मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में बीते दिनों आयोजित जी 20 की बैठक में कृषि आधारित मुद्दों पर बातचीत हुई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि जी-20 समूह के देशों के सहारे भारत वैश्विक बाजार में मोटे अनाज के निर्यात को मजबूत बनाने की तैयारी में जुट गया है। 13 से 15 फरवरी तक आयोजित हुई जी-20 बैठक में कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए नई प्रौद्योगिकी जैसे समाधान सामने आए, जो वैश्विक खाद्य सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण है। जी-20 शिखर सम्मेलन में कृषि प्रतिनिधियों की पहली बैठक में मुख्य कृषि उत्पादन बढ़ाना, खेती की लागत को कम करना और किसानों को बेहतर कीमत सुनिश्चित करने पर विस्तृत चर्चा की गई। साथ ही कृषि में ड्रोन तकनीक को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया गया। जैसा कि भारत की पहल पर वर्ष 2023 को संयुक्त राष्ट्र संघ ने अंतरराष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष घोषित किया गया है। वर्ष 2023 को भारत सहित पूरा विश्व अंतरराष्ट्रीय पोषक अनाज के वर्ष के रूप में मना रहा है। जी-20 बैठक के सहारे से भारत सरकार मिलेट्स (मोटा अनाज) की लोकप्रियता के लिए हर स्तर पर प्रचार-प्रसार और जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। वहीं देश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि शुद्ध कृषि उत्पादन लोगों को मिल सकें। थीम ’कृषि’ को लेकर दो इंजीनियरों सुपात्र उपाध्याय और हरिओम यादव ने 16 राज्य के 90 शहरों की 4500 किलोमीटर की यात्रा करके शुद्ध और प्राकृतिक कृषि उत्पदान चुने। इसमें इन्होंने रागी, समा, कंगनी, सनवा, कोडो, चेना जैसे मिलेट्स (मोटे अनाज) को शामिल किया।
मिलेट्स (मोटा अनाज) की लोकप्रियता के लिए हर स्तर पर प्रचार-प्रसार और जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। इंदौर में एक ’रूट्स’ नामक स्टार्टअप कृषि और किसानों को लेकर पहले ही इस पर काम कर रहा है। ये स्टार्टअप रागी, समा, सनवा, कंगनी, कोडो, चेना, मकरा जैसे पोषक अनाजों पर पहले से ही बढ़ावा देने का काम कर रहा है। काेरोना के समय की है, जब 81 साल की नानी ने 10 दिनों के अंदर ही कोरोना को मात दे दी और स्वस्थ हो गईं। नानी ने इसका राज अपने पुराने शुद्ध खानपान को बताया। साथ ही कहा अब खाने में पहले जैसी जैसी शुद्ध चीजें कहां मिलती हैं, तो यही से इंजीनियर सुपात्र उपाध्याय और हरिओम यादव को प्राकृतिक और शुद्ध चीजें लोगों तक पहुंचाने का आइडिया दिमाग में आया। इसके लिए दोनों ने स्टार्टअप के जरिये लोगों तक प्राकृतिक और शुद्ध रूप तैयार की गई चीजें पहुंचाने के लिए देश के कोने-कोने से शुद्ध प्राकृतिक प्रोडक्ट इंदौर लाने की योजना बनाई। दोनों ने एक साल तक पूरे देश में 16 राज्यों के 90 शहरों की 4,500 किलोमीटर की यात्रा कर मोटा अनाज जिसमें मिलेट्स, रागी, जौ, मसाले, सूखे मेवे, जैसे 150 से ज्यादा सर्टिफाइड शुद्ध उत्पादक खुद हाथ से चुनकर स्थानीय किसानों से करार किया।
2 इंजीनियरों ने देश के जिस राज्य जो फसल प्रसिद्ध और ज्यादा होती है, उसे अपने प्रोडक्ट्स में चुने। इन दोनों ने कश्मीर से अखरोट, मैंगलोर से काजू, नाशिक से किशमिश, तमिलनाडु से इलायची और कालीमिर्च, कन्याकुमारी से लौंग, राजस्थान से अश्वगंधा को अपने प्रोडक्ट में शामिल किया। रागी, समा, कंगनी, सनवा, कोडो, चेना जैसे मोटे अनाज (मिलेट्स) को अलग-अलग राज्यों से चुना। चावल को छत्तीसगढ़ से चुन कर मंगवा रहे हैं। इनके द्वारा मंगवाए जा रहे प्रोडक्ट पूर्ण रूप से प्राकृतिक और शुद्ध हो इसके लिए इन दोनों ने बिना किसी बिचौलिए के सीधा उन्हीं किसानों से समझौता किया जो प्राकृतिक खेती करते हैं। इस तरह ये दोनों देश के हर राज्य से शुद्ध कृषि उत्पाद इंदौर मंगवा रहे हैं।
लोगो को शुद्ध प्राकृतिक प्रोडक्ट मिले इसके लिए इन दोनों ने बिना किसी बिचौलिए के सीधा प्राकृतिक और ऑर्गेनिक खेती करने वाले किसानों से करार किया। लोगों तक शुद्ध प्रोडक्ट पहुंचाने के लिए सुपात्र और हरिओम ने इंदौर के निपानिया में स्टार्टअप ’रूट्स’ की शुरुआत की। इस स्टार्टअप के जरिए दोनों ने इंदौर के लोगों को सिर्फ प्राकृतिक और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स जिसमें सूखे मेवे, गिर गाय का बिलोना घी, मसाले, ऑर्गेनिक अनाज, मोटे अनाज, दालें जैसे 150 से भी अधिक शुद्ध प्राकृतिक कृषि प्रोडक्ट बेचना शुरू किया। उन्होंने कहा कि हार्टअटैक के पीछे तेल का बड़ा हाथ होता है। इसलिए इन्होंने खोपरा, मूंगफली, सरसों और बादाम से खुद लकड़ी की कच्ची घानी के जरिए ’शुद्ध तेल’ भी तैयार करना शुरू किया। वही, पुरातन पद्धति वाली पत्थर वाली चक्की से आटा भी तैयार करते हैं जिससे डायबिटीज और हाई बीपी की समस्या से छुटकारा पाने में मदद मिलती है। मसाले भी हाथ से कूटकर ही तैयार करते हैं ताकि उनके तत्व बने रहें। इससे महिलाओं को रोजगार भी मिला।
सुपात्र उपाध्याय का कहना है कि थीम ’कृषि’ को लेकर इंदौर में जी 20 समिट की बैठक होना हमारे लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि हमारे दो मिशन है एक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों का सहयोग तथा दूसरा ज्यादा से ज्यादा लोगों तक शुद्ध प्राकृतिक प्रोडक्ट को पहुंचाना ताकि वो स्वस्थ्य जीवन जी सकें। सुपात्र उपाध्याय के मुताबिक,आज युवाओं में हार्ट-अटैक की समस्या ज्यादा होने लगी है। इसके अलावा लोग और भी कई बीमारियों के शिकार होने लगे हैं। इन सबके पीछे मुख्य कारण हमारे शरीर की प्रतिरक्षा तंत्र का कमजोर होना है। रूट्स’ के को-फाउंडर हरिओम यादव के मुताबिक आजकल हम शुद्ध खानपान पर इसलिए जोर दे रहे हैं क्योंकि प्राकृतिक प्रोडक्ट्स जमीन और शरीर के लिए जहर माने जाने वाले कीटनाशकों मुक्त होते हैं। इन प्रोडक्ट्स में प्रोषक तत्वों की मात्रा भरपूर होती है, जो शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक है।
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