MNREGA Scheme : सरकार बेराजगारी दर घटाने के लिए देश में कई योजनाएं क्रियान्वित कर रही है। इनमें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) योजना लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है। मनरेगा योजना (MNREGA Scheme) के अंतर्गत पशु शेड निर्माण, कूपों का निर्माण, खेत तालाब का निर्माण सहित अन्य संबंधित कार्य कराए जा रहे हैं, जिससे राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार मिल रहा है, जबकि इससे किसानों को भी काफी लाभ मिल रहा है। राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (एमजीएनआरईजीए) के तहत उत्तर प्रदेश कृषि विभाग द्वारा किसानों के खेतों में तालाब का निर्माण कराया जा रहा है। योजना के तहत प्रदेश सरकार ने पिछले दो वर्षों में 13,245 किसानों के खेत तालाब बनवाए हैं, जिससे किसानों को बेहतर सिंचाई के साथ ही मछली पालन फार्मिंग करने का मौका भी मिल रहा है। किसान तालाब में मत्स्य पालन (fish farming) कर अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है। यह एक भारतीय श्रम कानून और सामाजिक सुरक्षा उपाय है, जिसका उद्देश्य कार्य करने का अधिकार है। मनरेगा को “एक वित्तीय वर्ष में कम से कम k प्रदान करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका सुरक्षा को बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। इसके तहत व्यक्तिगत लाभार्थीपरक कार्यों का लाभ लेकर ग्रामीण परिवार अपनी आर्थिक स्थिति बेहतर कर रहे हैं। यह रोजगार गारंटी योजना ग्रामीण क्षेत्रों में निवास कर रहे लोगों को उनके गांव में ही रोजगार देने का काम तो कर ही रही है, साथ ही योजना के तहत अपना जीवन स्तर सुधारने के इच्छुक लोगों को विभिन्न लाभार्थीपरक कार्यों का लाभ देकर उनके जीवन स्तर में सुधार लाने का प्रयास किया जा रहा है।
मनरेगा योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा व्यक्तिगत लाभार्थी परक कार्य खेत तालाब का निर्माण कराकर किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने का कार्य किया जा रहा है। पिछले दो वर्षों में 13,245 खेत तालाब का निर्माण मनरेगा योजना (MNREGA Scheme) के तहत किया गया है। मनरेगा योजना के तहत बीते वित्त वर्ष 2023-24 में 5,509 खेत तालाब बनाए गए थे, जबकि इस वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 7,736 खेत तालाब का निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है। खेत तालाब (Farm pond) के माध्यम से मत्स्य पालन एवं अन्य संबंधित व्यवसाय कर किसानों की आमदनी बढ़ाने का नया जरिया तो मिला ही है। साथ ही तालाब में संरक्षित पानी द्वारा कम से कम संसाधन से खेतों में सिंचाई की व्यवस्था भी की जा सकती है।
खेत तालाब में सिंघाड़ा की खेती कर सकते हैं और कम से कम लागत पर फसल उत्पादन कर इसे व्यवसाय का साधन बनाया जा सकता है। इससे किसानों की आमदनी में भी वृद्धि होगी। खेत तालाब के माध्यम से वर्ष जल का संरक्षण होता है, जिससे क्षेत्र का भूमि जलस्तर का संतुलन भी बना रहता है। इसके साथ ही किसानों/पशुपालकों को सूखे व गर्मी के मौसम में सिंचाई हेतु पानी की समस्या से भी राहत मिल रही है।
सरकार द्वारा खेत तालाब निर्माण हेतु सब्सिडी व इसके साथ नलकूप, मछली पालन, फसल सिंचाई इत्यादि के लिए सब्सिडी एवं अन्य ऋण सुविधाएं सुनिश्चित की जाती है। साथ ही वन विभाग द्वारा खेत तालाब निर्माण के तहत तालाब के बांधों पर निःशुल्क वृक्षारोपण का कार्य किया जाता है, जिससे उस क्षेत्र का वातावरण स्वच्छ होता है। बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में उत्तर प्रदेश खेत तालाब योजना चला रही है। इस योजना का क्रियान्वयन यूपी के कृषि विभाग द्वारा किया जा रहा है और इसकी फंडिंग केंद्र सरकार की राष्ट्रीय कृषि विकास योजना द्वारा की जा रही है। इस खेत तालाब योजना के अंतर्गत सरकार छोटे और बड़े तालाबों दो तरह के तालाबों का निर्माण करने में मदद कर रही है। तालाब निर्माण की अनुमानित लागत पर किसान वर्ग के अनुसार सब्सिडी दी जाती है, जो डी.बी.टी द्वारा सीधे लाभार्थी किसानों के बैंक खातों में तीन किश्तों में ट्रांसफर की जा रही है। सरकार ने इस योजना के तहत छोटे तालाब का आकार 22 मीटर लंबा, 20 मीटर चौड़ा और 3 मीटर गहरा और बड़े तालाब का मानक साइज 35 मीटर लंबा, 30 मीटर चौड़ा और 3 मीटर गहरा रखने का प्रावधान किया है।
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