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Pashupalan : संतुलित पशु आहार से बढ़ेगा दुग्ध उत्पादन, अपनाएं ये खास उपाय

Pashupalan : संतुलित पशु आहार से बढ़ेगा दुग्ध उत्पादन, अपनाएं ये खास उपाय
पोस्ट -23 मार्च 2024 शेयर पोस्ट

पशुपालन : संतुलित पशु आहार से बढ़ेगा दुग्ध उत्पादन, जानें, गर्मियों में कैसे खिलाना है दाना

Summer Season : संतुलित पशु आहार : वर्तमान में स्वास्थ्य व पोषण की दृष्टि से दुग्ध एवं इससे बने उत्पादों की मांग देश में तेजी से बढ़ती जा रही है, जिसको देखते हुए कई लोग पशुपालन क्षेत्र से जुड़कर गाय-भैंस जैसे दुधारू मवेशियों का पालन (Rearing Of Cattle) कर उनसे दुग्ध उत्पादन कर पैसा कमा रहे हैं। हालांकि पशुपालक अधिक से अधिक दुग्ध उत्पादन के लिए अपने पशुओं को हरे चारे के साथ संतुलित दाना आहार खिलाते हैं। लेकिन इसके बावजूद भी गर्मियों के मौसम (Summer Season) में अधिकांश पशुपालकों की शिकायत रहती है कि उनका पशु दुग्ध का उत्पादन कम करता है और दूध की गुणवत्ता में भी गिरावट होती है। ऐसे में पशुपालकों को यह जानना बहुत आवश्यक है कि ऐसी समस्या होने के पीछे कारण क्या है। 

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पशुओं के आहार में असंतुलन या फिर मौसम के दौरान पशुओं के स्वास्थ्य को कोई परेशानी तो नहीं है। स्वास्थ्य और पोषण के आधार पर किसानों को यह जानना काफी जरूरी है कि गर्मियों (Summer) के दौरान दूधारू गाय और भैंस को कैसा संतुलित पशु आहार (Balanced Animal Diet) देना चाहिए और किस मात्रा में खिलाना चाहिए। अगर आप पशुपालक है और गर्मियों में अपने पशु से ज्‍यादा मात्रा में दूध हासिल करना चाहते हैं, तो यह खबर अपके लिए बहुत ही अहम हो सकती है। आप अपने दूधारू गाय-भैंस को संतुलित आहार और दाना खिलाकर दुग्ध उत्पादन बढ़ा सकते हैं। इस पोस्ट में पशुओं को कितना दाना खिलाना और कब-कब देना है आदि से संबंधित जानकारी दी जा रही है। 

आहार जितना अच्छा, दूग्ध उत्पादन उतना ही बेहतर

बता दें कि किसानों की आय डबल करने में पशुपालन महत्वपूर्ण रोल अदा करता है। देश में पौराणिक काल से खेती के साथ-साथ पशुओं का पालन घी, मक्खन, दुग्ध तथा मलाई के लिए चलता आ रहा है। इसके अलावा, कृषि कार्य, सवारी गाड़ी आदि कार्यों के लिए पशुओं का पालन किया जाता है। ऐसे में डेयरी (Dairy) मालिक और पशुपालकों को अपने पशुओं के स्वास्थ्य और पोषण के लिए संतुलित पशु आहार (Animal Food) का विशेष ध्यान रखना होगा। पशुओं से अधिक दुग्ध उत्पादन के लिए उनके आहार में उन सभी पोषक तत्वों की उपस्थिति आवश्यक है, जो दूध में पाए जाते हैं। क्योंकि आहार से ही पोषक तत्व दूध (Milk) में पहुंचते हैं। दूध में प्रोटीन (Protein), वसा, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन (Vitamin), खनिज लवण और पानी प्रचुर मात्रा में रहता है, जो कि भोजन में दाना की मात्रा से पूर्ण होता है। ये सभी पोषक तत्व आहार में जितना अधिक होंगे, पशु में दुग्ध उत्पादन उतना ही अच्छा होगा।

