Sugarcane Crushing Session 2024-25 : गन्ना किसानों के लिए एक राहत भरी खबर है। 2024-25 गन्ना पेराई सत्र के लिए उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों (Sugar Mills) ने गन्ने की पेराई (Sugarcane Crushing) का काम शुरू किया है। प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त प्रभु एन सिंह ने बताया कि गन्ना किसानों के हितों को ध्यान में रखकर प्रदेश में पेराई सत्र 2024-25 का कार्य शुरू कर दिया गया है। प्रदेश की 102 चीनी मिलों ने गन्ना खरीद के लिए इंडेंट जारी कर दिया है। इसमें से 90 चीनी मिलों में पेराई की शुरूतात हो चुका है। इसमें निगम क्षेत्र की एक, सहकारी क्षेत्र की 10 और निजी क्षेत्र की 79 चीनी मिलें शामिल हैं। साथ ही, किसानों के बकाया भुगतान को लेकर भी तेजी दिखाई जा रही है। प्रदेश की 39चीनी मिलों ने मौजूदा सत्र के देय गन्ना मूल्य का भुगतान शुरू कर दिया है, जबकि अन्य मिलें जल्द ही प्रक्रिया शुरू करेंगी।
इसके अलावा, उप गन्ना आयुक्त ने कहा, शुगर मिल द्वारा गत पेराई सत्र में समय से गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया है। इससे क्षेत्र के गन्ना किसान आर्थिक रूप से समृद्ध हुए हैं। उन्होंने किसानों से अधिक से अधिक क्षेत्र में गन्ना बुवाई कर गन्ना उत्पादन बढ़ाएं तथा अपना समस्त गन्ना चीनी मिल में आपूर्ति कर फसल का उचित रेट पाएं। इसे अतिरिक्त सड़क सुरक्षा हेतु यातायात नियमों का पालन करें और मोबाइल फोन पर एसएमएस (SMS) के माध्यम से गन्ना पर्ची मिलने पर ही गन्ने की कटाई करें।
गन्ना एवं चीनी आयुक्त के मुताबिक, प्रदेश की संचालित चीनी मिलों में सहारनपुर परिक्षेत्र की 19 में से 18 चीनी मिलें, मेरठ परिक्षेत्र की 16 में से 16, बरेली परिक्षेत्र की 17 में से 11, मुरादाबाद परिक्षेत्र की 23 में से 22, लखनऊ परिक्षेत्र की 19 में से 13, अयोध्या परिक्षेत्र की 5 में से 4, देवीपाटन परिक्षेत्र की 10 में से 4, देवरिया परिक्षेत्र की 7 में से दो चीनी मिलों ने पेराई कार्य शुरू कर दिया है। इसके अलावा प्रदेश की शेष अन्य 12 चीनी मिलों ने भी अपना पेराई कार्य शुरू करने की सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। इन चीनी मिलों का संचालन भी अगले 2-3 तीन दिनों में शुरू हो जाएगा। 19 अन्य चीनी मिले भी शीघ्र ही संचालित होंगी।
गन्ना आयुक्त ने यह भी बताया कि गन्ना किसानों को बकाया भुगतान को लेकर भी विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। वर्तमान पेराई सत्र 2024-25 के लिए देय गन्ना मूल्य का नियमानुसार भुगतान सुनिश्चित करने के लिए चीनी मिलों को निर्देश दिए गए हैं। 39 चीनी मिलों ने वर्तमान सत्र के तहत गन्ना मूल्य का भुगतान शुरू कर दिया है, जिससे किसानों को राहत मिलेगी। वहीं, इकाई प्रमुख (अयोध्या) रमेश कुमार वर्मा ने बताया कि चीनी मिलें जिले का समस्त गन्ना खरीद एवं त्वरित मूल्य भुगतान के लिए प्रतिबद्ध है। इस वर्ष चीनी मिल समय से शुरू की जा रही है, जिससे किसानों का पेड़ी गन्ना समय से चीनी मिल में आपूर्ति हो सके। इस वर्ष 15 दिसंबर तक सभी किसानों को प्रथम पर्ची उपलब्ध कराई जाएगी। किसान अपने उत्पादन को औने पौने दाम पर कोल्हुओं पर न बेचें। चीनी मिलों द्वारा इस वर्ष भी त्वरित गन्ना मूल्य का भुगतान सप्ताह में दो बार किया जाएगा।
महाप्रबंधक गन्ना रविन्द्र सिंह ने कहा, किसान बिना गन्ना पर्ची प्राप्त हुए गन्ना की कटाई कदापि न करें। गन्ना काटने के बाद उसके वजन में निरंत कमी आती है। पर्ची के अभाव में किसानों को मजबूर होकर गन्ना माफियाओं के हाथ में कम दाम पर बेचना पड़ता है। इस कलिए एसएमएस मिलने पर ही गन्ने की कटाई करें। सूबे में कुल 157 चीनी मिले हैं। इनमें 118 संचालित होती हैं। वर्तमान में चीनी मिलें 340 रुपए प्रति क्विंटल की दर से भुगतान कर रहीं है। पिछले दिनों किसानों ने इसे 450 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग की थी।
गन्ना पेराई सत्र की शुरूआत के साथ ही उत्तर प्रदेश में एक और बड़ी पहल की शुरूआत की गई है। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के समक्ष उत्तर प्रदेश सरकार, सेंट्रल एवियन रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएआरआई) और पीपल फॉर एनिमल्स पब्लिक पॉलिसी फाउंडेशन (पीएफए पीपीएफ) के बीच एक समझौता ज्ञापन ( एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए है। इस सहयोग से यूपी में भारत का पहला मॉडल केज-फ्री अंडा उत्पादन और प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य किसानों को बैटरी केज प्रणाली के विकल्प के रूप में पारंपरिक, मानवीय और लाभकारी मुर्गी पालन पद्धतियों से अवगत कराना है। मुख्य सचिव ने कहा कि यह साझेदारी भारत की पशु कल्याण यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। प्रदेश की किसानों के आर्थिक कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है। यह सहयोग किसानों को आधुनिक पोल्ट्री प्रणाली अपनाने के लिए आवश्यक जानकारी और संसाधन प्रदान करेगा, जिससे उनकी आर्थिक उन्नति के साथ-साथ वैश्विक प्रवृत्तियों के साथ तालमेल बना रहेगा।
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