अगर आप प्रगतिशील सोच वाले किसान हैं और मशरूम की खेती में रुचि रखते हैं तो यह खबर आपके लिए बहुत काम की है। अभी तक आपने मशरूम की अनेक किस्मों का नाम सुना होगा जो बंपर पैदावार के साथ फसल बिक्री पर अच्छा मुनाफा देती है लेकिन आज हम आपको एक ऐसी नायाब मशरूम की नस्ल के बारे में जानकारी दे रहे हैं जो बेशकीमती दामों पर बिकती है। इसका भाव सोने से भी ज्यादा है। जी, हां, कीड़ा जड़ी मशरूम 2 लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक सकती है। इसे यारशागुंबा मशरूम भी कहा जाता है। आजकल किसान ऐसी ही फसलों की खेती करने में दिलचस्पी ले रहे हैं जो उनकी ज्यादा से ज्यादा आमदनी बढ़ा सकें। इनमें बागवानी या उद्यानिकी फसलों के अलावा मशरूम की खेती भी प्रमुख है। मशरूम की सबसे महंगी किस्म कीड़ा जड़ी की खेती की शुरूआत राजस्थान के गंगानगर जिले के जागरूक बायोटेक्नोलॉजी के प्रोफेसर डा. चरणसिंह कर चुके हैं। ट्रैक्टर गुरू के इस आर्टिकल में आपको इस प्रोफेसर की कीड़ा जड़ी मशरूम की खेती करने की पूरी दास्तान बताई जा रही है। इसे अवश्य पढ़ें और शेयर करें।
श्री गंगानगर निवासी डा. चरणसिंह बायोटेक्नोलॉजी के प्रोफेसर हैं। उन्होंने श्रीनगर में 8000 मीटर की ऊंचाई पर उगने वाले कीड़ा जड़ी मशरूम को कमरे में उगाया है। इसके लिए बाकायदा उन्होंने ट्रेनिंग ली। इनके अनुसार कीड़ा जड़ी मशरूम की खेती के लिए 10x10 कमरे की आवश्यकता होती है। इस कमरे को एक लैब की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। किसानों को बाय सेक्शन लैब को डिवाइड करना पड़ता है। हालांकि ये प्रोसेस एक खर्चीला प्रोसेस है, इसमें किसान को 7 से 8 लाख रुपये का इनवेस्टमेंट करना होता है। सभी जरूरी उपकरण इस खेती के लिए होने चाहिए। लैब के अंदर करीब 3 महीनों में 5 किलो से अधिक मशरूम पैदा होगी। इसकी बाजार कीमत 10 लाख रुपये है। इस तरीके से मशरूम की साल में 4 बार पैदावार ली जा सकती है। कुल आमदनी 40 लाख रुपये होगी।
कीड़ा जड़ी मशरूम या यारशागुंबा मशरूम के सबसे अधिक महंगी होने के पीछे इसमें छुपे औषधीय गुण हैं जो हर मशरूम में नहीं हो सकते। इसके अलावा देश में अभी इसकी बहुत कम आवक रहती है। अगर कोई 50 किलोग्राम कीड़ा जड़ी मशरूम पैदा कर ले तो वह करीब 1 करोड़ रुपये की बिकेगी। इस तरह से यह मशरूम ज्यादा महंगे दामों पर बिकती है। वहीं इस मशरूम की सब्जी दुनिया भर के खिलाड़ी और पहलवान खाना पसंद करते हैं। कुछ लोगों को यह भी मानना है कि इसकी सब्जी खाने से अंग्रेजी दवाओं के रसायनों का शरीर पर प्रतिकूल असर नहीं पड़ता। इसमें ऐसे औषधीय गुण होते हैं जो ज्यादा पावर प्रदान करते हैं।
कीड़ा जड़ी मशरूम की खेती ठंडे इलाकों में ज्यादा होती है। चीन और तिब्बत में इसकी खेती खूब की जाती है। इसे जंगली मशरूम भी कहते हैं। इसे कीड़े के जरिए उगाया जाता है। इसकी खेती लोग छोटे से कमरे में लैब की तरह करते हैं जिससे लाखों रुपए की कमाई की जा सकती है। अगर इसका व्यापक अभियान चलाया जाए और सरकारी योजना में सब्सिडी मिले तो किसान इसमें रुचि लेने लगेंगे।
कीड़ा जड़ी मशरूम कई गंभीर बीमारियों में रामबाण का काम करती है। औषधि विशेषज्ञों के अनुसार यह मशरूम कैंसर, गुर्दा रोग, सांस की बीमारी आदि में बहुत लाभदायक रहती है। इसके सेवन से इन बीमारियों पर समय रहते काबू पाया जा सकता है। इसके अलावा यह शक्तिदायक है। मशरूम की सफल खेती करने वाले प्रोफेसर डा. चरणसिंह की माने तो 10x10 के कमरे को लैब का रूप देकर इसके लिए उपयुक्त वातावरण तैयार करें। इसके बाद मशरूम लगाएं। एक साल में 20 किलोग्राम तक यह मशरूम पैदा हो सकती है।
अगर मशरूम की खेती करनी है तो कुछ महत्वपूर्ण बातें याद रखनी होंगी। ये इस प्रकार हैं-:
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