UP Cabinet : किसानों की भलाई हेतु सरकार की तरफ से कई काम किए जा रहे हैं, ऐसे में किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। किसानों और कृषि उपज मंडी से जुड़े कारोबारियों को बड़ी सौगात देते हुए प्रदेश की योगी सरकार ने उपज मंडी कानून में संशोधन करने का फैसला लिया है। कृषि विभाग के इस प्रस्ताव को उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने मंजूरी भी दे दी है। है। इससे राज्य के किसानों को अब दूसरे राज्यों के व्यापारियों को अपनी उपज बेचने का मौका मिलेगा, बल्कि राज्य के व्यापारी भी दूसरे राज्य के किसानों से कृषि उत्पाद खरीद सकेंगे। प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद बताया कि अब तक जो किसान प्रदेश से बाहर अपने उत्पाद नहीं बेच सकते थे उन्हें अनुमति देने के लिए एवं खासतौर से उनकी आमदनी बढ़ाने के लिए मंडी उत्पादन 28वां संशोधन नियमावली 2023 को अमल में लाने के संबंध में प्रस्ताव आया था जिस पर योगी कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के किसान अपना कृषि उत्पाद राज्य के बाहर अन्य दूसरे राज्यों में भी बेच सकेंगे और बाहर के किसान भी अपने उत्पाद उत्तर प्रदेश में बेच पाएंगे।
किसानों के लिए बढ़ेंगे उपज बेचने के विकल्प
प्रदेश सरकार ने किसानों को बड़ी सौगात देते हुए मंडी नियमावली में बदलाव के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यूपी कृषि उत्पादन मंडी (28 वां संशोधन) नियमावली 2023 में संशोधन करने के प्रस्ताव पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। इसके माध्यम से कृषि उपज की खरीद फरोख्त के लिए अब नए सिरे से लाइसेंस जारी किया जाएगा। उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि अब प्रदेश के किसान प्रदेश से बाहर अपना उत्पाद उस राज्य में बेच सकेंगे जहां उन्हें बेहतर दाम मिल रहे होंगे और बाहर के किसान भी अपना माल प्रदेश में बेच पाएंगे। उन्होंने बताया कि किसानों को उपज का बेहतर दाम मिल सके, इसके लिए मंडी कानून में संशोधन करने से ज्यादा विकल्प मिल सकेंगे।
कृषि उत्पाद बाजार प्रतिस्पर्धा बढ़ने से उपभोक्ताओं को मिलेगा लाभ
वित्त मंत्री खन्ना ने कहा है कि इससे कृषि उपज मंडी के बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। इससे न केवल किसानों को लाभ होगा, बल्कि बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ने से राज्य के उपभोक्ताओं को भी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से उत्तर प्रदेश में कृषि उत्पादों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर बाजार उपलब्ध कराया जा सकेगा। दूसरे राज्यों के व्यापारियों को उत्तर प्रदेश के किसानों की उपज खरीदने एवं प्रदेश के व्यापारियों को बाहर के राज्यों के किसानों की उपज खरीदने के लिए लाइसेंस जारी किया जाएगा।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यूपी सरकार ने यह निर्णय कृषि उत्पाद विपणन ( Agro Product Marketing) में सुधार के लिए केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही ई-नाम परियोजना के अंतर्गत लिया है। इसके लिए मंत्रालय द्वारा पारित निर्देशों के तहत 13 तरह के सुधारों में से 12 सुधारों को पूर्व में ही लागू कर दिया गया था। अब परस्पर व्यापार संबंधी सुधार के लिए मंडी उत्पादन 28 वां संशोधन नियमावली 2023 में संशोधन किया गया है।
गांवों में 4 जी मोबाइल सेवाओं की उपलब्धता
