एग्री इंफ्रा फंड : किसानों को आर्थिक दृष्टि से संपन्न और आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें खेती के साथ-साथ कृषि से जुड़े सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों से जोड़ा जा रहा है। इसके लिए भारत सरकार द्वारा कृषि अवसंरचना कोष (एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड ) योजना संचालित की जा रही है। इसके तहत किसानों को वेयर हाउस, कोल्ड स्टोरेज, साईलो, लॉजिस्टिक सुविधा (माल, सेवाओं या सूचनाओं को योजनाबद्ध तरीके सुनिश्चित करना), पैकेजिंग प्लांट, ग्रेडिंग और सॉर्टिंग, खाद्य प्रोसेसिंग यूनिट और फल पकाने के कोल्ड चैन प्लांट जैसे लघु और मध्यम औद्योगिकी इकाईयों के लिए वित्तीय सहायता सुनिश्चित की जाती है। केंद्र सरकार ने कृषि इंफ्रा फंड (AIF) के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2025-26 तक 1 लाख करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान किया है। इसके साथ ही इस योजना के तहत वर्ष 2032-33 तक ब्याज छूट व क्रेडिट गारंटी सहायता दी जाएगी। कृषि एवं कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रचर फंड योजना (AIF) के तहत 39000 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट को मंजूरी भी दी चुकी है। एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रचर फंड योजना (AIF) के तहत कोई भी व्यक्तिगत किसान आवेदन कर सकता है और पात्र होने पर उसे सस्ते दर पर इन सुविधाओं को बनाने के लिए 2 करोड़ रुपए का लोन दिया जाता है। खास बात यह है कि यह लोन भारत सरकार की गारंटी पर दिया जाता है।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा कृषि अवसंरचना कोष योजना (Agriculture Infrastructure Fund) की शुरूआत की गई। एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (AIF) वित्तपोषण सुविधा है। इसे फसलों के पोस्ट हार्वेस्टिंग मैनेजमेंट यानी फसल कटाई बाद मैनेजमेंट अवसंरचना एवं सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए शुरू किया गया। केंद्र सरकार द्वारा संचालित कृषि अवसंरचना कोष योजना का मकसद देश के कृषि एवं संबंधित सेक्टर को मजबूत कर किसानों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाना है। कई राज्य नए वेयरहाउस, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां, पैकेजिंग प्लांट और कोल्ड स्टोरेज के नवीनीकरण एवं निर्माण के लिए इस योजना के तहत वित्तीय सहायता ले रहे हैं, ताकि अपने किसानों को उपज सुरक्षित और संरक्षित रखने के लिए बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित कर सकें। भारत सरकार ने कृषि अवसंरचना कोष का उपयोग कृषि मंडियों के बुनियादी ढांचे (इंफ्रास्ट्रक्चर) का निर्माण और आधुनिकीकरण के काम में लेने की मंजूरी दे दी है।
एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रचर फंड योजना (AIF) के माध्यम से भारत सरकार किसानों, कृषि-उद्यमियों, किसान उत्पादक संगठनों (FPO), स्वयं सहायता समूहों (SHG), संयुक्त देयता समूहों (JLGs) और कई अन्य निजी संस्थानों को फसल कटाई के बाद प्रबंधन (Post-harvest Management), बुनियादी ढांचे और देश भर में सामुदायिक कृषि संपत्ति का निर्माण करने के लिये वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इस योजना के अंतर्गत कोल्ड स्टोरेज, गोदाम (वेयरहाउस) प्रोसेसिंग इकाइयां, पैकेजिंग यूनिट की स्थापना, सब्जियों के लिये प्राथमिक प्रसंस्करण केंद्र, कृषि मशीनरी के किराए के लिये हाई-टेक हब/केंद्र बनाने के लिए 2 करोड़ रुपए तक का ऋण दिया जाएगा। हालांकि, लाभार्थी व्यक्ति / समितियां इसमें जरूरत के अनुसार 2 करोड़ से ज्यादा का ऋण ले सकता है, लेकिन इस योजना में अधिकतम दो करोड़ तक लोन दिया जाता है।
एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रचर फंड (AIF) कृषि बुनियादी ढांचे का निर्माण और आधुनिकीकरण करके फसल कटाई के बाद के नुकसान को कम करने में काफी योगदान दे रहा है, जिसके अंतर्गत किसानों को सफाई, छंटाई, ग्रेडिंग, पैकेजिंग, भंडारण और परिवहन जैसी सुविधा बनाने के लिए बैंकों से दो करोड़ रुपए राशि का ऋण भारत सरकार की गारंटी पर दिया जाता है। यह गारंटी क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज (CGTMSE) के माध्यम से प्रदान की जाती है। इसकी स्थापना भारत सरकार के सूक्ष्य, लघु और मध्यम उद्योग विकास बैंक (एसआईडीबीआई) द्वारा की गई है। भारत सरकार द्वारा इस ऋण पर 3 प्रतिशत की ब्याज सब्सिडी मिलती है, जो अधिकतम 7 सालों तक मिलती रहती है। केंद्र का मानना है कि अगर देश को 5 ट्रिलियन इकोनॉमी वाले देशों की सूची में शामिल करना है, तो कृषि एवं संबंधित क्षेत्र का इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारना होगा।
एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रचर फंड योजना (AIF) में केंद्र एवं राज्य सरकार की किसी भी अन्य योजना के विलय करने की सुविधा है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के एकीकृत पोषक तत्व प्रबंध (आईएनएम) प्रभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड की वाणिज्यिक बागवानी विकास और कोल्डस्टोरेज विकास योजनाओं के लिए एआईएफ का विलय पहले ही कई बाहरी प्रणालियों/पोर्टल के साथ किया जा चुका है। एग्री इंफ्रा फंड वित्तपोषण योजना के माध्यम से ऋण प्राप्त करने के लिए पात्र व्यक्ति को सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइटhttps://www.agriinfra.dac.gov.in/पर जाकर आवेदन करना है। यहां रजिस्ट्रेशन के लिए मांगी गई सभी जानकारी जैसे आप किस काम के लिए लोन ले रहे हैं, उससे संबंधित डीपीआर, जिस बैंक से आप लोन चाहते हैं, उसकी पूरी डिटेल भरकर सबमिट बटन पर क्लिक करना है।
एआईएफ में किसान का रजिस्ट्रेशन होने के 2 दिन बाद आवेदन काे कृषि मंत्रालय द्वारा सत्यापित किया जाएगा। एआईएफ इसके बाद आगे की जरूरी फॉर्मेलिटी पूरा करने के लिए किसान द्वारा बताए गए बैंक शाखा में आवेदन को भेज देगा। बैंक इस आवेदन पर क्या प्रोसेस कर रहा है यह एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रचर फंड को बताना होगा। मसलन अगर किसी किसान का आवेदन रिजेक्ट कर रहा है, तो उसका आधार बताना होगा। बैंक द्वारा बताए गए आधार को एआईएफ (AIF) द्वारा जांच किया जाएगा, इसके बाद कारण सही पाए जाने पर किसान को दुरुस्त करने को कहेगा, अन्यथा बैंक के पास दोबारा फाइल भेजेगा। इसके बाद आवेदक को संबंधित बैंक शाखा से संपर्क कर जरूरी कागजात जमा कराना है। बैंक द्वारा पेपर वेरिफिकेशन होने के बाद, 60 दिनों के अंदर लोन प्रोसेस की प्रक्रिया पूरी कर लोन राशि आपके खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी। बता दें कि एआईएफ अधिकतम 60 दिनों में बैंक को लोन की फाइल का निपटान करने की समय सीमा तय करता है
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