राजस्थान बजट घोषणा 2025 : राजस्थान की वित्त मंत्री दिया कुमारी (Diya Kumari) द्वारा विधानसभा में भजनलाल सरकार का दूसरा पूर्ण बजट (Rajasthan Budget 2025-26) पेश कर दिया गया है। इस बार बजट में सरकार ने कृषि एवं उद्यानिकी विकास पर जोर दिया है। राजस्थान बजट 2025-26 में सरकार ने गेहूं खरीद पर एमएसपी बोनस, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की राशि में बढ़ोतरी, कृषि यंत्र अनुदान, सिंचाई, तारबंदी के साथ ही कई प्रमुख घोषणाएं की है। इसके तहत, सरकार आगामी वर्ष में इन योजनाओं पर विशेष ध्यान केंद्रित करेगी। इन सभी योजनाओं के अंतर्गत किसानों को 1350 करोड़ रुपए राशि अनुदान देने का प्रावधान बजट 2025 में सरकार द्वारा किया गया है।
विधानसभा में बजट (Rajasthan Budget 2025-26) पेश करते हुए वित्त मंत्री दिया कुमारी ने कहा कि राजस्थान कृषि विकास के लिए कई चीजों पर जोर दिया गया है। बजट 2025 में किसानों के लिए कई अहम घोषणाएं की है, जिससे राज्य के कृषि और सिंचाई क्षेत्र में बड़ा बदलाव आने की उम्मीद है। सरकार ने इस बजट में किसानों की आमदनी बढ़ाने, कृषि उत्पादन को प्रोत्साहित करने और सिंचाई सुविधाओं को बेहतर बनाने पर विशेष ध्यान दिया है।
वित्त मंत्री दीया कुमारी ने राजस्थान बजट 2025 में राज्य में कृषि एवं उद्यानिकी के विकास को सुनिश्चित करने हेतु “राजस्थान कृषि विकास योजना (RajKVY)” के तहत आगामी वर्ष 1 हजार 350 करोड़ रुपए के कार्य करने की घोषणा की है। इस योजना के माध्यम से कृषि की नई तकनीकों, कृषि आदानों, जैविक खेती और क्षमता विकास के काम करवाए जाएंगे। इसमें राज्य कृषि एवं उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित कृषि यंत्र अनुदान, जैविक खेती अनुदान, बीज अनुदान, मधुमक्खी पालन आदि योजनाएं शामिल है।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने बजट में राज्य में 1,000 कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना का लक्ष्य रखा है, जिसके लिए कुल 210 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके तहत, राजस्थान कृषि विकास योजना (RajKVY) के माध्यम से राज्य के सभी ग्राम पंचायत स्तर पर चरणबद्ध रूप से आगामी चार वर्षों में कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना की जाएगी। इस योजना के तहत आधुनिक तकनीकी आधारित पॉवर टिलर, डिस्क प्लाउ, कल्टीवेटर, हैरो, रीपर, ट्रैक्टर चलित कृषि यंत्रों और कस्टम हायरिंग केंद्र के लिए किसानों को 300 करोड़ रुपए का अनुदान दिया जाएगा। सरकार की योजना के तहत लगभग 1 लाख किसानों को लाभान्वित किया जाएगा।
वित्त मंत्री दिया कुमारी ने कहा कि सरकार ने बजट में मनरेगा योजना का लाभ भी किसानों को देने का फैसला किया है। मनरेगा योजना के अंतर्गत कृषि भूमि धारकों, अनुसूचित जाति (SC)/ अनुसूचित जनजाति (ST)/ गरीबी रेखा से नीचे (BPL) वर्ग के एक लाख किसान परिवारों को व्यक्तिगत लाभ की श्रेणी में खेत तालाब (Farm Ponds), डिग्गी (Diggy), फलदार पौधा रोपण (fruit tree planting), मेड़बंदी आदि कार्यों के लिए लगभग 700 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी।
