देश के हर एक राज्य में ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन का प्रमुख स्थान है। आज के समय पशुपालन भारतीय अर्थव्यवस्था में अपना अहम योगदान दे रहा हैं। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारें कृषि से लेकर पशुपालन तक सभी क्षेत्रों में कई तरह योजनाएं चला रही है, जिसका लाभ अधिकतर किसानों को लाभ मिल रहा है। इस संबंध में झारखंड सरकार ग्रामीण आबादी को कृषि के साथ-साथ पशुपालन से जोड़ाने के लिए मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना चलाई जा रही है, जिसके तहत किसानों और आपदा, आगजनी, सड़क दुर्घटना से प्रभावित परिवार की महिला, परित्यक्त और दिव्यांग महिलाओं कों पशुओं की खरीद के लिए 75 प्रतिशत से 90 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है। इसके अलावा लोन और बीमा जैसी कई सुविधाओं का लाभ दिया जाता है, ताकि दूध उत्पादन का रकबा बढ़ाया जा सके। अन्य सभी राज्यों की पशुधन योजनाओं के अलावा झारखंड की पशुधन विकास योजना भी समाज कल्याण के कार्य कर रही हैं।
कम आबादी, बड़े क्षेत्रफल और संसाधनों की मौजूदगी के कारण पशुपालन गांवों की दशा और दिशा बदल रही है। इस क्षेत्र में कदम रख कई गरीब किसान और पशुपालन को सफलता मिली है। सफलता के इस सफर को जारी रखते हुए झारखंड सरकार मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के तहत आपदा, आगजनी, सड़क दुर्घटना से प्रभावित परिवार की महिला, परित्यक्त और दिव्यांग महिलाओं को 2 गाय या 2 भैंस खरीदने के लिए 90 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा। वहीं इस योजना के तहत किसानों को सब्सिडी के साथ-साथ लोन-बीमा जैसी कई सुविधा भी मिलेगी। राहत की बात यह है कि यह सभी वर्ग के किसानों के लिए रहेगी। इस पहले पात्रता के अनुसार गाय-भैंस जैसे कई पशुओं की खरीद पर सिर्फ 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता था।
झारखंड सरकार का पूरा प्रयास है कि किसानों को और कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाया जाए। इसके लिए राज्य सरकार किसानो की मदद करने के लिए मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना में संशोधन किया हैं। सरकार द्वारा इस योजना के तहत बकरी पालन, सूकर पालन, बैकयार्ड लेयर कुक्कुट पालन, बायलर कुक्कुट पालन और बत्तख चूजा पालन के लिए भी सब्सिडी की रकम 25 प्रतिशत तक बढ़ा दी गई है। अब पशुपालन निदेशालय द्वारा संचालित योजनाओं के तहत इन पशुओं को पालने के लिए आपदा, आगजनी, सड़क दुर्घटना से प्रभावित परिवार की महिला, परित्यक्त और दिव्यांग महिलाओं को छोड़कर अन्य सभी वर्गों को 75 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी। इससे पहले राज्य के किसान और पशुपालकों को 50 प्रतिशत तक ही अनुदान का लाभ मिलता था।
झारखंड सरकार आपदा, आगजनी, सड़क दुर्घटना से प्रभावित परिवार की महिला, परित्यक्त और दिव्यांग महिलाओं के हित में काम कर रही है। किसान की आर्थिक स्थिति सुधरे एवं समाजन कल्याण का कार्य भी हो जाए इस उद्देश्य से राज्य सरकार ने पशुपालन विभाग के माध्यम से मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना लागू की गया है। पशुपालन विभाग खंडवा के सहायक अधिकारी ने बताया की इस नए संशोधन के तहत किसानों को चैफ कटर का वितरण, मिनी डेयरी, डेयरी प्रोसेसिंग के लिए भी सभी वर्ग के किसानों को सब्सिडी मिलेगी। हालांकि सब्सिडी का गणित अलग-अलग रहेगा।
योजना के तहत सरकार द्वारा हस्तचालित चौफ कटर का वितरण किया जाएगा। इस योजना के तहत प्रगतिशील डेयरी किसानों को भी हस्तचालित चौफ कटर का वितरण पर आर्थिक अनुदान प्रदान किया जाएगा। योजना के तहत एससी-एसटी पशु किसानों के साथ दुग्ध उत्पादक समितियों को 90 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा। पहले ये आर्थिक सहायता सिर्फ 50 प्रतिशत ही थी। इसके अलावा अन्य वर्ग के पशुपालक किसानों को हस्तचालित चौफ कटर का वितरण योजना के तहत 75 फीसदी तक सब्सिडी की सुविधा दी जाएगी।
पशुपालन निदेशालय द्वारा संचालित योजनाओं के उप-योजना कामधेनु डेयरी फार्मिंग के तहत 5 दुधारू गाय/भैंस या 10 गाय/भैंस के साथ मिनी डेयरी पर सब्सिडी भी बढ़ा दी गई है। योजना के तहत पहले एससी-एसटी किसानों को 33.33 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती थी, जिसे सरकार ने बढ़ाकर अब 75 प्रतिशत कर दिया गया है। एवं मिनी डेयरी खोलने के लिए पहले अन्य वर्ग के पशुपालक किसानों को 25 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती थी, जिसे अब बढ़ाकर 50 फीसदी कर दिया गया है। योजना में नए संशोधन के क्रियान्वयन के बाद प्रदेश में दुग्ध उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। इससे किसानों का रुझान और बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के अंतर्गत प्रगतिशील डेयरी किसानों के लिए संचालित योजना के तहत भी दूध प्रोसेसिंग मशीन, पनीर खोवा मशीन, बोरिंग एवं गाय-भैंस की चटाई की खरीद पर भी अनुदान देने का प्रावधान है। इसमें एससी-एसटी पशु किसानों के साथ-साथ दुग्ध उत्पादक समितियों को 90 फीसदी तक सब्सिडी की सुविधा दी जाएगी। वहीं सामान्य, पिछड़ा वर्ग, महिला और अन्य सभी वर्ग के पशुपालक किसानों को 75 फीसदी तक अनुदान दिया जाएगा।
आधार कार्ड
आवेदक का स्थाई निवास प्रमाण-पत्र
जाति प्रमाण-पत्र (केवल एससी-एसटी वर्ग के पशुपालकों के लिए)
राशन कार्ड
विधवा प्रमाण-पत्र (लागू होने की स्थिति में)
बैंक खाता वितरण हेतु बैंक पासबुक की कॉपी
आवेदक का मोबाइल नंबर जो आधार से लिंक हो
दिव्यांग प्रमाण पत्र (लागू होने की स्थिति में)
मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना लाभ राज्य के स्थाई निवासी को प्रदान किया जाएगा। इसके लिए लाभर्थी के पास सभी प्रकार के पशुपालन की जरुरी वस्तुएं पहले से होनी चाहिए। इच्छुक लाभर्थी मुख्यमंत्री पशुधन योजना में ऑफलाइन आवेदन के लिए सबसे पहले अपने नजदीकी किसान कार्यालय में जाना होगा। वहां से योजना का आवेदन फॉर्म लेना होगा। आवेदन फार्म को सही-सही भरकर अपने सभी आवश्यक दस्तावेज को फॉर्म के साथ अटैच कर पशुपालन विभाग के कार्यालय जमा करा देना है। यदि योजना के बारे में अधिक जानकारी लेना चाहते है, तो जिला पशुपालन पदाधिकारी, प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी या पअने पंयायत के मुखिया से संपर्क कर सकते है।
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