खन्ना ने बताया कि कैबिनेट ने एक अन्य फैसले में देश में मोबाइल कनेक्टिविटी से वंचित गांवों में 4जी मोबाइल सेवाओं की उपलब्धता से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दी है। सरकार की इस योजना से प्रदेश में विभिन्न जिलों के 361 चिन्हित गांवों को लाने के लिए 226 स्थानों पर नए मोबाइल टावर स्थापित करने के लिए ग्राम सभा की 200 वर्ग मीटर जमीन जिला प्रशासन के माध्यम से भारत संचार निगम लिमिटेड को निशुल्क उपलब्ध करायी जाएगी।
उन्होंने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने पहले घोषणा की थी कि लखनऊ स्थित संजय गांधी परास्नातक आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में एक ‘पीडियाट्रिक सेंटर’ का निर्माण हो। इस संबंध में मंत्रिमण्डल के समक्ष आये प्रस्ताव को भी स्वीकार कर लिया गया। खन्ना ने कहा कि 573 बेड के इस अत्याधुनिक ‘पेडियाट्रिक’ केंद्र का निर्माण दो चरणों में किया जाएगा। इसके निर्माण पर 199 करोड़ 10 लाख 52000 रुपये का खर्च अनुमानित है।
प्रदेश में खोली जाएगी जैविक उत्पादों की मंडी
उत्तर प्रदेश के 16 जनपदों में जल्द ही जैविक उत्पादों की मंडियां खोली जाएंगी। ये जैविक मंडियां पूरी तरह से अत्याधुनिक और अन्तराष्ट्रीय स्तर पर भी कारोबार करने में सक्षम होंगी। इसके लिए मंडियों को ई-मार्केटिंग से जोड़ा जाएगा। इससे प्रदेश से जैविक कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा वहीं जैविक फसलें उगाने वाले किसानों को भी स्थानीय स्तर पर ही बेहतर बाजार मिलेगा। इससे काश्तकार तो लाभान्वित होंगे ही देश को भी जैविक उत्पाद निर्यात से विदेशी मुद्रा प्राप्त करने में सफलता मिलेगी। प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देने और निर्यात का रास्ता खोलने की दिशा में सरकार की तरफ से इसे एक बड़ा कदम माना जा रहा है। बताया जाता है कि जैविक विपणन केंद्र के नाम से खुलने वाली इन मंडियों की स्थापना के लिए सरकार की ओर से पहले चरण में 100 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
प्रदेश के इन जिलों में होती है जैविक खेती
वर्तमान में बलिया, बिजनौर, बदायूं, बुलंदशहर, फर्रुखाबाद, गाजीपुर, हरदोई, कासगंज, कौशाम्बी, शाहजहांपुर एवं उन्नाव जिलों में जैविक पद्धित से मक्का, धान, गन्ना, बासमती धान, बाजरा, शकरकंद, अरहर व तिल के अलावा सब्जियां एवं फल का उत्पादन किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, प्रदेश के पांच जिले ऐसे हैं जहां पहले से ही बड़े स्तर पर जैविक पद्धति से खेती होती है। इसमें मुजफ्फनगर, फतेहपुर, अलीगढ़, कानपुर नगर तथा कानपुर देहात में नियमित रूप से जैविक खेती होती है। नई जैविक मंडियां भी इन्हीं जनपदों में स्थापित की जाएंगी।
Website - TractorGuru.in
Instagram - https://bit.ly/3wcqzqM
FaceBook - https://bit.ly/3KUyG0y
रबी सीजन के लिए किसानों को सस्ती दरों पर मिलेगी DAP और NPK खाद
Animal Husbandry : सर्दियों में बछड़ों की देखभाल और मौसमी बीमारियों से बचाव
सरकार ने बढ़ाया गन्ने का रेट – किसानों को ₹415 प्रति क्विंटल का बड़ा तोहफा
महिंद्रा OJA सीरीज के 7 मॉडल: जानें फीचर्स, कीमत और पावर प्रदर्शन
Mahindra Expands Farm Machinery Range with Groundnut Thresher for 4 States
Dairy Business : युवाओं को कामधेनु योजना के तहत 25-33% तक सब्सिडी
Electric Tractor Market Will Reach $426.67 Million by 2033 at 10.34% CAGR