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नलकूप, बोरिंग और पंप सेट पर 80% अनुदान,आवेदन तिथि 15 जनवरी तक

नलकूप, बोरिंग और पंप सेट पर 80% अनुदान,आवेदन तिथि 15 जनवरी तक
पोस्ट -01 जनवरी 2025 शेयर पोस्ट

नलकूप, बोरिंग एवं पंप सेट जैसे सिंचाई साधनों के लिए मिलेगा 80 प्रतिशत का अनुदान

Chief Minister Private Tube Well Scheme : कम वर्षा वाले क्षेत्रों में कृषि उत्पादकता बढ़ाने में सिंचाई सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। बिना इसके उत्पादन संभव ही नहीं है। बेहतर सिंचाई व्यवस्था होने से किसान साल में एक से अधिक फसलों की खेती कर सकते हैं। साथ ही अपनी कृषि उत्पादकता भी बढ़ा सकते हैं। आज कृषि क्षेत्र में सिंचाई की अहमियत को समझते हुए केंद्र एवं राज्य की सरकारों द्वारा सिंचाई के लिए कई योजनाएं लागू की गई है। इनके माध्यम से विभिन्न सिंचाई सुविधाएं एवं उनके सहायक यंत्रों के लिए सरकार द्वारा अनुदान लाभ भी दिया जा रहा है। इस कड़ी में बिहार सरकार राज्य के किसानों के लिए खेत में सिंचाई की व्यवस्था कर रही है। इसके लिए जल संसाधन विभाग ने राज्य में मुख्यमंत्री सात निश्चय पार्ट-2 के तहत “हर खेत तक सिंचाई का पानी” योजना लागू की है। इसमें सरकार किसानों को नलकूप हेतु बोरिंग कराने एवं पंप सेट की स्थापना पर 80 प्रतिशत तक अनुदान देगी। यह अनुदान मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना के अंतर्गत अधिकतम 70 मीटर की गहराई तक के लिए दिया जाएगा। मुख्यमंत्री सात निश्चय पार्ट-2 के तहत निजी नलकूप योजना का लाभ लेकर किसान सिंचाई के मामले में आत्मनिर्भर बन सकते हैं।  नलकूप बोरिंग और पंप सेट के लिए इच्छुक किसान 15 जनवरी तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। 

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जाति वर्ग के अनुसार किसानों को अनुदान (Grant to farmers according to caste category)

लघु जल संसाधन विभाग, बिहार सरकार द्वारा किसानों को सिंचाई की सुविधा देने के लिए सात निश्चय-2 के अंर्तगत “हर खेत तक सिंचाई का पानी” योजना का कार्यान्वयन किया जा रहा है। इसके माध्यम से राज्य में “मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना” के तहत किसानों को अपने खेतों में नलकूप बोरिंग और मोटर पंप सेट स्थापित करने के लिए अनुदान दिया जाना है। निजी नलकूप योजना के तहत जाति वर्ग के अनुसार किसानों को अनुदान देने की व्यवस्था की गई है। इसमें चयनित सामान्य वर्ग के किसानों को 50 फीसदी, पिछड़ा वर्ग को 70 फीसदी और एससी-एसटी वर्ग के किसानों को 80 फीसदी तक अनुदान नलकूल बोरिंग और पंप सेट के लिए दिया जाएगा। 

अनुदान का प्रावधान (provision of grants)

मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना के तहत राज्य में कुल 30 हजार नए नलकूपों की स्थापना का प्रस्ताव है। वहीं, लघु जल संसाधन विभाग, बिहार द्वारा किए गए सर्वेक्षण में राज्य के असिंचित क्षेत्र में 21,274 स्थालों को चिन्हित किया गया है, जिनमें निजी नलकूप के लिए 18,747, सामुदायिक नलकूप की मरम्मती के लिए 1646 और डगवेल हेतु 881 स्थल शामिल है। मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना के तहत किसानों को अपने खेत में बोरिंग करवाने पर प्रति मीटर के हिसाब से अनुदान दिया जाएगा, जबकि पंप सेट हेतु एचपी के अनुसार लाभ दिया जाएगा। इस प्रस्तावित योजना में किसानों को कम (शैलो) और मध्यम गहराई के 70 मीटर तक के निजी नलकूप बोरिंग कराने और समर्सिबल एवं सेन्ट्रीफ्यूगल मोटर पंप सेट के लिए अनुदान देने का प्रावधान है। 

बोरिंग के लिए अनुदान दर (subsidy rate for boring)