पशुओं के लिए संतुलित आहार

पशु विशेषज्ञों के अनुसार, पशुओं के संतुलित चारे के कई प्रकार है जैसे बरसीम, नेपियर घास, गिनी, पैरा घास आदि। ये बहुवर्षीय हरा चारा है जिसे खरीफ, रबी और जायद तीनों मौसम में उगाया जा सकता है और पशुओं के शारीरिक वृद्धि, गर्भकाल और दूध उत्पादन काल के दौरान खिलाया जा सकता है। इनमें उच्च कोटि की प्रोटीन, नाइट्रोजन, एमाइड, एमाइन, अमीनों अम्ल और यूरिया मिलती है, जो दूध में 3 से 5 प्रतिशत की मात्रा की वृद्धि करते हैं। गेहूं, जो, बाजार, ज्वार, मक्का फसल  के अवशेषों को सूखा चारा के तौर पर पशुओं को भोजन में दिया जाता है इनमें रेशा कम प्रोटीन अधिक होता है। वहीं, अरहर, उड़द, मूंग, लोबिया, गुआर, सरसों खल जैसे संतुलित दाना आहार पशुओं में प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, खनिज लवण और अमीनो अम्ल पूर्ति करते हैं, जिससे दुग्ध उत्पादन में वृद्धि होती है। संतुलित और पौष्टिक आहार के अभाव में पशुओं के दूध उत्पादन में कमी होती है, जो डेयरी करोबार के लिए लाभकारी नहीं हो सकता है। 

गाभिन गाय-भैंसों के लिए आहार

गाभिन पशुओं को गर्भावस्था के अंतिम के तीन महीनों में अतिरिक्त पोषक तत्व प्रदान करने की आवश्यकता होती है, क्योंकि इस अवस्था के दौरान भ्रूण का विकास तेजी से होता है। अत: इन तीन महीनों के दौरान पशुओं को 10 से 15 किलोग्राम (हरा चारा उपलब्ध होने) और इसके साथ 30 से 50 ग्राम खनिल लवण तथा 30 ग्राम साधारण नमक देना आवश्क है। ब्याहने के लगभग 10 से 15 दिन बाद गर्भवती गाय-भैंस को 2 से 2.5 किलोग्राम तक दाना देवें। अगर पशु जल्दी दूध देने लगे और थनों में सूजन दिखे तो दाने की मात्रा कम कर सकते हैं। ब्याने से पूर्व पशु को दलिया और गुड़ खिलाना चाहिए।  

दुग्ध उत्पादन के लिए पशुओं को दाना

गाय-भैंस में प्रति 2.5 से 3 लीटर दुग्ध उत्पादन के लिए 1 किलोग्राम दाना प्रतिदिन देना चाहिए। इसी प्रकार 10 से 11 किलोग्राम दूध उत्पादन प्रति दिन करने वाले पशुओं को पैरा भूसा कड़वी के साथ 5.5 किलोग्राम दाना प्रतिदिन देना चाहिए। दलहनी हरा चारा उपलब्ध होने पर दुधारू पशुओं को दाना कम मात्रा में देना चाहिए। सूखा भूसा या कड़वी की तुलना में सूखी घास देने पर पशुओं को आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति हो जाती है। सूखी घास के साथ 400 किलोग्राम वजन वाले पशुओं ,जो 10 किलोग्राम दूध उत्पादन प्रतिदिन करते है उन्हें प्रति पशु 4 किलोग्राम दाना प्रतिदिन देना चाहिए। 5 किलोग्राम दूध उत्पादन प्रतिदिन करने वाले पशुओं को लगभग 30 किलोग्राम हरा चारा देना चाहिए। 
 
पशुओं को आहार कैसे दें
 
पशुओं आहार उचित मात्रा और सही समय तथा तरीके से देना चाहिए।
पशुओं को अगर समय पर उचित मात्रा में आहार नहीं दिया जाएगा, तो उनकी उत्पादन क्षमता पर विपरित प्रभाव पड़ता है।
दाने के साथ सूखा भूसा पानी में भिगोकर सानी बनाकर देना चाहिए।
सूखा चारा जैसे ज्वार, बाजार और मक्का की कुट्‌टी बनाकर देना चाहिए।
हरा चारा काटकर पशुओं को खिलाना चाहिए। साथ ही आफरे का खतरा न रहें, इसके लिए दलहनी चारे अदलहनी चारे और पैरा भूसा के साथ खिलावे।
पानी में भिगोकर रखने अथवा पकाने के उपरांत ही दाना खिलाना चाहिए। 

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