सीड ड्रिल मशीन और डीएसआर पर मिलेगी भारी सब्सिडी, बस करना है यह काम

पोस्ट -12 जुलाई 2022 शेयर पोस्ट

सीड ड्रिल मशीन और डीएसआर पर अनुदान योजना के बारे में पूरी जानकारी

कम लागत पर उन्नत खेती करने के लिए आधुनिक कृषि यंत्रों की आवश्यकता होती है। इन कृषि यंत्रों के प्रयोग ने खेती-बाड़ी को बेहद आसान बना दिया है। खेत की जुताई, बीजों की बुवाई से लेकर फसल की कटाई तक छोटे से बड़े कृषि कार्यों को किसान इन आधुनिक कृषि यंत्रों की मदद से बेहद कम समय और कम लागत में पूर्ण कर लेते हैं। ऐसे में किसान खेती-किसानी में बीजों की बुवाई से लेकर फसल कटाई जैसे सभी कार्य बिना इन कृषि यंत्रों सोच भी नहीं सकते हैं। ऐसे में देश में मानसून का दौर शुरू होते ही किसानों ने खेतों में खरीफ की फसल बुवाई शुरू कर दी है। इसमें बाजरा, ज्वार, मक्का, सोयाबीन, कपास सहित धान आदि फसलें शामिल हैं। भारत में खरीफ फसल चक्र के तहत धान की खेती की जाती है। 

ज्यादातर इलाकों में मानसून की बारिश शुरु हो चुकी है, इस समय किसान खरीफ सीजन की सबसे मुख्य फसल धान की रोपाई के लिये खेतों में जुट चुके हैं। धान की अच्छी पैदावार के लिये उन्नत बीजों और खास तरीकों के जरिये बिजाई-रोपाई करना जरूरी है। ऐसे में हम आपको धान की खेती करने में प्रचलित सीड ड्रिल विधि के बारे बताने जा रहे है। इस विधि से धान की खेती करने से आप समय और श्रम दोनों की बचत कर सकते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि सीड ड्रिल विधि को सीधे बिजाई या छींटा विधि भी कहते हैं, जिसके तहत सीधे खेतों में सीड ड्रिल मशीन के जरिये धान के बीजों की बुवाई की जाती है। तो आइए ट्रैक्टर गुरू के इस लेख के माध्यम से सीड ड्रिल मशीन से धान की बुवाई एवं सीड ड्रिल पर मिलने वाले अनुदान के बारे में जानते हैं।

डीएसआर और सीड ड्रिल मशीन पर उपलब्ध सब्सिडी

देश में ज्यादातर इलाकों में मानसून की बारिश शुरु हो चुकी है, इस दौरान कई राज्यों में किसान खरीफ सीजन की सबसे मुख्य फसल धान की रोपाई के लिये खेतों में जुट चुके हैं। ऐसे में किसानों को धान की सीड ड्रिल मशीन से बुवाई के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए सरकार की ओर से किसानों को डीएसआर मशीन और सीड ड्रिल मशीन का इस्तेमाल करने पर किसानों को 40 हजार रुपए तक का अनुदान प्रदान किया जाएगा। इस अनुदान का लाभ उन किसानों को दिया जाएगा जिन्होंने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर अपना सब्सिडी हेतु रजिस्ट्रेशन कराया है। इसके अलावा सीड ड्रिल मशीन पर भी सरकार की ओर से अनुदान दिया जाता है। कृषि यंत्रों पर अनुदान योजना के तहत किसानों को 50 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाता है। कृषि यंत्र सब्सिडी योजना के तहत अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति, लघु/सीमांत एवं महिला किसानों के लिए 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है, जो अधिकतम 20,000 रुपए है। जबकि अन्य श्रेणी के किसानों को लागत का 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है, जो अधिकतम 16,000 रुपए है। 

सीड ड्रिल मशीन, प्रकार एवं बाजार में इसकी कीमत क्या हैं?  

यह एक आधुनिक कृषि मशीन है, जिसे किसान भाई सरलता से ट्रैक्टर के साथ जोड़कर बीजों की बुवाई कर सकते हैं। सीड ड्रिल मशीन का उपयोग उचित मात्र और उचित गहराई में बीज की बुआई करने के लिए होता है। इससे आप धान, बाजरा, मूंगफली, गेहूं, मक्का, मटर, मसूर, सोयाबीन, आलू, प्याज, लहसुन, सूरजमुखी, जीरा, चना, कपास आदि फसलों की बुवाई को सरलता से कर सकते हैं। सीड ड्रिल मशीन के उपयोग से लागत और समय बचता है और पैदावार बढ़ती है। सीड ड्रिल मशीन दो प्रकार की आती है। पहली मैनुअल सीड ड्रिल मशीन इसके हरेक चीजों को हाथ से सेट करनी पड़ती है। तथा दूसरी ऑटोमेटिक सीड ड्रिल मशीन इस में ज्यादा सेटिंग की जरूरत नहीं होती है। बाजार में मैनुअल सीड ड्रिल मशीन की कीमत 40 से 90 हजार तक है। और ऑटोमेटिक सीड ड्रिल मशीन की कीमत 50 से लेकर 1.5 लाख रुपए तक है।