फसलों की पैदावार में बीज गुणवत्ता की महत्वता को देखते हुए सरकार ने 11.50 लाख किसानों को संकर मक्का, 8 लाख किसानों के लिए बाजरा, 5 लाख किसानों को मूंग व मोठ, 7 लाख किसानों को सरसों बीज एवं 1.50 लाख किसानों को सब्जियों के लिए 35 लाख बीज मिनिकिट दिए जाने का लक्ष्य तय किया है, जिसके लिए लिए सरकार ने बजट 2025-26 में 180 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान किया है। उच्च उपज वाले बीजों पर राष्ट्रीय मिशन (National Mission on High Yielding Seeds) के तकनीकी मार्गदर्शन को प्राप्त करते हुए “मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना” के तहत 5.44 लाख कृषकों को गुणवत्ता युक्त बीज उत्पादन के लिए 1.13 लाख क्विंटल बीज दिए जाएंगे। इसके लिए बजट में कुल 63 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
सरकार ने प्रदेश में मिट्टी की उर्वरकता एवं उत्पादकता बनाए रखने के लिए “मृदा शक्ति संवर्धन योजना” के अंतर्गत किसानों को हरी खाद हेतु 3 लाख ढैंचा बीज मिनी किट देने का ऐलान भी अपने बजट में किया है। इसके अलावा सरकार ने प्रदेश में 50 हजार किसानों को “गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना” का लाभ देने की घोषणा भी की है। सरकार कृषि में एआई (AI) का उपयोग कर उत्पादकता बढ़ाने के लिए 50 करोड़ रुपये की लागत से सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस ऑफ़ आर्टिफिशियल इंटिलिजेंस इन एग्रीकल्चर की स्थापना करेगी। इसके अतिरिक्त मक्का फसल की उत्पादकता वृद्धि एवं मूल्य संवर्धन के लिए बांसवाड़ा जिले में 20 करोड़ रुपए की लागत से सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस फॉर मेज स्थापित करेगी।
सरकार ने प्रदेश में मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहित करने हेतु अपने बजट में प्रति वर्ष 2 हजार किसानों को 5 हजार रुपये तक का अनुदान देने का ऐलान किया है। इसके लिए किसानों को मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इस योजना के तहत सरकार इस साल लगभग 11 करोड़ रुपए खर्च करने की कार्य योजना तैयार करेगी। साथ ही भरतपुर में 15 करोड़ रुपये की लागत से सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस फॉर हनी बी-कीपिंग की स्थापना की जाएगी।
प्रदेश में फसलों को नील गाय, जंगली जानवरों एवं निराश्रित पशुओं से होने वाले नुकसान से बचाव के लिए लगभग 75 हजार किसानों को तारबंदी के लिए अनुदान दिया जाएगा। इस योजना के तहत किसानों को 30 हजार किलोमीटर की लंबाई में तारबंदी के लिए अनुदान का लाभ मिलेगा। इसके लिए सरकार द्वारा बजट में 324 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। बजट में सरकार ने “प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना” के तहत आगामी वर्ष में प्रदेश के चयनित जिलों में परियोजनाएं लेते हुए राजस्थान कृषि विकास योजना (RajKVY) से कन्वर्जेंस के लिए 50 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया है।
बजट 2025 में राजस्थान सरकार ने राज्य के दो हज़ार किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों जैसे ग्रीन हाउस, पॉली हाउस, शेड नेट हाउस, प्लास्टिक मल्चिंग, लो टनल उपलब्ध कराने के लिए 225 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। नमो ड्रोन दीदी योजना एवं कस्टम हायरिंग केंद्र पर उपलब्ध ड्रोन के माध्यम से 1 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में नैनो यूरिया और नैनो डीएपी का छिड़काव करने के लिए 2,500 रुपए प्रति हेक्टेयर से अनुदान देने प्रावधान किया है। भूमिहीन कृषि श्रमिकों की कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए 1 लाख कृषि श्रमिकों को 5 हजार रुपये लागत तक के कृषि यंत्र एवं उपकरण उपलब्ध कराए जाने की घोषणा की है। इसके लिए बजट में 50 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान किया है।
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