Search Tractors ...
search
ट्रैक्टर समाचार सरकारी योजना समाचार कृषि समाचार कृषि मशीनरी समाचार मौसम समाचार कृषि व्यापार समाचार सामाजिक समाचार सक्सेस स्टोरी समाचार

एरोपोनिक : अब मिट्टी नहीं बल्कि हवा में पैदा होंगे आलू, 10 गुणा अधिक होगी पैदावार

एरोपोनिक : अब मिट्टी नहीं बल्कि हवा में पैदा होंगे आलू, 10 गुणा अधिक होगी पैदावार
पोस्ट -23 अगस्त 2022 शेयर पोस्ट

जानें, क्या है एरोपोनिक तकनीक और किस प्रकार होगा ज्यादा उत्पादन?

वर्तमान समय में कृषि क्षेत्र में कई नई तकनीकों का आविष्कार होने से खेती करना काफी आसान हो गया है। बदलते समय के साथ देश के किसान खेती के परंपरागत तरीकों के स्थान पर इन नई तकनीकों का प्रयोग कर काफी लाभ अर्जित कर रहे हैं। खेती की इन नई तकनीकों में से आज हम एक ऐसी तकनीक के बारे में बात करने जा रहे हैं, जो आधुनिक खेती का एक बेहतरीन उदाहरण है। यह आधुनिक तकनीक एरोपोनिक के नाम से जानी जाती है। यह एक ऐसी तकनीक है जिसकी मदद से हवा में सब्जियां उगाई जा रही है। शायद बेहद कम लोग ही इस तकनीक के बारे में जानते होंगे। एरोपोनिक तकनीक से आलू की खेती बिना मिट्टी, पानी और सूर्य की रोशनी के किया जा रहा है। इस तकनीक की सहायता से आलू को कोहरे और हवा वाले वातावरण में उगाया जाता है। तो आइए ट्रैक्टर गुरू के इस लेख के माध्यम से एरोपोनकि तकनीक के बारे में विस्तार से जानते है। 

New Holland Tractor

क्या है एरोपोनिक विधि?

एरोपोनिक तकनीक खेती की आधुनिक विधि हैं। इस विधि में मिट्टी की जरूरत नहीं पड़ती। इस विधि में सब्जियोंके पौधों को कोहरे और हवा वाले वातावरण में उगाया जाता है। सबसे पहले एरोपोनिस तकनीक में बड़े-बड़े थर्माकोल और प्लास्टिक के बॉक्स में आलू के माइक्रोप्लांट लटका दिया जाता हैं और प्रत्येक बॉक्स में पौधौ को ग्रोथ के लिए पोषक तत्व और पानी डाला जाता है। जिससे जड़ों में नमी बनी रहती है और कुछ समय के बाद आलू के छोटे-छोटे टयूबर बनने शुरू हो जाते है। इस दौरान आलू के पौधों को सभी पोषक तत्व दिए जाते हैं, जिससे फसल का उत्पादन अच्छा होता है। इस विधि में आलू के पौधों के जो भी पोषक तत्व दिए जाते है वो मिट्टी के जरिए नहीं, बल्कि लटकती हुई जड़ों से दिए जाते हैं। 

आलू की पैदावार 10 गुना तक बढ जाती हैं

कृषि विशेषज्ञों का कहना है इस तकनीक का इजाद हरियाणा के करनाल जिले में स्थित आलू प्रौद्योगिकी केंद्र द्वारा किया गया है। एरोपोनिक एक ऐसा तरीका है, जो हाल के दिनों में लोकप्रियता में लगातार बढ़ रहा है। कृषि की इस आधुनिक पद्धति से किसानों और नागरिकों के लिए कई लाभ हैं। इस टेक्निक से खेती करने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें मिट्टी और भूमि की कमी होने के बावजूद फसलों का उत्पादन करना संभव है। आलू प्रौद्योगिकी केंद्र के विशेषज्ञों का कहना है इस तकनीक से खेती करने पर आलू की पैदावार 10 गुना तक बढ़ जाती है। सरकार द्वारा भी इस तकनीक से खेती करने के लिए किसानों को मंजूरी भी दे दी गई है। इससे किसान कम लागत और कम जगह में आलू की ज्यादा पैदावार हासिल कर सकते हैं। ज्यादा पैदावार होने की स्थिति में किसानों की आमदनी में भी इजाफा होगा।  