धान की सीधी बुवाई में प्रयोग में आने वाली सीड ड्रिल मशीन

सरकार किसानों को धान की सीड ड्रिल मशीन से बुवाई के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए सरकार द्वारा किसानों को धान की सीधी बुवाई के लिए सीड ड्रिल डीएसआर मशीन के इस्तमाल पर सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाएगा। किसान भाई सीड ड्रिल मशीन, जीरो टिल ड्रिल, डीएसआर मशीन, मल्टीक्रॉप सीड ड्रिल, हैपी सीडर, रोटरी डिस्क ड्रिल और बैल चलित सीड ड्रिल मशीन के इस्तेमाल कर धान की सीधी बुवाई बेहद कम मेहनत और कम लागत पर आसानी से कर सकते है। 

सीड़ ड्रिल विधि से कैसे करें धान की सीधी बुवाई

  • धान की खेती में सीधी बिजाई के लिये सबसे पहले उन्नत किस्म के बीजों का चुनाव करें। जिसे अंकुरण में आसानी रहे और ज्यादा से ज्यादा बीज अंकुरित हो सकें।  

  • खेत में बुवाई से पहले इन धान के बीजों को थीरम और कार्बेंडाजिम नामक दवाओं से बीजोपचारित जरूर कर लें, जिससे फसल में कीड़े और बीमारियों की संभावना कम हो जाये।

  • धान की सीधी बिजाई के लिये सबसे पहले खेत की 2-3 गहरी जुताई कर खेत को  2-3 दिन के लिये छोड़ दें। 2-3 दिन बाद दोबारा जुताई करके खेत में पानी भरकर छोड़ दें। ऐसा करने पर खेतों में पहले ही खरपतवार उगा जाते हैं, जिन्हें जुताई करके हटा दिया जाता है।

  • इसके बाद खेत में गोबर की खाद और दूसरे पोषक तत्व डालें, जिससे बीजों के अंकुरण और मिट्टी की उपजाऊ शक्ति भी बढ जायेगी। खेत की तैयारी के बाद उपचारित किये हुये उन्नत बीजों को सीड़ ड्रिल मशीन में डालकर पूरे खेत में बिजाई कर दें। खेत में धान की बिजाई करने के बाद खेत में चारों तरफ मेडबंदी करें, जिससे सिंचाई का पानी खेत से बाहर न निकले।

सीड ड्रिल मशीन से धान की सीधी बिजाई के बाद देखभाल

  • सीड़ ड्रिल मशीन से धान की सीधी बिजाई के बाद खेत में पानी भरकर 21 दिन के लिये छोड़ दें, ताकि फसल में ठीक प्रकार से अंकुरण हो सके।

  • खेतों में धान के पौधों के साथ खरपतवार भी उग जाते हैं, जिन्हें निकालने के लिये किसान निराई-गुड़ाई करें। इसके अलावा किसान बैलों की मदद से खेत में हल्की जुताई का काम भी कर सकते हैं। ऐसा करने से धान के पौधों की जड़ों को मजबूती  मिलती है। खरपतवार शुरूआत में ही नष्ट हो जाएगे। पौधों की कलियों की संख्या में  भी बढ़वार देखने को मिलेगी। ऐसे में पौधों की कलियों में बढ़वार से ही फसल की बेहतर क्वालिटी और ज्यादा पैदावार मिलती है।

  • अगर खेत में ज्यादा खरपतवार निकल आते हैं, तो निराई-गुड़ाई करते रहें और खरपतवार नियंत्रण के लिए खरपतवार नाशी दवा का भी छिड़काव करें।

  • धान की बढ़ती फसल में निगरानी करते रहें, जिससे कीट-रोग के लक्षणों को पहचानकर समय से समाधान कर सकें। कृषि विशेषज्ञों की सलाहनुसार धान के खेत में पोषण प्रबंधन का कार्य करें। कृषि विशेषज्ञों की सलाह पर सही देखभाल करने से बेहतर उत्पादन और दोगुना आमदनी भी ले सकते हैं।

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