महंगाई की मार से परेशान आम लोगों के लिए एक राहत देने वाली खबर आयी हैं। टमाटर और प्याज की खुदरा कीमतों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। दरअसल मंडियों में टमाटर, प्याज की आवक में सप्लाई की दिक्कतों के कारण पिछले एक महीने से टमाटर, प्याज की कीमतों भारी तेजी आई हुई थी। पहले से महंगाई की मार से परेशान आम लोगों पर टमाटर, प्याज के भांव की तेजी ने इनका रसोई बजट बिगाड़ दिया था। हालांकि टमाटर के मुकाबले प्याज की कीमतें नियंत्रित थीं। टमाटर की खुदरा कीमतें 52.5 रूपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई थी। इस महीने के आंकड़े से पता चलता है कि टमाटर के खुदरा दाम में पिछले महीने के मुकाबले 29 प्रतिशत तो प्याज के दाम में 9 प्रतिशत की कमी आई है। उपभोक्ता मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में बताया कि मॉनसून की बारिश के कारण मंडियों में आवक बढ़ी है। टमाटर के भाव एक महीने में ही करीब एक तिहाई नीचे आ गए, जबकि प्याज के दाम पिछले साल के मुकाबले 9 फीसदी सस्ते हो गए हैं। पिछले साल के मुकाबले 9 प्रतिशत कमी यानी काफी हद तक नियंत्रण में है। उपभोक्ता मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि मॉनसून बारिश के कारण बाजार में टमाटर की आवक में सुधार हुआ है। देशभर में टमाटर की औसत कीमत 37.35 रुपये प्रति किलोग्राम रही, जो एक महीने पहले 52.5 रुपये प्रति किलोग्राम थी। कीमतों में यह गिरावट मानसून की बारिश के बाद नई फसल तैयार होने की वजह से आई है। सरकार की कोशिशों ने टमाटर-प्याज की कीमतों को नीचे लाने में बड़ी भूमिका निभाई है, तो आइए ट्रैक्टरगुरू की इस पोस्ट के माध्यम से टमाटर, प्याज की कीमतों आई गिरावट के बारें में विस्तार से जानते हैं।
सरकार द्वारा प्याज उत्पादक किसानों को नुकसान से बचाने के लिए बंपर खरीद की गई थी। जानकारी के लिए बता दें कि कृषि विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल देश में प्याज का बंपर उत्पादन हुआ, जो रिकॉर्ड 317.03 लाख टन पहुंच गया. ऐसे में मंडियों में प्याज के दाम घटने की आशंका पैदा हुई, जिसका सीधा नुकसान किसानों को होता। ऐसे में सरकार ने रिकॉर्ड खरीद कर किसानों को भी नुकसान से बचाया और बड़ा बफर स्टॉक भी बना लिया। बयान में कहा गया है कि बंपर की खरीद ने कृषि मंत्रालय द्वारा 317.03 लाख टन के रिकॉर्ड उत्पादन के बावजूद इस साल प्याज की मंडी कीमत को टूटने से बचाने में मदद की है।
कृषि विभाग की रिपोर्ट में जारी आंकड़ों के अनुसार, प्याज की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमत मंगलवार को 25.78 रुपए प्रति किलोग्राम थी। प्याज और टमाटर भारतीय रसोई में इस्तेमाल होने वाले दो प्रमुख खाद्य पदार्थ हैं आने वाले समय में भी प्याज के दाम नियंत्रण में रहे इसके लिए सरकार ने अभी से तैयारी कर ली है। मंत्रालय की तरफ से इस संबंध में बतया गया है कि इस बार प्याज उपभोक्ताओं की आंखों में आंसू नहीं ला पाएगा क्योंकि इसकी कीमतों को स्थिर रखने के लिए सरकार ने चालू वर्ष में 2.50 लाख टन प्याज का भंडार तैयार किया है, जो अब तक का सबसे अधिक खरीदा गया प्याज का बफर स्टॉक है। मंत्रालय ने कहा इस बार प्याज की सरकारी खरीद भी रिकॉर्ड स्तर पर की गई, क्योंकि देश में प्याज का बंपर उत्पादन हुआ है। मंत्रालय के अनुसार सरकार द्वारा प्याज का बफर स्टॉक से आने वाले समय में प्याज की कीमतों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।
मंत्रालय ने कहा, प्याज के बफर स्टॉक की सबसे ज्यादा जरूरत अगस्त से दिसंबर तक होती है, जब इसकी कोई फसल नहीं तैयार रहती हैं। उस दौरान प्याज का बफर स्टॉक कीमतों की तेजी को कम करने के लिए सुनियोजित और लक्षित तरीके से जारी किया जाएगा। स्टॉक को लक्षित खुले बाजार में बिक्री के माध्यम से जारी किया जाएगा और इसे खुदरा दुकानों के माध्यम से आपूर्ति के लिए राज्यों की मांग के अनुरूप केन्द्र एजेंसिया बफर स्टॉक से प्याज को राज्य और सरकारी एजेंसियों को आवंटन कर दिया जाएगा। इससे खुदरा बाजार में प्याज की कीमतों को बढ़ने से रोका जा सकेगा। साथ ही उपभोगक्ताओं को भी महंगाई से राहत मिलती रहेगी। इसमें कहा गया है कि खुले बाजार में जारी करने के लिए उन राज्यों/शहरों को लक्षित किया जाएगा, जहां कीमतें पिछले महीने की तुलना में बढ़ रही हैं और इसे उन प्रमुख मंडियों में भी प्याज की उपलब्धता बढ़ाने के लिए जारी किया जाएगा। जानकारी के लिए बता दें कि पिछले कुछ सालों में देखा गया है कि बफर स्टॉक में प्याज की कमी की वजह से खुदरा बाजार में इसके दाम 150 रुपये किलो से भी ऊपर चले गए थे।
सप्लाई की दिक्कतों के कारण पिछले महीने टमाटर की कीमतों में तगड़ी उछाल आई थी। इससे टमाटर की खुदरा कीमतें 77 रूपये प्रति किलो तक पहुंच गई थी। वहीं देश के कुछ शहरों में इसके भाव 100 रूपये के भी पार जा चुके थें सरकारी आंकड़ों के अनुसार टमाटर उत्पादक राज्यों में आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक के कई शहरों में इसका खुदरा मुल्य 50 से 100 रूपये प्रति किलो के बीच था। कारोबारियों और जानकारों का कहना है कि आंध्र प्रदेश और कर्नाटक जैसे प्रमुख टमाटर उत्पादक राज्यों से सप्लाई कम होने के चलते इसके दाम तेजी से बढ़ते हैं। पूरे देश में टमाटर की औसत कीमतें पिछले महीने में औसत खुदरा कीमत 77 रुपये थी।
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