Crop Loss : देश में अचानक बदलते मौसम (Weather) और बेमौसमी गतिविधियों ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। तेजी से बदल रहे मौसम (Weather) लेकर भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा देश के कई हिस्सों में आधी-तूफान के साथ भारी बारिश और ओलावृष्टि के लिए अलर्ट जारी किए जा रहे हैं। इस बीच 2 दिन पहले देश के कई राज्यों में अचानक आए तूफान और भारी बारिश ने भारी तबाही मचाई है।
मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, बारिश और ओला गिरने से किसानों पर दोहरी मार पड़ी है। बताया जा रहा है कि आंधी-बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि से गेहूं की फसल पूरी तहर से बर्बाद हो गई है। पश्चिम बंगाल में तूफान के कारण राजारहाट, बार्निश, बकाली, जोरपाकड़ी, माधबडांगा और सप्तीबारी सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। इन क्षेत्रों में कई एकड़ में लगी गेहूं समेत अन्य फसलों को नुकसान हुआ है। वहीं, हरियाणा के रेवाड़ी जिले में ओलावृष्टि के कारण किसानों की गेहूं फसल पूरी तरह से चौपट हो गई है और भारी बारिश और आंधी के चलते हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा और ऊना जिले में आलू की फसल को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है तथा तेज हवा चलने से लगभग कटाई के लिए तैयार हो चुकी गेहूं की फसल खेतों में बिछ गई। कहा जा रहा है कि तेज हवाओं के साथ हुई बारिश और ओलावृष्टि से फसल पूरी तरह से चौपट हो गई है। अगर सरकार से मदद नहीं मिली तो वे लागत भी नहीं निकाल पाएंगे और उन्हें बहुत अधिक आर्थिक नुकसान उठान पड़ सकता है। वहीं, रेवाड़ी जिले में किसानों ने सरकार से चौपट हुई फसलों की गिरदवारी कराकर मुआवजा देने की मांग उठाई है।
स्काईमेट वेदर के अनुसार, अगले 24 घंटे में पूर्वी मध्यप्रदेश, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, विदर्भ एवं छत्तीसगढ़ के कई क्षेत्रों में गरज व बिजली के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की भविष्यवाणी की गई है। वहीं, अरुणाचल प्रदेश में हल्की बारिश और बर्फबारी की संभावना है, जबकि सिक्किम में भी अगले 24 घंटो के दौरान बारिश संबंधित गतिविधियां दर्ज की जा सकती है तथा आकाशीय बिजली भी गिरने का अलर्ट जारी किया गया है। इसके साथ ही झारखंड के 8 जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना व्यक्त की गई है तथा कुछ इलाकों में तेज हवाएं (30 से 40 किमी प्रतिघंटा) भी चल सकती है और वज्रपात की घटनाएं हो सकती हैं, जिसके लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, कृषि वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि बारिश और आंधी से फसल चौपट होने के साथ-साथ फसलों में फंगल रोगों का प्रकोप भी दिखाई पड़ सकता है इससे पैदावार प्रभावित हो सकती है।
विशेषज्ञों ने कहा कि इस समय देश के कई राज्यों में गेहूं की फसल कटाई के करीब पहुंच रही है, जबकि मध्य और ऊंचे पहाड़ी इलाकों में फसल अभी पकने की अवस्था में है। ऐसे में कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को अपने खेतों में उचित जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करने की सलाह दी है और कहा है कि जल जमाव की स्थिति में गेहूं की फसल को बहुत अधिक नुकसान पहुंच सकता है। विशेषज्ञों ने कहा कि, जिन इलाकों में बारिश की संभावना बनी हुई है उन क्षेत्रों में किसान अभी गेहूं की कटाई रोक दे। मौसम (Weather) साफ होने और बारिश की संभावना नहीं होने पर ही किसानों को अपनी गेहूं की फसल की कटाई करनी चाहिए। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि गेहूं की फसल बर्बाद होने से कुछ इलाकों में पैदावार को नुकसान हो सकता है।
बीते दो दिनों पहले पंजाब के कई हिस्सों में बारिश हुई, जिससे राज्य के कई जिलों में गेहूं की फसल को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। मौसम विज्ञान विभाग (Meteorological Department) के अनुसार, बीते शनिवार के दिन राज्य के लुधियाना और अमृतसर जिले में क्रमश : 15.4 मिमी और 4.2 मिमी बारिश दर्ज हुई। वहीं, पटियाला में 2 मिमी, पठानकोट में 1 मिमी, बठिंडा में 7 मिमी और फरीदकोट में 4.8 मिमी बारिश हुई। राज्य के इन जिलों में ये बारिश ऐसे समय में हुई है जब गेहूं की कटाई अंतिम चरण में चल रही है और कुछ इलाकों में फसल कटाई अभी शेष है। वहां इस बारिश ने सबसे अधिक तबाही मचाई है। क्योंकि इन स्थानों पर तेज हवाओं के साथ बारिश ऐसे समय हुई जब गेहूं की फसल कटाई के लिए पूर्ण रूप से तैयार है।
हरियाणा के रेवाड़ी जिले में 2 दिन पहले देर शाम अचानक तेज हवाओं के साथ भारी बारिश दर्ज हुई और जिले के कई गांवों में ओलावृष्टि भी हुई। इसके कारण किसानों के खेतों में खड़ी गेहूं की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई और क्षेत्र के कई गांवों में सरसों की पिछेती फसल भी चौपट हो गई है। तेज बारिश और तूफान के कारण फसलें खेत में गिर गई। किसानों का कहना है कि बारिश, ओलावृष्टि और आंधी से जिले में लगभग 60 से 70 फ़ीसदी फसल बर्बाद हो चुकी है। किसानों ने कहा है कि फसल चौपट होने के चलते अब उन पर आर्थिक संकट का खतरा मंडराने लगा है। अचानक हुई ओलावृष्टि से उनकी पूरी की पूरी फसल खराब हो गई है, जिससे उन्हें अपने बच्चों की स्कूल फीस भरने और परिवार के पालन-पोषण और घर चलाने में भी आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में प्रभावित किसानों ने राज्य सरकार से गेहूं की फसलों के नुकसान का उचित मुआवजा देने की गुहार लगाई है और कहा है कि सरकार जल्द से जल्द गिरदावरी कराकर उन्हें उचित मुआवजा प्रदान कर राहत पहुंचाने का कार्य करें।
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