Rabi Marketing Season 2024-25 : रबी विपणन सीजन 2024-25 के लिए रबी फसलों की उपर्जान मूल्य यानी एमएसपी पर खरीद की प्रक्रिया कई राज्यों में शुरू की जा चुकी है। मिनिमम सपोर्ट प्राइज (एमएसपी) के तहत किसानों से रबी वर्ष 2023-24 की मुख्य फसलें गेहूं, चना, मसूर, सरसों सहित अन्य फसलों की सरकारी खरीद की जाएगी। क्रय केंद्रों पर गेहूं की बिक्री के लिए किसानों को सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। इस कड़ी में 1 मार्च 2024 से उत्तर प्रदेश में गेहूं की सरकारी खरीद शुरू की जा चुकी है, जो 15 जून तक चलेगी। इस बार प्रदेश सरकार ने गेहूं के लिए 2275 प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) निर्धारित किया है, जो पिछले साल से 150 रुपया अधिक है। योगी सरकार ने निर्देश दिए हैं कि इस दौरान किसानों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए।
खाद्य एवं रसद विभाग के मुबातिक, इस वर्ष बटाईदार किसानों द्वारा भी पंजीकरण कराते हुए गेहूं की बिक्री की जा सकेगी। गेहूं की खरीद के लिए किसानों का खाद्य एवं रसद विभाग के पोर्टल https://fcs.up.gov.in/ पर पहली जनवरी 2024 से ऑनलाइन पंजीयन शुरू है। रबी क्रय प्रबंधन प्रणाली 2024-25 के तहत अब तक 1,09,709 किसानों ने पंजीयन करा लिया है।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के किसानों को बड़ी सौगात दी है। किसान विरोध प्रदर्शन के बीच योगी सरकार ने गेहूं के मिनिमम सपोर्ट प्राइज (MSP) में 150 रुपए वृद्धि करते हुए वर्ष 2024-25 में गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,275 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। पिछले साल राज्य सरकार ने 2125 रुपए प्रति क्विंटल के मूल्य से गेहूं की सरकारी खरीद की थी। प्रवक्ता ने बताया कि गेहूं की बिक्री के लिए किसानों को खाद्य एवं रसद विभाग के पोर्टल, विभाग के मोबाइल ऐप यूपी किसान मित्र पर पंजीकरण-नवीनीकरण कराना अनिवार्य है। किसानों से अनुरोध किया गया है कि गेहूं को ओसाकर, मिट्टी, कंकड़, धूल आदि को साफकर अच्छी तरह से सूखाकर ही क्रय केंद्र पर बिक्री के लिए लेकर जाएं।
पीएफएमएस (PFMS) के माध्यम गेहूं मूल्य का भुगतान
खाद्य एवं रसद विभाग उत्तर प्रदेश के अनुसार, प्रदेश में पहली मार्च से गेहूं की खरीद शुरू होकर 15 जून तक चलेगी। इस दौरान किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए सरकार ने निर्देश जारी कर दिया है। रविवार व अन्य अवकाशों को छोड़कर 15 जून तक क्रय केंद्रों पर प्रतिदिन गेहूं की खरीद सुबह 9 से शाम 6 बजे तक चलेगी। खाद्य विभाग और अन्य क्रय एजेंसियों ने प्रदेश भर में कुल 6,500 क्रय केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई है। विभाग ने गेहूं के मूल्य का भुगतान पीएफएमएस (PFMS) के माध्यम से सीधे किसानों के आधार लिंक खाते में 48 घंटे के अंदर करने की व्यवस्था की है।
विभाग के मुताबिक, बटाईदार किसान भी इस वर्ष पंजीकरण कराकर अपने गेहूं की बिक्री कर सकेंगे। क्रय केंद्रों पर गेहूं खरीद के दौरान किसानों को सुविधा उपलब्ध कराने के लिए विभाग द्वारा पूरी तैयारी कर ली गई है। किसी भी विषम परिस्थितियों के लिए विभाग ने टोल फ्री नंबर 18001800150 जारी किया है। किसी भी समस्या के समाधान के लिए किसान जिला खाद्य विपणन अधिकारी या तहसील के क्षेत्रीय विपणन अधिकारी या ब्लॉक के विपणन अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।
बता दें कि वर्ष 2023-24 में गेहूं की खरीद के लिए कुल 1,64,538 किसानों ने अपना रजिस्ट्रेशन विभागीय पोर्टल पर कराया था, जिसमें करीब 54,684 (एक तिहाई) किसानों ने 5894 क्रय केंद्रों पर 2.19 लाख मीट्रिक टन गेहूं उपार्जन मूल्य पर बेचा था। वहीं साल 2022-23 में गेहूं की सरकारी खरीदी के लिए 5683 क्रय केंद्र बनाए गए थे। इन क्रय केंद्रों पर कुल 3.35 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी हुई थी। खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा इस साल राज्य में गेहूं की बंपर पैदावार होने के अनुमान बताया गया है। क्योंकि इस साल प्रदेश में सर्दी अच्छी रही, जिसके चलते इस साल गेहूं का उत्पादन 11.4 करोड़ टन होने का अनुमान लगाया गया है।
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