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कृषि यंत्रीकरण योजना में मिलेगा ट्रैक्टर खरीदने का मौका

कृषि यंत्रीकरण योजना में मिलेगा ट्रैक्टर खरीदने का मौका
पोस्ट -31 जनवरी 2025 शेयर पोस्ट

कृषि यंत्रीकरण योजना : गांव-गांव में कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए मिलेंगे 8 लाख रुपए

केंद्र व राज्य सरकारें किसानों की उन्नति के लिए समय-समय पर कई योजनाएं लांच करती रहती है। अब सरकार ने कृषि यंत्रीकरण योजना के तहत गांव-गांव में कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने की गति को तेज करने का फैसला किया है। योजना के तहत अगर कोई किसान या स्वयं सहायता समूह अपने गांव में कस्टम हायरिंग सेंटर शुरु करता है तो उसे सरकार की ओर से क्रमश: 8 लाख रुपए और 18 लाख रुपए दिए जाएंगे। इस राशि के उपयोग से किसान ट्रैक्टर सहित अन्य कृषि उपकरण खरीद सकता है और उन्हें किराए पर संचालित करके कमाई कर सकता है। अगर, आप कृषि यंत्रीकरण योजना 2025 के तहत अपने गांव में कस्टम हायरिंग सेंटर खोलना चाहते हैं तो इस खबर को अंत तक पढ़ें।

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कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए 50 करोड़ रुपए का बजट (Budget of Rs 50 crore for custom hiring center)

हर गांव में किसानों को खेती के लिए कृषि उपकरणों की सुविधा मिल सके, इसके लिए सरकार कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित कर रही है। इन सेंटर्स पर किसानों को मशीनों की खरीद, मरम्मत और प्रशिक्षण की सुविधा मिलेगी। मध्यप्रदेश सरकार ने कृषि यंत्रीकरण योजना के तहत हर साल 1 हजार कस्टम हायरिंग सेंटर के निर्माण का टारगेट निर्धारित किया है। इसके लिए राज्य सरकार ने 50 करोड़ रुपए का बजट भी तय किया है।

सेंटर के साइज और लागत पर निर्भर करेगी सहायता राशि (The amount of assistance will depend on the size and cost of the centre)

गांवों में अधिकांश किसान लघु और सीमांत श्रेणी में होते हैं और वे महंगे कृषि उपकरणों को खरीदने में असमर्थ होते हैं। ऐसे किसानों की समस्या को समझते हुए सरकार ने कृषि यंत्रीकरण योजना के तहत कस्टम हायरिंग सेंटर बना रही है ताकि किसानों तक कृषि मशीनों की आसान पहुंच संभव हो सके। कस्टम हायरिंग सेंटर शुरू करने के लिए राज्य सरकार 8 लाख रुपये तक की सहायता भी दे रही है। यह राशि सेंटर के साइज और लागत पर निर्भर है। नए साल 2025 में राज्य सरकार ग्रामीण युवाओं को कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित करने में मदद कर रही है।

कस्टम हायरिंग सेंटर पर मिलेगी इन कृषि यंत्रों की सुविधा (Facility of these agricultural equipment will be available at Custom Hiring Center)

मध्यप्रदेश में कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना पर केंद्र संचालक को अनिवार्य रूप से एक ट्रैक्टर, एक प्लाऊ या पावर हैरो, एक रोटावेटर, एक कल्टीवेटर अथवा एक डिस्क हैरो, एक सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल अथवा अन्य ट्रैक्टर चलित बुवाई यंत्र, एक ट्रैक्टर चलित थ्रेसर अथवा स्ट्रॉ रीपर रखने होते हैं। केंद्र के संचालक इन कृषि उपकरणों को किराए पर किसानों को उपलब्ध करा सकते हैं। इसके अलावा स्थानीय आवश्यकताओं और कृषि की आवश्यकता के अनुसार ऐच्छिक यंत्र भी खरीद सकते हैं। एच्छिक कृषि यंत्रों में हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, रेज्ड बेड प्लान्टर, जीरो टिलेज सीड ड्रिल, गार्लिक प्लांटर, वेजीटेबल प्लान्टर, पोटेटो प्लान्टर, शुगरकेन कटर-प्लान्टर, मल्टीक्राप-प्लान्टर, ट्रैक्टर माउन्टेड रीपर, कॉटन पीकर, ट्रैक्टर माउंटेड स्पेयर, पावर स्प्रेयर, ऐरो ब्लास्ट स्प्रेयर, लेजर लैंड लेवलर, स्ट्रारीपर, सीड ग्रेडर, पावर टिलर, सेल्फ प्रोपेल्ड रीपर, रीपर कम बाइंडर, राईस ट्रांसप्लान्टर, पावर वीडर, पोटेटो डीगर, मेज शेलर , एक्सियल फ्लो पेडी थ्रेसर, स्ट्रा लोडर, रोटरी प्लाऊ, डोजिंग अटैचमेंट, क्लीनर कम ग्रेडर, राईस मिल, दाल मिल, आईल एक्सटेक्टर, मिलेट मिल और ग्राइंडर आदि शामिल है।

कृषि मशीनों पर किसानों को मिलेगी छूट (Farmers will get discount on agricultural machines)

मध्यप्रदेश में कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए सरकार की ओर से अनुदान का लाभ भी दिया जाता है। हायरिंग सेंटर पर मशीनों के रखरखाव, मरम्मत और सब्सिडी आदि में कृषि विभाग का सहयोग मिलता है। मध्य प्रदेश कृषि विभाग के अनुसार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में कृषि यंत्रीकरण प्रोत्साहन योजना के तहत हर साल 1,000 कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। राज्य सरकार ने 50 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है।

एफपीओ को मिलेगी 18 लाख रुपए की मदद (FPO will get help of Rs 18 lakh)

एमपी में कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए किसान उत्पादक संगठन यानी एफपीओ भी आवेदन कर सकते हैं। लेकिन यहां कुछ शर्तें हैं जैसे कि एफपीओ मध्यप्रदेश में ही पंजीकृत होना चाहिए, विगत दो वर्षों से लाभप्रद एवं न्यूनतम 300 किसान सदस्य होने चाहिए आदि। राज्य सरकार ने एफपीओ को 18 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता देने का टारगेट रखा है। साथ ही, 5 करोड़ रुपये तक की क्रेडिट गारंटी सुविधा भी दी जा रही है। 

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