इस योजना की तहत बिहार सरकार 4 से 6 इंच व्यास का कम (शैलों) और मध्यम गहराई का नलकूप बोरिंग करवाने पर अनुदान देगी। वहीं, 2-5 अश्वशक्ति (एचपी पावर) के समर्सिबल मोटर पंप / सेंट्रीफ्यूगल मोटर पंप सेट के लिए अनुदान दिया जाएगा। बिहार लघु जल संसाधन विभाग की तरफ से मुख्यमंत्री  निजी नलकूप बोरिंग योजना के तहत यह अनुदान दो चरणों में देय होगा। इसमें पहले चरण में बोरिंग करके पानी का जलस्राव निकालने पर, दूसरे चरण में मोटर पंप सेट खरीदने एवं अधिष्ठापित कर चलाने के पश्चात दिया जाएगा। जल संसाधन विभाग ने इस योजना के तहत बोरिंग के लिए अनुमानित लागत प्रति मीटर 1200 रुपए निर्धारित की है, जिस पर सामान्य वर्ग के आवेदकों को 50 प्रतिशत यानी 600 रुपए प्रति मीटर, पिछड़ा / अति पिछड़ा वर्ग के किसानों को लागत  का 70 प्रतिशत यानी  840 रुपए प्रति मीटर और अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के कृषकों को लागत पर 80 प्रतिशत यानी 960 रुपए प्रति मीटर की दर से अनुदान दिया जाएगा। 

मोटर पंप सेट पर अनुदान की दर (Subsidy rate on motor pump set)

योजना के अन्तर्गत सरकार की तरफ से किसानों को सेंट्रीफ्यूगल मोटर पम्प सेट/ सबमर्सिबल पंस सेट दोनों पर अनुदान दिया जाएगा। किसान यह अनुदान 2 अश्वशक्ति  (HP), 3 अश्वशक्ति (HP) और 5 अश्वशक्ति (HP) तक के मोटर पंप सेट के लिए प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना के तहत सरकार सामान्य श्रेणी के किसानों को अनुमानित लागत का 50 प्रतिशत, पिछड़ा / अति पिछड़ा वर्ग के किसानों के लिए 70 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के किसानों को 80 प्रतिशत का अनुदान दिया जाएगा। 

सात निश्चय पार्ट 2 “ हर खेत तक सिंचाई का पानी” अन्तर्गत संयुक्त तकनीकी सर्वेक्षण के उपरान्त चिन्हित स्थलों के व अन्य असिंचित क्षेत्रों के किसान इसके पात्र होंगे। केन्द्रीय भू-जल बोर्ड द्वारा चिन्हित अतिदोहित एवं संकटपूर्ण प्रखंड/ पंचायतों से प्राप्त आवेदनों को या इनमें चिन्हित स्थलों को नलकूप अधिष्ठापन के लिए विचार नहीं किया जायेगा। वैसे प्रगतिशील एवं इच्छुक किसान जिनके पास कम से कम 0.40 एकड़ (40 डिसमिल) का भू–खंड हो इसके पात्र होंगे, जिसमें लघु एवं सीमांत किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी। एक कृषक को एक ही नलकूप बोरिंग और मोटर पंप सेट पर अनुदान मान्य होगा। न्यूनतम 15 मीटर गहराई तक बोरिंग करने पर ही अनुदान मान्य होगा।

आवेदन के लिए दस्तावेज (Documents for Application)

प्रस्तावित योजना में आवेदन के लिए उक्त स्थल पर पूर्व से बोरिंग न हो तथा उक्त स्थल पर नलकूप बोरिंग के लिए पूर्व में कृषि विभाग से अनुदान या अन्य संस्था / विभाग से वित्तीय सहायता न ली हो, इस सन्दर्भ में आवश्यक घोषणा पत्र कृषक से लिया जाएगा। भुगतान आधार आधारित होगा, आधार नंबर बैंक और मोबाइल नंबर से जुड़ा होना चाहिए। भू-धारकता प्रमाण पत्र (एल.पी.सी) जो 1 जनवरी 2023 से पूर्व का न हो। सक्षम प्राधिकार से निर्गत जाति प्रमाण पत्र। फोटोग्राफ (सर्वेक्षित स्थल पर अक्षांश एवं देशांतर के साथ) जिसमें कनीय अभियंता / सहायक अभियंता कृषि सलाहकार / कृषि समन्वयक / संबंधित लाभुक कृषिक एवं उपस्थित ग्रामीण को सम्मिलित किया जाए।

कहां करें ऑनलाइन आवेदन? (Where to apply online?)

सिंचाई के क्षेत्र में जो भी इच्छुक किसान आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं, वे मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना में लाभ के लिए 15 जनवरी 2025 से पहले ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।  लघु जल संसाधन विभाग, बिहार सरकार की ऑफिशियल वेबसाइट पर योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। हर खेत तक सिंचाई का पानी के तहत निजी नलकूप योजना से जुडे़ सभी विवरण कृषक विभागीय पोर्टल पर देख सकते हैं। साथ ही किसान विभागीय कॉल सेंटर 0612-2215605/06 पर कॉल कर सकते हैं। विभाग द्वारा चिह्नित स्थल पर ही कृषकों को बोरिंग करवाना होगा। स्वीकृति के बाद 60 दिनों के अंदर कृषक को बोरिंग गाड़ कर अनुदान दावा पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य होगा। निर्धारित अवधि के अंदर नलकूप नहीं होने ओर आवेदक को पोर्टल पर स्पष्ट कारण अंकित करते हुए इसकी सूचना विभाग को देनी होगी। अन्यथा आवेदन स्वतः ही रद्द माना जाएगा।

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