Weather Forecast: विश्व मौसम संगठन (डब्ल्यूएमओ) की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर के कई हिस्सों में अल नीनो की घटना के कारण मौसम का मिजाज प्रभावित हो रहा है। भारत में भी मौसम का मिजाज बदल गया है। साल 2024 ने गर्मी के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। अभी उत्तर भारत में भीषण गर्मी और लू चलने की गतिविधियां जारी है, तो दक्षिण भारत में बारिश से लोग परेशान है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा समेत कई राज्यों में आसमान से “आग” बरस रही है। राजस्थान में बीते 25 सालों का रिकॉर्ड टूट गया है। मंगलवार 28 मई को राजस्थान के फलोदी और चूरू में अधिकतम तापमान 50 डिग्री के पार तक पहुंच गया है, जबकि पिलानी में मंगलवार (28 मई) को अधिकतम तापमान 49 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं, राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को भीषण गर्मी रही और दिल्ली के कई इलाकों में तापमान 49.9 डिग्री सेल्सियस के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने गर्मी के इस कहर से 30 मई के बाद लोगों को राहत मिलने का पूर्वानुमान दिया है। 1 जून या 2 जून को दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के लोगों गर्मी से अल्पकालिक राहत मिल सकती है। लेकिन जून में भारत के बड़े हिस्सों में तापमान सामान्य से ऊपर रहेगा मतलब जून महीने में मई की तुलना दोगुनी गर्मी रहने वाली है, जिसको लेकर मौसम विभाग ने उत्तर-पश्चिम भारत के कई राज्यों के लिए अलर्ट भी जारी किया है। वहीं, इस भीषण गर्मी और लू से कई राज्यों में किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंच रहा है। साथ ही कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को अपने खाली खेतों की गहरी जुताई करने की सलाह दी गई है। आइए, मौसम पूर्वानुमान से जानते हैं कि देशभर में मौसम का मिजाज क्या रहने वाला है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को जून महीने के मौसम को लेकर पूर्वानुमान जारी किया है, जिसमें दक्षिण भारत को छोड़कर देश बडे़ हिस्सों में तापमान सामान्य से अधिक रहने की भविष्यवाणी की है। आईएमडी के अनुसार, जून में उत्तर भारत और मध्य भारत में ज्यादा लू यानी हीटवेव चलने का पूर्वानुमान जारी किया है। मौसम विभाग ने छह राज्यों दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी यूपी और मध्य प्रदेश के लिए 29 और 30 मई के लिए “रेड अलर्ट” जारी किया है। इन राज्यों के लोगों को मई की तुलना में जून के महीने में अधिक लू का सामना करना पड़ सकता है। आईएमडी ने कहा है कि असम में जून के के महीने तीन दिन लू चलने को सामान्य माना जाता है, लेकिन इस बार जून के महीने में यह स्थिति 6 दिन के लिए जारी रह सकती है।
आईएमडी ने अपने मौसम पूर्वानुमान में कहा है कि राजस्थान, हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में अगले 24 घंटों के दौरान भीषण गर्मी की स्थिति रहेगी। 30 मई और 2 जून के दौरान दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़ में रात के समय भी गर्मी की स्थिति बनी रहेगी। वहीं, उत्तर प्रदेश और पूर्वी मध्य प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में भी 29 मई को रात में ऐसी ही स्थिति रह सकती है। 30 मई से 2 जून के दौरान पंजाब में एक-दो स्थानों पर गर्म हवाएं यानी लू चलने की संभावना है। मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार 30 मई से उत्तर और मध्य भारत में भीषण गर्मी की स्थिति धीरे-धीरे कम होने लगेगी। 