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डबल मुनाफे के लिए करें पपीते की खेती, सरकार से मिलेगी 80 हजार रुपए की मदद

डबल मुनाफे के लिए करें पपीते की खेती, सरकार से मिलेगी 80 हजार रुपए की मदद
पोस्ट -08 जुलाई 2022 शेयर पोस्ट

पपीता की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार दे रही अनुदान, जानें क्या है सरकार की योजना

केन्द्र और राज्य सरकारें कृषि क्षेत्र में चहुंमुखी विकास के लिए अपने-अपने स्तर पर विभिन्न प्रकार की कल्याणकारी योजनाओं का संचालन कर रही है। इन योजनाओं के अंतर्गत सरकार द्वारा यह प्रयास किया जा रहा है कि कृषि क्षेत्र में इस तरह का चहुंमुखी विकास किया जाये कि अन्न एवं कृषि उत्पादों के भंडारों के साथ साथ किसान की जेब भी भरें व उनकी आय में भी वृद्धि हो। इसी आशय से सरकार अब बागवानी फसलों पर ध्यान दे रही है। बागवानी फसलों में खासतौर पर फलों की खेती पर ध्यान केंद्रित कर रही है। बागवानी फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय बागवानी मिशन को शुरू किया हुआ है। इसी क्रम में राजस्थान सरकार ने बागवानी फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए एक अहम कदम उठाया है। प्रदेश सरकार किसानों को राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत पपीते का बाग लगाने के लिए आर्थिक मदद दे रही है। यदि आप राजस्थान के मूल निवासी हैं और राज्य में पपीते की खेती करते हैं, तो सरकार अपको अच्छी खासी आर्थिक मदद भी देगी। आर्थिक मदद के तौर पर जो भी राशि दी जायेगी उसमें 40 प्रतिशत राज्य सरकार और 60 प्रतिशत केन्द्र सरकार की हिस्सेदारी होगी। पपीते की खेती पर यह आर्थिक मदद दो श्रेणियों में 30 हजार और 80 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर तक प्रदान की जाएगी। इस योजना के तहत प्रति किसान अधिकतम चार हेक्टेयर तक के बाग पर आर्थिक मदद दी जाएगी, जो 3.20 लाख रुपए होती है। ट्रैक्टरगुरू के इस लेख के माध्यम से पपीते की खेती, खेती पर अनुदान और आवेदन के बारे में जानते है।

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दो श्रेणियों दी जाएगी आर्थिक मदद

राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत राजस्थान सरकार इस योजना तहत पपीते के बाग लगाने पर सब्सिडी के तौर पर आर्थिक मदद दे रही है। बागवानी विभाग राजस्थान के अनुसार यदि आप एक हेक्टेयर में पपीता के 2777 पौधे लगा सकते हैं। ड्रिप सिंचाई के पैकेज बिना इस पर 61655 रुपये की लागत आएगी। जिसमें से लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 30,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की मदद मिलेगी। जिसे आपको प्लान्टिंग मैटेरियल, उर्वरक व प्लांट प्रोटक्शन रसायनों पर खर्च करना होगा। प्रथम वर्ष में सहायता रकम का 75 प्रतिशत एवं दूसरे वर्ष में 90 प्रतिशत पौधें जीवित होने की दशा में 25 प्रतिशत शेष पैसा दिया जाएगा।

ड्रिप सिंचाई पैकेज के साथ कितनी सहायता मिलेगी

सरकार ने बताया है कि पपीता बाग में ड्रिप सिंचाई लगाने पर प्रति हेक्टेयर 120055 रुपये की लागत आएगी। ड्रिप सिंचाई पैकेज के साथ सहायता यूनिट लागत पर 40 प्रतिशत या फिर अधिकतम 80000 रुपये की मिलेंगे। यह सहायता राशि प्लान्टिंग मैटेरियल, ड्रिप सिचांई सिस्टम, खाद और प्लांट प्रोटक्शन रसायनों पर खर्च करना होगा। पहले साल में सहायता राशि का 75 प्रतिशत और दूसरे साल में 90 प्रतिशत पौधे जीवित होने की स्थिति में 25 प्रतिशत शेष रकम का भी भुगतान होगा।

आर्थिक सहायता के लिए योजना में क्या है शर्त

योजना के नियमानुसार किसान फल बगीचों की स्थापना के लिए पौधे प्राथमिकता के आधार पर राजहंस नर्सरियों एवं सेंटर ऑफ एक्सीलेंस से लेंगे। इन दोनों जगहों पर पौधे न मिलें तो कृषि विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, कृषि अनुसंधान केंद्र, कृषि विज्ञान केंद्र, राजस्थान ऑलिव कल्टीवेशन लिमिटेड, सरकारी संस्थाओं या फिर निजी एक्रिडेटेड नर्सरियों से खरीदना होगा। यदि किसान अन्य किसी स्थान से पौधे खरीदता है, तो ऐसी स्थिति में वह सहायता राशि के लिए पात्र नहीं होंगे। 

