fish farming Yojana 2025 : मछुआरों और मछली पालने करने वाले किसानों के लिए बड़ी खबर है। अब ऐसे सभी हितग्राहियों को कृषि क्षेत्र के लिए चलाई जा रही सरकारी योजनाएं एवं सुविधाओं का लाभ मिलेगा। महाराष्ट्र में मछली पालन को भी कृषि के दायरे में शामिल कर लिया है। इससे मछली पालने वाले को सब्सिडी और सरकारी योजना का डबल फायदा मिलेगा। दरअसल, महाराष्ट्र कैबिनेट ने एक महत्वपूर्ण फैसला करते हुए मत्स्य पालन को भी अब कृषि का दर्जा दे दिया है। केबिनेट के इस निर्णय से राज्य के मछुआरों को भी किसानों की तरह ही सरकारी सेवाएं और योजनाओं का सीधा लाभ मिल सकेगा। राज्य के मत्स्य पालन एवं बंदरगाह मंत्री नितेश राणे ने कैबिनेट के इस फैसले को एक 'ऐतिहासिक और क्रांतिकारी' बताया है।
मत्स्य पालन मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले से मछुआरों तथा मछली पालन करने वालों को फायदा मिलेगा, जो पानी, बिजली और अन्य बुनियादी सुविधाओं का दावा कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश के 4,83,000 मछुआरों को फायदा होगा। बंदरगाह मंत्री नितेश राणे ने कहा कि महाराष्ट्र में मछली पालन (मछली पालन) क्षेत्र में पारंपरिक कृषि की भांति ही पर्याप्त उत्पादन और आय पैदा करने की क्षमता है।
मत्स्य पालन मंत्री राणे ने कहा कि कृषि का दर्जा न होने के कारण मछुआरे, जल-पालक और मछली पालक कई बुनियादी सुविधाओं और लाभों से वंचित थे। इस फैसले से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, क्योंकि मछली पालन हितधारकों को कई बुनियादी सुविधाएं और सब्सिडी हासिल होंगी। राज्य में मछली उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। जिस तरह किसानों को बीज, ट्रैक्टर, हल और उर्वरकों के लिए सरकारी सहायता मिलती है। उसी तरह मछुआरों को अब मछली के बीज, चारा, पैडल-व्हील एरेटर और एयर पंप खरीदने के लिए सब्सिडी मिलेगी।
नितेश राणे ने बताया कि इस फैसले से मछली पालकों और जल-पालकों को मछली के बीज और उत्पादन में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए फसल बीमा की तरह बीमा का दावा करने की अनुमति मिल गई है। सूखे या बहुत ज्यादा बारिश जैसी प्राकृतिक आपदाओं के मामले में मछुआरों को किसानों को दिए जाने वाले सरकारी राहत पैकेज के समान ही राहत पैकेज मिलेंगे। उनका कहना था कि मछली पालन को कृषि का दर्जा देने से तटीय और अंतर्देशीय क्षेत्रों में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
इससे राज्य में रोजगार के अवसर पैदा होंगे और आय में वृद्धि होगी। चूंकि मछुआरों को अब कृषि किसानों के रूप में मान्यता दी गई है। इसलिए उन्हें बिजली शुल्क पर सब्सिडी मिलेगी। राणे ने आगे बताया कि मछली पालकों, मत्स्य विकास परियोजनाओं, संबंधित कारखानों और प्रोसेसिंग यूनिट्स को कृषि दरों पर बिजली मिलेगी। ‘मछली पालक किसान क्रेडिट कार्ड, बैंकों से कृषि दर पर ऋण और सब्सिडी वाली कृषि दरों पर बीमा कवरेज के योग्य होंगे।
मंत्री नितेश राणे कहा कि मछली पालन क्षेत्र विदेशी मुद्रा आय और देश के लिए प्रोटीन से युक्त फूड सप्लाई में महत्वपूर्ण योगदान देता है। उनका कहना था कि कृषि की तरह महाराष्ट्र में मछली पालन क्षेत्र भी मजबूत उत्पादन और आय पैदा कर सकता है। मछुआरों को बिजली सब्सिडी, किसान क्रेडिट कार्ड, कृषि दरों पर ऋण, रियायती बीमा और उपकरण सब्सिडी जैसी सुविधाएं मिलेंगी, जिससे मछली उत्पादन में वृद्धि होगी।
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