MSP BONUS : खरीफ सीजन 2024 में धान के किसानों से एमएसपी यानी समर्थन मूल्य पर धान की रिकॉर्ड खरीदी हुई है। इस बार सरकार ने एमएसपी (MSP) पर किसानों से कुल 144.9 लाख टन धान की रिकॉर्ड खरीद की है। धान खरीद के चालू सीजन 2024 में राज्य के 24 लाख 72 हजार से अधिक किसानों ने सरकार को एमएसपी पर धान बेचा है, जिसके एवज में किसानों को 30 हजार 68 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है।
राज्य सरकार ने पीएम नरेंद्र मोदी की गारंटी को पूरा करते हुए इस वर्ष किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल तक धान की 3100 रुपये प्रति क्विंटल के मान से खरीद सुनिश्चित की, तो वहीं मुख्यमंत्री के निर्देश पर धान खरीद के बकाया बोनस का भुगतान भी किसानों के खाते में किया जाने लगा है। साथ ही सरकार ने किसानों को भरोसा दिलाया है कि चालू खरीफ सीजन में एमएसपी यानी समर्थन मूल्य पर धान की खरीद का बोनस जल्द ही किसानों के खाते में पहुंचाया जाएगा। ऐसे में अब एमपी में भाजपा सरकार पर भी एमएसपी पर बोनस (Bonus on MSP) देने के वादे को पूरा करने का दबाव बढ़ गया है। छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार द्वारा किसानों को धान एमएसपी पर बोनस देने के वादा को पूरा करने के बाद अब एमपी में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की गारंटी पूरी होने की आस किसानों में बनी है। कहा जा रहा है कि अब एमपी में जल्द ही सरकार द्वारा इस मांग को पूरा करने के लिए बड़ा कदम उठाया जाएगा। आईए, इस पोस्ट की मदद से इस पूरी खबर के बारे में विस्तार से जानते हैं।
राज्य सरकार की ओर से चालू खरीफ सीजन 2024 में किसानों से एमएसपी पर कुल 144.92 लाख टन धान की रिकॉर्ड खरीद हुई है। छत्तीसगढ़ में किसानों से इस सीजन में 4 फरवरी 2024 तक धान की खरीद एमएसपी मूल्य पर की गई है। सरकार द्वारा धान की खरीदी के लिए निर्धारित समय सीमा में राज्य के 24 लाख 72 हजार से अधिक किसानों ने चालू सीजन में धान बेचा है, जिसके एवज में किसानों को 30 हजार 68 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। वहीं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर किसानों को धान का बकाया बोनस का पैसा देना भी शुरू किया गया है। छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से बताया गया है कि नवगठित मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार ने पीएम नरेन्द्र मोदी की गारंटी के तौर पर चालू खरीफ सीजन (CG Dhan Bonus 2024) में किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल के मान से पूर्व में निर्धारित धान का उपार्जन मूल्य 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीदी की गई है। इसमें 2185 रुपए प्रति क्विंटल एमएसपी के साथ 915 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बोनस राशि शामिल है।
सीएमओ की ओर से बताया गया कि भाजपा सरकार ने अपने चुनावी वादे के अनुरूप किसानों को धान का दो साल का एमएसपी पर उपार्जित धान के एवज में 300 रुपए प्रति क्विंटल की दर से 3716 करोड़ से अधिक राशि का बकाया बोनस का भुगतान दिया जा रहा है। सरकार के निर्देश पर किसानों के खाते में समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान का बकाया बोनस राशि का भुगतान किया गया है। साथ ही राज्य सरकार ने किसानों को भरोसा दिलाया है कि चालू खरीफ सीजन में एमएसपी पर धान की खरीद का बोनस जल्द ही किसानों को कर दिया जाएगा। राज्य के किसानों को बीजेपी सरकार तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की गारंटी पूरी होने से सपनों के साकार होने की आस बनी है। पिछले दो साल का धान का बकाया बोनस (Bonus) मिलने से किसान अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम तो होंगे ही, साथ में उन्हें आगामी योजना को अमली जामा पहनाने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार ने बताया कि छत्तीसगढ़ में किसानों को खरीफ विपणन वर्ष 2014-15 और वर्ष 2015-16 में धान खरीद की बोनस राशि 3716 करोड़ 38 लाख 96 हजार रुपए का भुगतान किया जा रहा है। पीएम मोदी की गारंटी पूरा होने से किसानों के चेहरे खिल गये हैं। वही, अब पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश (MP) में नवगठित मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सरकार पर किसानों को चुनावी वादे (Election Promise) के अनुरूप एमएसपी पर बोनस देने का दबाव बढ़ गया है। एमपी में भी विधानसभा चुनाव के दौरान बीजपी ने पीएम मोदी की गारंटी के रूप में गेहूं की खरीद 2700 रुपये प्रति क्विंटल और धान की खरीद 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से करने का वादा किया था। राज्य में इस रबी सीजन के लिए एमएसपी पर गेहूं की सरकारी खरीद के लिए किसानों से रजिस्ट्रेशन कराया जा रहा है। हालांकि एमपी सरकार की ओर से इस बात को स्पष्ट नहीं किया गया है कि एमएसपी पर बोनस कब दिया जाएगा।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सरकार द्वारा मोदी की गारंटी के अनुरूप राज्य के किसानों को दो वर्ष के बकाया बोनस राशि का भुगतान किया जा रहा है। राज्य के जांजगीर चांपा जिले के नवागढ़ विकासखंड के ग्राम पंचायत अमोरा के किसान खम्हन तिवारी ने बताया कि उन्हें इस साल धान का बकाया बोनस मिला है, जिसे पाकर वे गदगद हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने बोनस का जो वादा किया था, वो पूरा हुआ, यह बोनस हमारे लिए बड़ी सौगात है। उन्हें बकाया बोनस के रुप में 43, 800 रुपए मिले हैं। वह इस राशि का उपयोग घर की जरूरतों के साथ ही खेती किसानी के लिए करेंगे।
कांकेर जिले के ग्राम सरंगपाल की वयोवृद्ध महिला किसान 85 वर्षीया भागोबाई को इस साल धान के बकाया बोनस (Paddy Bonus) के तौर पर कुल 1,72,320 रुपए मिले हैं। डीबीटी के माध्यम से जैसे ही बोनस राशि उनके खाते में आई, उनके चेहरे पर चमक आ गई। किसान भागोबाई बताया कि इस पैसे से अपना घर बनवाऊंगी। साथ बोनस की राशि से खेती के काम और लोन चुकाने में भी मदद मिलेगी।
दंतेवाड़ा जिले के गीदम गांव के निवासी किसान पूरनचंद सोनी ने बताया कि उनके खाते दो साल के बकाया बोनस के रूप में 64 हजार 480 रुपए जमा हुए। वहीं चितालंका गांव के निवासी किसान राजेंद्र सेठिया ने बताया उन्हें भी दो साल के बोनस के रूप में 64 हजार 640 रुपये मिले हैं। वे इन पैसे का उपयोग बच्चे की अच्छी पढ़ाई-लिखाई और उनकी स्कूल फीस भरने के लिए करेंगे। कांकेर जिले के गांव बेवरती के किसान जैनुराम नेताम के खाते में 57,600 रुपए जमा हुए हैं। नाथिया नवागांव के किसान भरत लाल मटियारा को 54,240 रुपए मिले हैं। गांव कवलनार की महिला किसान गीता ने भी बोनस राशि मिलने पर मुख्यमंत्री साय का आभार जताया है।
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