इस समय देश के कई राज्यों में भीषण गर्मी का दौर जारी है और आम जनता को सूर्य की तीखी तपिश, लू और गर्म हवाओं से कुछ दिन राहत मिलने की कोई संभावना नहीं है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के ताजा अपडेट के अनुसार 13 जून तक पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र समेत उत्तर-पश्चिम भारत में लू से लेकर भीषण लू की स्थिति रहेगी। जम्मू-कश्मीर, पंजाब, पश्चिमी राजस्थान, पश्चिमी मध्य प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़, महाराष्ट्र और दिल्ली में अलग-अलग जगहों पर तेज गर्मी की स्थिति रहेगी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में 'गर्म से अत्यधिक गर्म रातों' की संभावना जताई गई है। आइए, ट्रैक्टर गुरु की इस पोस्ट से जानें कि किन राज्यों में अभी गर्मी का दौर रहेगा और कहां बारिश होगी।
भारत के अधिकांश लोग अब यह जानना चाहते हैं कि बारिश कब होगी। IMD के पूर्वानुमान के अनुसार, 12 से 16 जून के दौरान दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। 12 से 14 जून तक कोंकण और गोवा में 'बहुत ज्यादा बारिश' के साथ मानसून के फिर से सक्रिय होने की स्थिति है। देश के सात राज्यों (मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल और असम) के कई जिलों के लिए 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया गया है, जहां अगले कुछ घंटों में गरज-चमक के साथ मध्यम बारिश, बिजली गिरने और 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है।
राजस्थान के अधिकांश शहरों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से अधिक पहुंच चुका है। अलवर, भरतपुर, बूंदी, धौलपुर, झुंझुनू, कोटा और जैसलमेर में 'लू' का विशेष प्रभाव देखा जा रहा है। बीकानेर और चूरू के लिए 'ऑरेंज अलर्ट', जबकि हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर के लिए 'रेड अलर्ट' जारी किया गया है।
उत्तर भारत के अन्य राज्यों में भी गर्मी का कहर जारी है। पंजाब के बठिंडा में तापमान 47.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जिसे IMD ने 'गंभीर हीटवेव' की स्थिति घोषित किया है। हरियाणा के सिरसा में भी 46.2 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया, जिससे लोगों को भारी परेशानी हुई।
पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश भी भीषण गर्मी की चपेट में है। IMD ने 11 और 12 जून को ऊना, कुल्लू, मंडी, सोलन और कांगड़ा जिलों में 'लू' चलने का 'येलो अलर्ट' जारी किया है। 13 और 14 जून को चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, किन्नौर, लाहौल और स्पीति जिलों में बिजली गिरने और तेज हवाएं चलने की भी चेतावनी दी गई है।
महाराष्ट्र में मानसून ने समय से पहले दस्तक तो दी, लेकिन अब कमजोर पड़ गया है। मई में हुई भारी बारिश के बाद जून में सूखे जैसी स्थिति बनी हुई है। 'मृग नक्षत्र' जिसमें भारी बारिश होती है, वह भी सूखा रहा है, जिससे किसानों की चिंताएं बढ़ गई है। महाराष्ट्र सरकार ने किसानों को 15 जून तक बुवाई न करने की सलाह दी है, क्योंकि इस महीने के बाद दक्षिण-पश्चिम मानसून के पूरी तरह सक्रिय होने की उम्मीद है। IMD ने राज्य में अब 12 से 19 जून के बीच बारिश का अनुमान जताया है।
झारखंड में भले ही अभी तक भीषण गर्मी नहीं पड़ी है, लेकिन उमस का प्रकोप जारी है। रांची में न्यूनतम 56% और अधिकतम 92% आर्द्रता दर्ज की गई, जिससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है।
उत्तराखंड में मौसम ने एक बार फिर करवट ली है। बुधवार को देहरादून में तेज बारिश हुई, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई। मौसम वैज्ञानिक रोहित थपलियाल ने बताया कि प्रदेश में मानसून धीरे-धीरे दस्तक देने लगा है। कुमाऊं मंडल के पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों में भारी बारिश की संभावना है, जबकि अन्य इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। पर्वतीय जिलों में तापमान में गिरावट देखी जा रही है, जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिली है।
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