बीज उत्पादन की बढ़ जाएगी क्षमता

आलू प्रौद्योगिकी केंद्र के सीनियर कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक आलू का बीज उत्पादन करने के लिए आमतौर पर ग्रीन हाउस तकनीक का इस्तेमाल करते हैं, जिसमें पैदावार काफी कम आती है। किन्तु अब एरोपोनिक तकनीक से आलू का उत्पादन किया जाएगा, जिसमें बिना मिट्टी, बिना जमीन के आलू पैदा होंगे। इस तकनीक में एक पौधा 40 से 60 छोटे आलू देगा, जबकि पूर्व की ग्रीन हाउस वाली तकनीक से एक पौधे से पांच आलू ही निकलते थे। इससे आलू के बीज के उत्पादन की क्षमता 3 से 4 गुणा बढ़ जाएगी। एरोपोनिक तकनीक से तैयार हुए पौधे को खेत में बीज के तौर पर रोपित करने से करीब 10 से 12 गुना पैदावार बढ़ जाएगी। इस तकनीक से सिर्फ हरियाण ही नहीं, बल्कि देश के अन्य राज्यों के किसानों को भी लाभ मिलेगा। 

एरोपोनिक तकनीक से कौन से पौधे उगा सकते हैं? 

कृषि विशेषज्ञों के अुनासर यह प्रणाली उन सब्जियों के उत्पादन के लिए उपयुक्त है, जिनकी जड़ें ऑक्सीजन और नमी जैसी सर्वोत्तम स्थिति को अपना सकती हैं। एरोपोनिस तकनीक के माध्यम से किसान पोषक तत्वों से परिपूर्ण फसलें प्राप्त कर सकते हैं। इस तकनीक से फसलों के उत्पादन में पानी के साथ-साथ पोषक तत्वों की भी बचत होती है। इस तकनीक का उपयोग करके पत्तेदार साग, स्ट्रॉबेरी, खीरे, टमाटर और जड़ी-बूटियों के उत्पादन के लिए किया जा रहा है। एरोपोनिक सिस्टम को किसानों के बीच प्रोत्साहित किया जा सके, इसके लिए हरियाणा के करनाल स्थित आलू प्रौद्योगिकी केंद्र का इंटरनेशनल पोटेटो सेंटर साथ एक एमओयू साइन हो चुका है। इसके अलावा किसानों को इस तकनीक के बारे में बताने के लिए ट्रेनिंग प्रोगाम भी आयोजित किए जा रहे हैं। किसान इस तकनीक के इस्तेमाल से आलू की  अच्छी पैदावार और पैदावार से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। 

ट्रैक्टरगुरु आपको अपडेट रखने के लिए हर माह कुबोटा ट्रैक्टर  व वीएसटी ट्रैक्टर कंपनियों सहित अन्य ट्रैक्टर कंपनियों की मासिक सेल्स रिपोर्ट प्रकाशित करता है। ट्रैक्टर्स सेल्स रिपोर्ट में ट्रैक्टर की थोक व खुदरा बिक्री की राज्यवार, जिलेवार, एचपी के अनुसार जानकारी दी जाती है। साथ ही ट्रैक्टरगुरु आपको सेल्स रिपोर्ट की मासिक सदस्यता भी प्रदान करता है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।

Website - TractorGuru.in
Instagram - https://bit.ly/3wcqzqM
FaceBook - https://bit.ly/3KUyG0y

Call Back Button

क्विक लिंक

लोकप्रिय ट्रैक्टर ब्रांड

सर्वाधिक खोजे गए ट्रैक्टर