Cabinet Meeting : देश में किसानों को उनकी फसल पैदावार के लिए लाभकारी और उचित मूल्य मिले, इसके लिए सरकार द्वारा फसलों की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर की जाती है। वहीं, कुछ राज्य सरकारें अपने स्तर पर विभिन्न फसलों की खरीद पर बोनस भी देती है, जिससे अधिक से अधिक किसानों को एमएसपी पर उपज बेचने के लिए प्रेरित किया जा सके। वर्तमान में छत्तीसगढ़ के धान किसानों को एमएसपी पर बोनस दिया जा रहा है, जबकि हाल ही में झारखंड की सोरेन सरकार ने किसानों को धान की समर्थन मूल्य (MSP) खरीद पर प्रति क्विंटल 100 रुपए का बोनस देने का फैसला लिया है। इस कड़ी में तेलंगाना के किसानों के लिए खुशखबरी है। सरकार ने धान की उन्नत किस्म का उत्पादन करने वाले किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के अलावा 500 रुपए प्रति क्विंटल का बोनस देने का फैसला किया है। तेलंगाना मंत्रिमंडल द्वारा इसके लिए 2500 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की गई है। कैबिनेट से मंजूरी की गई धनराशि को धान किसानों को बोनस देने पर खर्च किया जाएगा, जिससे धान की बेहतरीन किस्म की खेती करने वाले किसानों को फायदा होगा। मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया।
कैबिनेट बैठक में लिए गए निर्णयों के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए मंत्री पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी, डी श्रीधर बाबू और कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी ने कहा कि सरकार आगामी खरीफ सीजन से धान की सुपरफाइन किस्म के लिए 500 रुपए प्रति क्विंटल बोनस देगी, जो विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस द्वारा किए गए वादे को पूरा करेगा। मंत्रिमंडल से इसके लिए 2500 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। यह राशि किसानों को बोनस देने के लिए खर्च की जाएगी। सरकार के अनुमान के अनुसार, किसानों को एमएसपी के अलावा प्रति एकड़ लगभग 10 हजार रुपए दिए जाएंगे। यानी 2,500 करोड़ रुपए की मंजूरी सरकारी क्रय केंद्रों के माध्यम से धान खरीदने के लिए किए गए बजट आवंटन के अतिरिक्त है।
सरकार की जानकारी के अनुसार, इस निर्णय का उद्देश्य किसानों को राशन की दुकानों के माध्यम से वितरण के लिए सुपरफाइन धान की खेती करने और छात्रावासों और मध्याह्न भोजन योजना के लिए सुपरफाइन चावल की आपूर्ति करने के लिए प्रोत्साहित करना है। द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार कहा जा रहा है कि सरकार किसानों को 10,000 रुपए प्रति एकड़ बोनस भी देगी। तेलंगाना कांग्रेस सरकार को उम्मीद है कि इस खरीफ वर्ष राज्य में कुल 154 लाख मीट्रिक टन धान का उत्पादन होगा, जिसमें से 80 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जाएगी। धान की खरीद करने के लिए सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। साथ ही मंडियों में सारी तैयारियां कर ली गई हैं, जिससे उपज बेचने के लिए आने वाले किसानों को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी।
सरकार का अनुमान है कि क्रय केंद्रों पर आने वाले 80 लाख मीट्रिक टन धान में से करीब 50 लाख मीट्रिक टन धान की सुपरफाइन किस्म होगी। राशन की दुकानों के माध्यम से वितरण के लिए और छात्रावासों और मध्याह्न भोजन योजना में सुपरफाइन चावल की आपूर्ति करने के लिए 36 लाख मीट्रिक टन सुपरफाइन धान की आवश्यकता है। राशन की दुकानों के माध्यम से लोगों को सुपरफाइन धान वितरित करके, सरकार को उम्मीद है कि उपभोक्ताओं द्वारा चावल का बेहतर उपयोग किया जाएगा। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) जैसी संस्थाओं द्वारा किए गए अध्ययनों के मुताबिक, तेलंगाना में किसान औसतन 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान का उत्पादन करते हैं।
तेलंगाना सरकार के अनुसार, गत जुलाई महीने में यह खबर सामने आई थी कि तेलंगाना में रबी धान की खरीद प्रक्रिया बंद हो गई है। सरकार ने रबी सीजन के 48 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद पूरी कर ली है, जिसमें बारिश में खराब हुए धान स्टॉक भी शामिल हैं। नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सरकार को 74 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद की उम्मीद थी, हालांकि किसानों ने 20 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान मिल मालिकों और निजी खरीददारों को एमएसपी से बेहतर दामों में बेचा। सरकार ने लगभग 9 लाख किसानों से धान खरीदा और उनके बैंक खातों में 10,547 करोड़ रुपए का भुगतान जमा किए।
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