MSP purchase year 2024 : कृषि उत्पादन मंडियों में रबी फसलों की उपार्जन मूल्य पर खरीदी का काम एक अप्रैल से शुरू किया जा चुका है। विभागीय पोर्टल पर पंजीकृत किसानों द्वारा रबी वर्ष 2023-24 की मुख्य फसलें गेहूं, चना, मसूर और सरसों को सरकार और व्यापारियों को न्यूनमत समर्थन मूल्य (MSP) पर बेचा जा रहा है। इस बीच चना किसानों के लिए बड़ी खबर है। खबर यह है कि केंद्र सरकार ने कीमतों पर नियंत्रण रखने तथा अपनी कल्याणकारी योजनाओं के तहत वितरण करने की मंशा रखने वाले राज्यों की मांग को पूरा करने के मकसद से बफर स्टाक बनाने के लिए किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर चना खरीदना शुरू कर दिया गया है।
उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने इस विषय पर मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि कृषि मंत्रालय ने संकेत दिया है कि चने की पैदावार बरकरार है और फिलहाल उत्पादन को लेकर कोई चिंता नहीं है। हालांकि, बीते कुछ दिनों से मंडियों में चने की आवक के चलते चने की कीमतों में नरमी आई है, जिसको देखते हुए सरकारी एजेंसियों ने चना किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर चने की खरीद में तेजी लाने का निर्णय लिया है, जिससे उत्पादकों को उपज का लाभकारी मूल्य मिल सके। बता दें कि उपज मंडियों में अभी चने की कीमतें समर्थन मूल्य के आसपास बनी हुई है। आइए, इस पोस्ट से जानते हैं कि अभी कृषि मंडियों में चने का क्या भाव किसानों को मिल रहा है।
उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने कहा कि इस बीच, राज्यों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि व्यापारियों, आयातकों तथा मिल मालिकों की जमाखोरी और मूल्यवृद्धि को रोकने के लिए 15 अप्रैल से प्रभावी नियम के तहत दालों के अपने स्टॉक की स्थिति की घोषणा करने की कार्रवाई करे। उन्होंने कहा कि सरकार चने एवं अन्य सभी दालों की उपलब्धता और कीमतों पर कड़ी नजर रख रही है, जिससे उपभोक्ताओं और किसानों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो।
सचिव ने कहा कि सरकार ने देशभर में रबी विपणन वर्ष 2024-25 के लिए चने का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5,440 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया हुआ है। चने की फसल की आवक बढ़ने से मंडी की कीमतों में नरमी आई है और एमएसपी स्तर पर पहुंच गई हैं। सहकारी संस्थाएं नेफेड और एनसीसीएफ मूल्यवृद्धि को रोकने के लिए बाजार में जारी की जाने वाले दालों के स्टॉक को बनाए रखने के लिए मूल्य स्थिरीकरण निधि (पीएसएफ) योजना के हिस्से के रूप में चने की खरीद का कार्य कर रही हैं। वर्तमान में, सरकार के पास मूल्य स्थिरीकरण निधि (पीएसएफ) योजना के तहत खरीदे गए 10 लाख टन कच्चे चने का बफर स्टॉक मौजूद है।
सचिव निधि खरे ने कहा कि चने के उत्पादन के बारे में कोई बड़ी चिंता नहीं है। उन्होंने बताया कि कृषि मंत्रालय ने संकेत दिया है कि फसल की पैदावार में कमी नहीं आई है, भले ही फसल वर्ष 2023-24 (जुलाई-जून) के लिए कुल चना उत्पादन 121 लाख टन से थोड़ा कम आंका गया है। जबकि पिछले वर्ष कुल चना उत्पादन 122 लाख टन था। सचिव ने बताया कि हाल ही में गुजरात में किए गए चना फसल कटाई के प्रयोगों से संकेत मिलता है कि पैदावार बरकरार है। मंडियों में आवक बढ़ रही है जिससे चने की कीमतें गिरकर समर्थन मूल्य MSP के आसपास पहुंच गई है।
सचिव ने कहा कि केंद्र खरीद को सुव्यवस्थित करने के लिए विभिन्न राज्य सरकारों के साथ चर्चा कर रहा है और झारखंड जैसे गैर-पारंपरिक दाल उत्पादक राज्यों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। अपनी कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से वितरण के लिए राज्य सरकारों की ओर से चने की मांग बढ़ने के साथ सचिव ने कहा कि अब उपलब्धता के मामले में बफर स्टॉक पर दबाव है। खरे ने कहा कि पहले बमुश्किल तीन से चार राज्य ही कल्याणकारी योजनाओं के लिए बफर स्टॉक से चना लेते थे। हालांकि, अब 16 राज्य सरकारें पोषण सुरक्षा को पूरा करने के लिए चने का बफर स्टॉक ले रही हैं। इसमें कर्नाटक, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश जैसे चार और राज्यों ने चने के लिए केंद्र से अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें दो योजनाओं के तहत केंद्र से चना खरीद रही हैं। उपभोक्ता विभाग के अनुसार, मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के अंतर्गत कृषि मंत्रालय द्वारा खरीदा गया करीब 8 लाख टन चना अक्तूबर, 2022 से राज्य सरकारों द्वारा रियायती दर पर खरीदा गया है।
विभाग के अनुसार, इस बार मौसम की अनुकूल परिस्थितियां रहने के कारण चना उत्पादक राज्यों में चने की पैदावार काफी अच्छी हुई है। मंडियों में अभी किसानों को चने के अच्छे भाव भी मिल रहे हैं। लेकिन मंडियों में आवक बढ़ रही है, जिससे चने की कीमतें नरम होकर एमएसपी स्तर पर आ गई हैं, जिससे चना किसान चने को अच्छे भावों में बेचने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की ओर रुख कर रहे हैं । कमोडिटी ऑनलाइन के अनुसार, फिलहाल चना मंडियों में चने का भाव पहले की तुलना में कम है। वर्तमान बाजार दरों के अनुसार, मंडियों में चना का औसत भाव 7297.5 रुपए प्रति क्विंटल है। सबसे कम बाजार मूल्य 5925 रुपए प्रति क्विंटल है और मंडियों में चने की सबसे उच्च कीमत 9200 रुपए प्रति क्विंटल किसानों को मिल रही है।
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