भारत के किसान अब काफी प्रगतिशील सोच के साथ खेती करने लगे हैं। एक तरफ केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से किसानों की आय बढ़ाने और उन्नत खेती के लिए विभिन्न फसलों पर सब्सिडी प्रदान की जाती है वहीं दूसरी तरफ देश के अनेक किसान अपने विवेक से औषधीय या नकदी फसलों का ज्यादा उत्पादन कर रहे हैं। कुछ ऐसी फसलें होती हैं जिनकी सीजन विशेष में बाजार में अधिक डिमांड रहती है। गर्मी के मौसम में खरबूजे की मांग अक्सर रोजाना बनी रहती है। इसकी पूर्ति कई बार कुछ शहरों में मांग के अनुरूप नहीं हो पाती इसलिए खरबूजे की खेती ज्यादा मुनाफा प्रदान करती है। खरबूजा फल और सब्जी के रूप में खूब इस्तेमाल किया जाता है। इसके बीजों का उपयोग कई प्रकार की औषधियों और कुछ खास प्रोडक्ट तैयार करने में होता है। यूं तो खरबूजे की खेती देश के अनेक प्रदेशों में बहुतायत के साथ की जाती है लेकिन मध्यप्रदेश के 27 वर्षीय एक युवा किसान शिव शर्मा की तो खरबूजे की खेती से लॉटरी ही लग गई। इसने खरबूजे (Musk Melon) की खेती में नया रिकार्ड कायम किया है। प्रोगेसिव किसान शिव शर्मा ने 120 बीघा जमीन में खरबूजे की बंपर पैदावार से महज दो माह में लागत आदि खर्चों के बाद 18 लाख रुपये की शुद्ध आय प्राप्त की है। खरबूजे की खेती में किए गए उसके इस कारनामें से हर कोई प्रभावित है। आसपास के दूसरे किसान भी इससे खेती के हुनर सीखने आ रहे हैं। यही नहीं युवा किसान शिव ने लगभग 50 युवाओं को खरबूजे की खेती में रोजगार भी प्रदान किया है। यहां ट्रैक्टर गुरू की इस पोस्ट में आपको मध्यप्रदेश के इस प्रगतिशील युवा किसान की सफलता की पूरी कहानी बताई जा रही है, इसे अवश्य पढ़ें और शेयर करें।
मध्यप्रदेश के युवा किसान शिव शर्मा की खरबूजे की खेती के प्रति दिलचस्पी कैसे बढ़ती गई इस संबंध में इनका कहना है कि पहले उन्होंने 35 बीघा जमीन पर खरबूजे का उत्पादन शुरू किया। इससे लाखों की कमाई हुई। इससे उनके अंदर और आत्मविश्वास जगा तो अगली बार 50 बीघा में खरबूजे लगाए। उसमें भी लाखों की आमदनी हुई। इस बार उन्होंने 120 बीघा में खरबूजे की फसल पैदा की है। इससे उन्हे दो माह में 18 लाख रुपये की आमदनी हुई है। शुरू में जो लोग उनका मजाक उड़ा रहे थे अब वे कमाई देख कर चुप हो गए हैं।
खरबूजे की खेती के कई फायदे हैं। इसके फल को सब्जी बनाने और सीधे खाने के रूप में उपयोग में लिया जाता है वहीं बीजों की भी बाजार में जबर्दस्त मांग रहती है। हाई डिमांड होने से इसके बीज की कीमत 25,000 रुपये प्रति क्विंटल तक होती है। इसकी खास वजह यह है कि खरबूजे के बीजों का इस्तेमाल आयुर्वेदिक औषधियां बनाने, डेकोरेटिव प्रोडक्टस, साबुन, ऑयल आदि मैन्युफैक्चरिंग वस्तुओं के लिए किया जाता है। खरबूजे के बीजों को धूप में सुखाकर या तवे पर तलकर स्नेक्स की तरह खाया जा सकता है। ये सेहत के लिए बहुत गुणकारी हैं। इसके अलावा बीजों का उपयोग रायता और चटपटी चटनी बनाने के लिए होता है।
अगर आप भी खरबूजे की खेती से अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो इसके लिए कुछ खास बातें इस प्रकार हैं-:
खरबूजे की खेती से कितनी कमाई हो सकती है? इसके बारे में मध्यप्रदेश के प्रोग्रेसिव यूथ फॉर्मर शिव शर्मा का कहना है कि उन्होंने इस बार 120 बीघा में खरबूजे की फसल से हर माह 9 लाख रुपये की शुद्ध मुनाफे की कमाई की है। बाजार में खरबूजे की मांग के अलावा इसके बीजों की भी अच्छी डिमांड रहती है। फल-सब्जी से ज्यादा बीजों से कमाई होती है। खरबूजे की खेती मांग को देखते हुए की जाए तो ज्यादा फायदा होता है। छोटे किसान यदि खरबूजे की खेती करना चाहें तो 1 बीघा में मात्र 2 महीने में 15 हजार रुपये की आमदनी अर्जित कर सकते हैं।
खरबूजा एक ऐसा फल है जो मानव शरीर में पानी के साथ कई पोषक तत्वों की अच्छी पूर्ति करता है। इसमें विटामिन एवं मिनरल्स ऊर्जा प्रदान करते हैं। यह त्वचा को जवां बनाता है और मानसिक शांति प्रदान करता है। इसमें फाइबर और भरपूर मात्रा में पानी होता है। इसके नियमित सेवन से दिल के दौरे से बचा जा सकता है। यह रक्त को जमने से रोकता है। खरबूजा खाने से पेट की गर्मी दूर होती है और कब्ज की शिकायत नहीं रहती। इसके गूदे को चेहरे पर लगाने से त्वचा में नमी और ताजगी बनी रहती है।
आप खरबूजे की खेती करना चाहते हैं तो उन्नत नस्ल वाले खरबूजे के बीज का ही इस्तेमाल करें तो ज्यादा मुनाफा होगा। भारत में खरबूजे की अनेक अच्छी नस्ले आती हैं। इनमें हरा मधु, पूसा शरबती, पूसा मधुरस, पूसा रसराज, दुर्गापुरा मधु, पंजाबी, सुनहरी, एमएच- 10, पंजाब हाईब्रिड, अर्का राजहंस, अर्कोजीत, हिसार मधुर, आर.एम-43 और एमएच वाई-3 मुख्य नस्लें हैं।
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