हेतु सरकार से मिलेगी 90 प्रतिशत तक सब्सिडी जाने कैसे करे आवेदन
पोस्ट -19 दिसम्बर 2023 शेयर पोस्ट

गांव में पशुओं के लिए शेड बनाने पर मिलेगा 90 प्रतिशत अनुदान, ऐसे करें आवेदन

Animal Husbandry :  देश के ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के लिए रोजगार के सृजन करने एवं किसानों की आय बढ़ाने में पशुपालन एक महत्वपूर्ण रोल अदा कर रहा है। वर्तमान में पशुपालन (Animal Husbandry) ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की दैनिक आजीविका का एक अच्छा जरिया बनकर उभर रहा है, जिसके कारण सरकार पशुपालन की ओर किसानों का ध्यान केंद्रित करने के लिए उन्हें बंपर अनुदान भी देती है। इस कड़ी में सरकार राज्य में पशुपालन के लिए किसानों को काफी भारी अनुदान देने जा रही है। राज्य के कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री के अनुसार, सरकार राज्य में पशुपालकों को पशुशेड निर्माण और गोपालन के लिए 75 से 90 प्रतिशत तक अनुदान उपलब्ध कराने जा रही है। राज्य की अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान बीस प्रतिशत हो इसके लिए सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किया जा रहा है। वहीं, वीडियो के जरिए से भी पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री ने खूंटी और रामगढ़ में लाभुकों के बीच पशुओं का वितरण किया। आइए जानते हैं कि सरकार द्वारा राज्य में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं और पशुपालकों को पशुपालन के लिए प्रेरित करने हेतु क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध कराने जा रही है सरकार?
 

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खेती के साथ-साथ बाड़ी पर भी फोकस

राज्य के कृषि, पशुपालन और सहकारिता मंत्री बादल ने 15 दिसंबर के दिन रांची के कांके स्थित सूकर प्रजनन प्रक्षेत्र में मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के अन्तर्गत आयोजित पशु-पक्षी मेला सह प्रदर्शनी का उद्धाटन किया। इस मौके पर पशुपालन एवं सहकारिता मत्री द्वारा लाभुकों को  गाय, बैल और बत्तख का वितरण भी किया गया। उन्होंने कहा कि लगातार जलवायु परिवर्तन के चलते राज्य का किसान बीते 2 वर्षों से लगातार प्रभावित हो रहा है। हमारे राज्य के किसानों की आजीविका खेती-किसानी और बाड़ी पर ही निर्भर है। ऐसे में मानसून की बेरुखी के कारण खरीफ फसल की पैदावार प्रभावित हुई है। इसलिए किसानों को खेती के साथ-साथ ही बाड़ी पर भी फोकस करने की आवश्यकता है। इससे पहले कृषि मंत्री बादन ने रांची के होटवार स्थित बत्तख प्रजनन प्रक्षेत्र एवं हरा चारा अजोला शेड का भी उद्घाटन किया।
 

पशु शेड निर्माण और गो पालन हेतु पशुपालकों को अनुदान

पशु पक्षी मेला सह प्रदर्शनी के उद्धाटन अवसर पर पत्रकारों से बातचीत में पशुपालन मंत्री ने कहा कि हमें वैकल्पिक उपाय तलाशने होंगे इसके लिए पशुधन से बेहतर विकल्प और कोई नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कृषि, पशुपालन एवं सहकारी विभाग झारखंड सरकार की ओर से राज्य में किसानों एवं पशुपालकों को सशक्त बनाने के लिए दूध पर प्रति किलोग्राम 3 रुपए की दर से अतिरिक्त अनुदान दिया जा रहा है। पशुपालन निदेशालय द्वारा दुर्गापूजा के अवसर पर कई लाभार्थी महिलाओं के बैंक खाते में बड़ी रकम ट्रांसफर की गई है। इसके साथ ही राज्य सरकार पशु शेड निर्माण एवं गो पालन के लिए 75 से 90 प्रतिशत तक अनुदान उपलब्ध कराने जा रही है। राज्य की जीडीपी में कृषि का योगदान 20 प्रतिशत तक हो इसके लिए हम प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि पशुपालकों को उनकी पसंद के मुताबिक पशु उपलब्ध कराया जाए। कार्यक्रम में वीडियो के माध्यम से भी पशुपालन मंत्री ने खूंटी और रामगढ़ में लाभार्थियों के बीच पशुधन का वितरण किया।
 

