उत्तर प्रदेश एग्रो फॉरेस्ट्री पॉलिसी : उत्तर प्रदेश किसानों के लिए खुशखबरी, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पेड़ों की सुरक्षा के लिए कृषि वानिकी नीति या एग्रो फॉरेस्ट पॉलिसी ला रही है। जिसके तहत किसान खेत में लगे पेड़ों का बीमा करा सकेंगे। रिपोर्ट्स की मानें तो सरकार का मानना है कि राज्य में कृषि वानिकी नीति या एग्रो फॉरेस्ट्री पॉलिसी (Agro Forestry Policy) आने से किसानों को कई फायदे होंगे। एग्रो फॉरेस्ट्री पॉलिसी में सरकार ने यह प्रावधान किया है कि यदि किसान खेत की खाली मेड़ों पर पेड़ लगाएं है और किसी प्राकृतिक आपदा या काई अन्य कारण से नुकसान होता है, तो सरकार पेड़ लगाने वाले किसान हो हुए नुकसान की भारपाई करेगी। और कृषि वानिकी नीति के तहत किसानों को पेड़ों की देख-भाल के लिए सब्सिडी भी प्रदाना करेगी। आइए ट्रैक्टर गुरु के इस लेख के माध्यम से एग्रो फॉरेस्ट्री पॉलिसी के बारे में जानते है और इस पॉलिसी से किसानों को क्या सुविधा होगी ।
दरअसल पेड़ जीवन का आधार और प्रकृति का मजबूत कड़ी है, क्योंकि इनसे ही प्रकृति का निर्माण होता है और जीवन देने वाली वायु ऑक्सीजन मिलती है। प्रकृतिक कड़ी को बनाए रखने में पेड़-पौधें एक मजबूत भूमिका अदा करते है। इनकी मदद से प्राकृतिक आपदाओं को कम किया जा सकता है। वर्तमान में समय में पेड़ किसानों के लिए आय का एक अच्छा स्त्रोत बना हुआ है। किसान पोपलर, महोगनी, सागवान, बबूल, आम, जामुन, ऑवला और बांस सहित कई अन्य पेड़ों की निश्चित न्यूनतम क्षेत्र में बागवानी कर कुछ सालों में उत्पादन लेकर अच्छा पैसा कमा रहे हैं। किसानों के लिए पेड़ों की खेती फिक्स डिपोजिट का काम कर रही है। ऐसे में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) राज्य में बागवानी काफी बड़े स्तर पर होती है। राज्य में किसान बागवानी में देसी, विदेशी, औषधी और फल के पेड़ लगाते है। और एक निश्चित समय पर उत्पादन लेकर कमाई करते है। इन्हीं को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में कृषि वानिकी नीति या एग्रो फॉरेस्ट पॉलिसी ला रही है, जिससे किसानों को पेड़ों का बीमा करवाने की सुविधा मिल सके। किसी प्रकृतिक आपदा या अन्य कारण से नुकसान होने पर आर्थिक नुकसान अकेले किसान पर ना पड़े इसके लिए सरकार नुकसान मुआवजा देगी।
मीडिया रिपोर्ट्स मानें तो उत्तर प्रदेश में पेड़ों की वानिकी बड़े पैमाने पर होती है। किसान अपने खेत की खाली मेड़ों पर पेड़ लगा कर उन्हें तैयार कर पेड़ों का उत्पादन लेकर बिजनेस करते है। अब सरकार किसानें के इस बिजनेस में मदद करने के लिए कृषि वानिकी नीति या एग्रो फॉरेस्ट्री पॉलिसी (Agro Forestry Policy) जोड़ने की तैयारी कर रही है। जिसके तहत किसानों को पेड़ों का बीमा करवाने की सुविधा दी जाएगी। अगर किसान ने अपने खेत के एक निश्चित रकबे में पेड़ लगाए हैं तो बीमा करवाने पर आपदा या अन्य जोखिमों के वजह से नुकसान होने पर बीमा कवर दिया जाएगा। इसके अलावा कृषि वानिकी नीति के माध्यम से नए पौधों की रोपाई एवं पेड़ों से प्राप्त उत्पादों की मार्केटिंग में भी मदद दी जाएगी।
मीडिया रिपोर्ट्स की मुताबिक, सरकार कृषि वानिकी नीति के तहत राज्य में इमारती लकड़ी उत्पादन बढ़ाने के लिए प्लान करेगी। जिसके तहत वन विभाग की ओर किसानों को कमर्शियल महत्व वाले पौधे दिए जाएगे। जिनमें इमारती लकड़ीयों, आंवला, जामुन और आम के पौधे सहित अन्य औषधीय पौधों की वानस्पतिक प्रजातियां शामिल हैं। नई कृषि वानिकी नीति के तहत पेड़ों के बीमा के साथ उद्योंगो से समन्वय स्थापित करने का व्यवस्था भी है। जिससे किसानों को पेड़ों की लकड़ी या अन्य दूसरी पैदावार बेचने के लिए बाजारों के चक्कर नहीं काटने पड़ेगे। पेड़ की खेती और इससे मिलने वाले उत्पादों की मार्केटिंग में किसानों को परेशानी न हो इसके लिए भी प्रावधान किया जाएगा। किसानों के लिए क्लस्टर भी बनाए जाएंगे जिससे उनको पेड़ों की देखभाल में हो रहा खर्च सरकार सब्सिडी भी प्रदान करेगी। ताकि किसानों पर बागवानी की खर्च का भार ना पड़े।
मीडिया रिपोर्ट की सुचना के आधार पर हाल ही में देश का सबसे बड़ा कोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने लकड़ी आधारित उद्योगों को लाइसेंस जारी करने पर लगी रोक को हटा दिया है। कष्ठ यानि लकड़ी उद्योग से रोक हटने के बाद राज्य में लकड़ी का बिजनेस करने वाले किसानों में खुशी है, तो अब यूपी सरकार लकड़ी कारोबार से जुड़े किसानों को सौगात देने जा रही है। इसके लिए सरकार ने कृषि वानिकी नीति (एग्रो फॉरेस्ट्री पॉलिसी) पर आधारित ड्राफ्ट तैयार कर लिया है, तैयार ड्राफ्ट जल्द से जल्द कैबिनेट के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। तथा स्वीकृति के मिलने के बाद पूरे राज्य में नीति को लागू किया जाएगा। इस नीति के स्वीकृत होने से राज्य की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा और काष्ठ यानि लकड़ी से जुड़े व्यापारियों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
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