29 मई से 31 मई के बीच बिहार और झारखंड के कुछ स्थानों में लू चलने की स्थिति रहेगी, जबकि छत्तीसगढ, विदर्भ में 29 मई और 30 मई को लू चलने का अलर्ट जारी किया गया है। 29 मई को हिमाचल प्रदेश और 29-30 मई के दौरान ओडिशा में लू चलने का पूर्वानुमान आईएमडी ने दिया है।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने अगले 24 घंटों के दौरान पूर्वोत्तर राज्यों में भारी बारिश को लेकर “रेड अलर्ट” भी जारी किया है। विभाग ने यह भी कहा कि अगले 3 से 4 दिनों में केरल में मानसून की शुरुआत हो सकती है। क्योंकि दक्षिण-पश्चिम मानसून अपने लक्ष्य पर है और अगले पांच दिनों में यह केरल तट पर पहुंच सकता है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, मिजोरम, नागालैंड, मणिपुर और त्रिपुरा में अगले 24 घंटे में लगभग 115.5 से 204.4 मिमी तक भारी बारिश होने की संभावना है। 29 मई से 1 जून तक असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में भारी वर्षा होने की संभावना है। मौसम विभाग ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश, पूर्वी असम और मेघालय और मिजोरम में 35 से 45 किमी प्रति घंटे की गति से तेज़ हवा चलने का पूर्वानुमान है, जो 55 किमी प्रति घंटे की गति तक पहुंच सकती है। आईएमडी ने 10-11 जून के बीच मुंबई में बादल छाए रहने और हल्की बारिश होने की भी भविष्यवाणी की है।
आईएमडी (IMD) ने कहा है कि असम में 25-26 मई के दौरान रिकॉर्ड तापमान के साथ भीषण गर्मी का प्रकोप रहा। मई में पश्चिमी हिमालय को प्रभावित करने वाले 5 पश्चिमी विक्षोभ थे, लेकिन, उनमें से केवल 2 ही सक्रिय थे, जिसके कारण उत्तर-पश्चिमी भारत में 2 ही वर्षा करा सके। इसलिए 15 मई के बाद उत्तरी क्षेत्रों में जलवायु आम तौर पर शुष्क रही। इसके कारण देश के अधिकांश इलाकों में रिकॉर्ड गर्मी रही है। हालांकि, भविष्य में इससे कुछ अस्थायी राहत मिल सकती है, लेकिन जून में इस क्षेत्र में सामान्य गर्मी रहने की उम्मीद है, क्योंकि इन क्षेत्रों में जून के पहले ही हफ्ते मॉनसून दक्षिण-पूर्व की ओर छा जाएगा। इससे उत्तर-पश्चिम भारत के उत्तरी और पूर्वी भागों में तापमान औसत से ऊपर रहेगा और सामान्य से कम बारिश हो सकती है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया है कि देश में भीषण गर्मी का दौर जारी रहेगा। भीषण गर्मी से न केवल आम लोग परेशान है, बल्कि किसानों का भी बुरा हाल है। देश के कई राज्यों में पड़ रही प्रचंड गर्मी और लू चलने से किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंच रहा है। नलकूपों के पंप हांफते जा रहे है, जिससे अनेक किसानों के खेतों में धान की पनीरी सूखने लगी है। वहीं, उत्तर प्रदेश में किसानों की गन्ने की फसल सूखने के कगार पर पहुंच गई, परेशान किसान किसी तरह फसलों में सिंचाई कर उन्हें सूखने से बचा रहे हैं। गर्मियों में चलने वाली आंधी ने मदुरै जिले में कटाई के लिए तैयार केले की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। जिन किसानों के खेत में धान की पनीरी सूख चुकी है उनके मालिकों को इसकी दोबारा बिजाई करनी है जिसके लिए वे 30 मई तक भीषण गर्मी की चेतावनी के कारण मौसम कुछ अनुकूल होने की प्रतीक्षा करने लगे हैं। वहीं, कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को सलाह दी जा रही है, जिन्होंने अपने खेत खाली छोड़ हुए वे तुरंत अपने खेतों की गहरी जुताई करें। क्योंकि इस बार पिछले सालों की तुलना में गर्मी अधिक है । ऐसे में किसानों के पास मौका है अपने खेतों के अंदर की बीमारियों, खरपतवार और फंगस जीवाणुओं को बिना किसी कीटनाशक दवाओं के उपयोग के बिना नष्ट कर सकते हैं। इससे खर्च में कमी आएगी।
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