पशुपालकों के घर पर ही उपलब्ध होगी पशुओं के इलाज की सुविधा
 
सहकारिता मंत्री ने कहा कि हमने जीर्ण-शीर्ण पशुधन केन्द्रों को पुनर्जीवित करने का काम किया है, जिसकी शुरुआत अब हो चुकी है, जल्द ही विभाग पशुधन के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए मोबाइल वेटनरी एंबुलेंस सेवा की भी शुरुआत करने जा रहा है। उक्त मोबाइल वेटनरी एंबुलेंस में डॉक्टर, कंपाउंडर, दवा, जांच एवं सर्जरी की उचित व्यवस्था होगी। इसके लिए विभाग द्वारा टेंडर जारी करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक मोबाइल वेटनरी एंबुलेंस में तीन विशेषज्ञों की टीम हमेशा मौजूद रहेगी जो पशुपालकों के घर पर जाकर पशुओं का इलाज करेगी। साथ ही पशुधन बीमा का प्रस्ताव भी सहकारी विभाग तैयार करने जा रहा है, जिसके लिए विभिन्न राज्यों के मॉडल का अवलोकन भी किया जा रहा है।


पशुपालकों को पशुपालन क्षेत्र में प्रशिक्षित होना होगा
 
पशुपालन मंत्री बादल ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालक अपनी आय के वैकल्पिक स्रोत के रूप में पशुपालन में रुचि ले रहे हैं। जिससे गाय, सुअर, बकरी, बत्तख, मुर्गी आदि पालन का कार्य बढ़ रहा है। विभाग ग्रामीण युवाओं को पशुपालन क्षेत्र से जोड़कर उन्हें आय का नया विकल्प प्रदान कर रहा है। राज्य में रोजगार की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सरकार विभिन्न विभागों द्वारा पशुधन विकास से संबंधित समान प्रकृति की योजनाओं को एक मंच पर लाने के लिए पूर्व में संचालित योजनाओं को समायोजित कर राज्य में मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना का संचालन कर रही है। इस योजना के माध्यम से विभाग द्वारा पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए पशुपालन क्षेत्र में कई मॉडल विकसित कर रहा है। उन्होंने कहा कि पशुपालकों एवं किसानों को अपनी आय बढ़ानी है और अपने इस सपने को साकार करना है, तो उन्हें अपने पशुओं की सही देखभाल, उनसे होने वाली आय  एवं उनके पालन-पोषण संबंधित पूरी जानकारी लेनी होगी। यानी पशुपालकों को पशुपालन क्षेत्र में प्रशिक्षित भी होना होगा। यदि एक किसान प्रशिक्षित होता है, तो वह अपने गांव और आस-पास के क्षेत्र में 50 किसानों को व्यावहारिक तौर पर शिक्षित कर सकता है। इसके लिए विभाग ने कई स्तर पर प्रयास किए हैं, जिसके अब सकारात्मक नतीजे भी सामने आए हैं।

 

विभाग हर साल पशुपालकों को करता है प्रशिक्षित
 
इस मौके पर पशुपालन विभाग के निदेशक आदित्य रंजन ने कहा कि विभाग का उद्देश्य ट्रेनिंग की गुणवत्ता में सुधार लाना है। विभाग हर साल 9 हजार पशुपालकों को क्षेत्र के लिए प्रशिक्षित करता है और फॉर्म हाउस का यही मकसद है कि झारखंड का प्रत्येक किसान पशुधन के पोषण, रखरखाव और उसका उपयोग आर्थिक समृद्धि के रूप में कर सकें। उन्होंने कहा कि फॉर्म हाउस में सुधार के कई अप्रत्यक्ष परिणाम सामने आते हैं, जो प्रत्यक्ष तौर पर दिखाई नहीं देते लेकिन आपके जीवन को बदलने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है और फॉर्म के जीर्णोद्धार का उद्देश्य भी यही है।  गत चार महीने में कई स्तर पर बदलाव हुए हैं। फॉर्म ने कई स्तर पर प्रयास किये हैं और इसके सकारात्मक नतीजे भी सामने आये हैं।

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