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सर्दियों में करें बथुआ की खेती कैसे करें - जानें कैसे होगी खेती से किसानो को मुनाफा

सर्दियों में करें बथुआ की खेती कैसे करें - जानें कैसे होगी खेती से किसानो को मुनाफा
पोस्ट -22 जनवरी 2023 शेयर पोस्ट

जानें, बथुआ की खेती करने का तरीका व लाभ की पूरी जानकारी 

देश में इस समय सर्दियों का सीजन चल रहा है। सर्दियों के मौसम में लोग विभिन्न प्रकार की हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन खूब करते हैं। सर्दियों के सीजन में बाजार में विभिन्न प्रकार की हरी पत्तेदार सब्जियां व साग उपलब्ध होते हैं। पालक, मूली, सरसों और मेथी आदि के अलावा एक और सब्जी है जो बाजार में काफी मशहूर है, वह है बथुआ। बथुआ अपने पौष्टिक गुणों से भरपूर होने के साथ-साथ कई तरह के रोगों से भी लड़ने में हमारे शरीर की मदद करता है। बथुआ का विदेशों में भी सलाद के रुप में खूब प्रयोग किया जाता है। विदेश  में बथुआ को क्विनवा या क्विनोआ (Quinoa) के नाम से जाना जाता है। अपने देश में ठंड के मौसम में लोग मूली, पालक, बथुआ आदि के पराठे खाने के शौकीन होते हैं। इसके अलावा बथुआ का प्रयोग दाल व सब्जी के साग के रुप में भी होता हैं। बथुआ खाने में बेहद स्वादिष्ट, पोषक तत्वों से भरपूर होता है। बथुआ की खेती करना भी बहुत ही आसान है और आप एक वर्ष में 3 बार बथुआ की खेती कर सकते हैं। यदि आपका खेत अभी खाली है तो आप भी बथुआ की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। किसान भाईयों आज ट्रैक्टर गुरु की इस पोस्ट के माध्यम से आपके साथ बथुआ की खेती से संबंधित सभी जानकारियां साझा करेंगे।

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बथुआ की बुवाई करने का उपयुक्त समय (Bathua Farming)

बथुआ की बुवाई का उपयुक्त समय ठंड का मौसम होता हैं इसीलिए इसकी बुवाई अक्तूबर महीने से मार्च के महीने में की जाती हैं। बथुआ की बेहतर फसल उत्पादन के लिए 7 डिग्री से 20 डिग्री तक का तापमान उचित होता है।

औषधीय गुणों से भरपूर बथुआ की खेती करके कमाएं अच्छा मुनाफा 

बथुआ की खेती में लागत बहुत कम आती है। जबकि इसकी फसल के उत्पादन से कमाई बहुत अच्छी होती है। बथुआ के साग का सेवन हमारे शरीर के लिए भी लाभकारी है। इसका सेवन करने से इम्यून सिस्टम बढ़ाने के साथ ही पेट की समस्याओं को भी दूर किया जा सकता है। इसमें मौजूद विभिन्न प्रकार के औषधीय गुणों के कारण सर्दियों में लोग इसका सेवन अधिक करते हैं। बथुआ तासीर में गर्म होने के कारण सर्दी में हमारे शरीर को ठंड से भी बचाता है।

बथुआ की खेती करते समय खेत की तैयारी कैसे करें (Bathua ki Kheti)

बथुआ की खेती करते समय खेत की मिट्टी की जांच अवश्य करवाएं। इसकी खेती करने के लिए खेत की मिट्टी का पीएच मान 6 से 8 के बीच तक का होना चाहिए। बथुआ की खेती करते समय सबसे पहले खेत की मिट्टी पलटने वाले हल या कल्टीवेटर की मदद से 2 से 3 बार गहरी जुताई करके खेत की मिट्टी को भुरभुरा कर ले। इसके बाद खेत में पाटा लगाकर खेत की मिट्टी को समतल कर लें।

बथुआ की बुवाई खेत में कैसे करें

बथुआ की बुवाई से पहले और खेत की आखिरी जुताई से पहले प्रति एकड़ की दर से 5 से 6 टन सड़ी हुई गोबर की खाद को खेत में डालें। बथुआ का बीज बहुत ही महीन होता है इसलिए प्रति हेक्टेयर में एक से डेढ़ किलाे बीज की मात्रा बुवाई के लिए उपयुक्त होती है। बथुआ की बुवाई आप ट्रैक्टर द्वारा चलने वाली मशीन से कर सकते है या इसके बीज को खाद के साथ मिलाकर खेत में सीधे बीजों का छिड़काव भी कर सकते हैं। आप बथुआ की खेती करने के लिए बुवाई से पहले इसकी नर्सरी भी तैयार कर सकते हैं और फिर पौधों की लंबाई 6 से 7 सेंटीमीटर तक हो जाने पर उन्हें खेत में लगा सकते हैं।

बथुआ की खेती करते समय सिंचाई प्रबंधन और खरपतवार नियंत्रण

बथुआ की खेती करते समय इसकी फसल में अधिक सिंचाई करने की आवश्यकता नहीं पड़ती क्योंकि यह एक तरह की खरपतवार वाली फसल है। इसकी फसल लगाने से काटने तक के बीच 3 से 4 बार सिंचाई करना उपयुक्त रहता है। जब इसके पौधे छोटे हो तब इसकी फसल से खरपतवार को हाथ से निकाल कर अलग कर लेना चाहिए। बथुआ के पौधे ठंड में पड़ने वाले पाला और सूखे को भी सहन कर सकते हैं।

बथुआ की फसल की कटाई कैसे करें 

यदि आप बथुआ की फसल की पत्तियों को बेचना चाहते हैं तो आप इसकी फसल से पत्तियों का उत्पादन 45 से 50 दिन के बाद प्राप्त कर सकते हैं। आप इसकी फसल से पत्तियों की तुड़ाई 3 से 4 बार तक कर सकते हैं। अगर आप बथुआ की खेती बथुआ के बीजों के लिए कर रहे हैं तो इसकी फसल लगभग 100 दिनों में तैयार हो जाती है। अच्छी तरह से पूर्ण विकसित फसल की लंबाई 4 से 6 फिट तक की होती है इसकी फसल को सरसों की फसल की तरह काट कर थ्रेसर मशीन की मदद से आसानी से आप बीज निकाल सकते हैं। बीज को निकालने के बाद बीजों को कुछ दिनों तक धूप में सुखाना आवश्यक होता है। बथुआ की बीज का प्रति एकड़ उत्पादन लगभग 13 से 23 क्विटल तक का प्राप्त होता है।

बथुआ की खेती करने से लाभ व मुनाफा

बथुआ की खेती करके किसान दोगुना मुनाफा कमा सकते हैं। ठंडक के सीजन में इसका साग 40 से 100 रुपये प्रति किलो तक बाजार में बिकता है व इसकी मांग भी अधिक रहती हैं। किसान इसकी पत्तियों की बिक्री करके किसान 40 से 80 हजार रुपये तक की कमाई आसानी से कर सकते हैं। किसान बथुआ के बीजों को भी बेचकर अच्छा लाभ कमा सकते हैं।

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