पपीते की खेती के बारे में विस्तार से जानकारी 

किसान पपीता की खेती अकेले या अमरूद, आम व नींबू के पेड़ों के बीच खाली जगह पर भी कर सकते हैं। पपीता लगाने के डेढ़ वर्ष बाद फल मिलने लगते हैं। कम समय, कम क्षेत्र, कम लागत में अधिक पैदावार व अधिक आय प्राप्त होने के कारण पिछले कुछ सालों में जिले के किसानों का रुझान पपीता की खेती की तरफ बढ़ा है। पपीते की खेती के लिए उचित जल निकास वाली जीवांश से भरपूर दोमट व बलुई दोमट भूमि अच्छी रहती है। पपीते के लिए शुष्क व अर्धशुष्क क्षेत्र उपयोगी है। पपीता में पौधे से पौधे व कतार से कतार का फासला डेढ़ मीटर रखने पर 1742 पौधे प्रति एकड़ लगते हैं। 

मधु, बिंदु, कुर्म, हनी, पूसा डिलीशियस, पूसा डवाफे, पूसा नन्हा, सीओ-7 प्रमुख पारंपरिक किस्में हैं। इसके अलावा सूर्या, मयूरी, पिंक प्लैस्ड प्रमुख संकर किस्में हैं।

पपीते की खेती में इसके पौधों की रोपाई के लिए एक महीने पहले जून माह में दो मीटर की दूरी पर 50 x 50 x 50 सेमी. गड्ढे खोदकर उनमें गोबर की खाद व मिट्टी की बराबर मात्रा मिलाकर भरें तथा सिंचाई करें ताकि मिट्टी बैठ जाए। फिर जुलाई माह में एक गड्ढे में दो पौधे लगाएं। 

रोपाई के लिए आप इसके पौधे स्वयं भी तैयार कर सकते हैं। इसके पौध पॉलीथिन के 25 x 10 सेमी. के लिफाफे में रेत व गोबर की खाद बराबर मात्रा में भरकर इसमें दो-तीन बीज एक लिफाफे में उगाकर भी तैयार कर सकते हैं। उगने के बाद एक लिफाफे में एक स्वस्थ पौधा रखें। पपीते के एक एकड़ खेत में पौध रोपण के लिए 40 वर्ग मीटर की दूरी रखते हुए रोपण के लिए 125 ग्राम बीज पर्याप्त रहता है। पपीते के खेती की बीज बोने के लिए एक मीटर चौड़ी व पांच मीटर लंबी क्यारियां बना लें। प्रत्येक क्यारी में खूब सड़ी गली गोबर की खाद मिलाकर व पानी लगाकर 15-20 दिन पहले छोड़ देते हैं। बीज को 3 ग्राम कैप्टान दवा प्रति किलो बीज की दर से उपचार करके 15 सेमी. दूरी पर दो सेमी. गहरा बोएं। रोग से बचाव के लिए 100 लीटर पानी में 200 ग्राम कैप्टान दवा घोलकर छिड़काव करें।

पपीते के पौधे की गर्मियों में हर सप्ताह तथा सर्दियों में 15-20 दिन बाद सिंचाई करते रहें। पौधों के तने के पास पानी जमा न होने दें। पपीते में फूल आने पर ही नर व मादा पौधों की पहचान होती है तब उनमें से सारे खेत में अलग-अलग 10 प्रतिशत नर पौधे रखकर बाकि नर पौधे निकाल दें। 

लीफ कर्ल व मौजेक रोग से प्रभावित पौधों को निकालकर नष्ट कर दें तथा सफेद मक्खी व चेंपा की रोकथाम के लिए 250 मिली. मैलाथियान 50 को 250 लीटर पानी में छिड़कें। 

कहां होगा आवेदन, किन दस्तावेजों की जरूरत

अगर आप पपीते की खेती पर सरकार से आर्थिक मदद चाहते है, तो इसके लिए आपको ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन आप स्वयं या फिर सीएससी केन्द्र से कर सकते हैं। आप नए फल बगीचों की स्थापना के लिए विभाग की वेबसाइट https://rajkisan.rajasthan.gov.in/  पर अप्लाई कर सकते हैं। फल बगीचों की स्थापना के लिए ऑनलाइन आवेदन फ्री है। नए फल बगीचों की स्थापना के लिए आपको कुछ जरूरी डॉक्यूमेंट जैसे- आधार कार्ड की प्रति, बैंक पासबुक की कॉपी, जमाबंदी की कॉपी, खेत की मिट्टी-पानी की जांच रिपोर्ट और भामाशाह कार्ड की कॉपी देनी होगी। पपीता बाजार में करीब 50 रुपये किलो उपभोक्ताओं को मिलता है। इस हिसाब से किसानों को पपीते पर 20 रुपये किलो के हिसाब से दाम आराम से मिल जाएगा। पपीते के एक पौधे से औसतन 40 किलो फल तथा एक एकड़ में 200 से 300 क्विंटल फल मिल जाता है। इस हिसाब से किसानों को पपीते के एक एकड़ खेत से 40-60 हजार रूपये तक की कमाई हो सकती है। 

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