Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana Year 2025-26 : कृषि मंत्रालय द्वारा विपणन वर्ष 2025-26 में रिकॉर्ड गेहूं खरीद का अनुमान है। सरकारी अधिकारियों ने कहा, आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश सहित अन्य गेहूं उत्पादक राज्यों से खरीद में तेजी आएगी। राज्यों में फसल की पैदावार अच्छी बताई गई है और समय पर खरीद लक्ष्य हासिल भी कर लिया जाएगा। इस बीच उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसलों का नुकसान हुआ है। इससे किसानों को बड़ा आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। इस प्रकार की स्थिति को देखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY Year 2025) के अंतर्गत प्रदेश में जिन किसानों ने अपनी फसल का बीमा कराया है और कटाई के बाद उनकी फसल खेत में बंडल बनाकर रखी गई है और वर्तमान में हो रही बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसल नुकसान हुआ है, तो ऐसे किसानों से 72 घंटे के अंदर टोल फ्री नंबर 14447 पर फसल नुकसान की सूचना तुरंत देने के लिए प्रदेश सरकार ने कहा है। इससे विभाग द्वारा खराब फसल का आंकलन कर समय पर किसानों को मुआवजा दिया जा सकेगा।
दरअसल, उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बेमौसम बारिश, चक्रवाती बारिश और ओलावृष्टि से फसलों में नुकसान हुआ है। कई जगह पर गेहूं की कटाई शेष है, तो कहीं खड़ी फसल खेत में तैयार है। इसी प्रकार चना और बाकी फसलों का भी यही स्थिति है। बारिश और ओलावृष्टि होने से इन फसलों को बहुत नुकसान हुआ है। कटाई के बाद कई फसलों का बंडल बनाकर खेतों में छोड़ा गया था, जो बारिश के पानी से भीग गया है। ऐसे बंडलों में अनाज के सड़ने का खतरा बढ़ गया है। यूपी सरकार ने ऐसे किसानों से समय पर फसल नुकसान की जानकारी देने के लिए कहा , ताकि किसानों को मुआवजा मिलने में देरी नहीं हो। सरकार फसलों का सर्वे कराकर प्रभावित किसानों के लिए राहत राशि जारी कर सके।
बेमौसम बारिश और तेज हवा से तैयार गेहूं की फसल खेतों में लेट गई है, जिससे अनाज सड़ने का खतरा है। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने किसानों से तुरंत फसल नुकसान की शिकायत करने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने कहा है कि अगर किसान द्वारा नुकसान की शिकायत 72 घंटे के अंदर कर दिया जाए, तो राहत कार्यवाही में किसी प्रकार का विलंब नहीं होगा। सरकार ने कहा है, किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Prime Minister Crop Insurance Scheme Year 2025-26) के तहत टोल फ्री नंबर 14447 पर कॉल कर नुकसान की सूचना दर्ज करा सकते हैं। इसके बाद किसान अपनी फसल के नुकसान की लिखित शिकायत संबंधित बैंक (जहां से प्रीमियम कट रहा हो) या जिला कृषि अधिकारी या उप कृषि निदेशक कार्यालय में लिखित प्रार्थना पत्र के तहत अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। शिकायत के 48 घंटे के अंदर कृषि विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर फसल नुकसान की गणना के लिए सर्वे शुरू करेगी और उसकी रिपोर्ट के आधार पर फसल बीमा का मुआवजा दिया जाएगा।
प्रदेश के कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे फसलों का बीमा जरूर कराएं, जिससे नुकसान की स्थिति में उन्हें नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा (Crop Compensation) मिल सके। कृषि विभाग, उत्तर प्रदेश ने कहा है कि किसान अगर समय पर फसल नुकसान की जानकारी देते हैं या शिकायत दर्ज कराते हैं तो उन्हें मुआवजा मिलने में किसी तरह की देरी नहीं होगी। टोल फ्री नंबर 14447 पर शिकायत मिलने के 48 घंटे के अंदर कृषि विभाग की टीम खराब फसल का सर्वे करती है और अपनी रिपोर्ट तैयार करती है। उसी रिपोर्ट के आधार पर प्रभावित किसानों को मुआवजा राशि देकर राहत प्रदान की जाएगी। शिकायत दर्ज कराने में जितनी देरी होगी, किसान को फसल बीमा का मुआवजा मिलने में परेशानी भी बढ़ जाएगी।
कृषि विभाग ने कहा है कि पीएम फसल बीमा योजना के तहत किसान गेहूं, धान, मिर्च, मूंगफली और अरहर जैसी फसलों का बीमा करा सकते हैं। इस बार यदि वे फसल बीमा नहीं करा सके हैं, तो उन्हें भविष्य में यह काम जरूर करना चाहिए, ताकि सरकार से फसल नुकसान का मुआवजा मिल सके। इस बारे में किसान ब्लॉक या जिले के कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं और फसल बीमा कराने के लिए आगे आ सकते हैं।
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