Semi-Smart Tractor : खेती में परिचालन लागत की चुनौतियों से निपटने के लिए कृषि यंत्रों और मशीनों में एआई (Artificial Intelligence) प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है। साथ ही एआई (Artificial Intelligence) आधारित कृषि उपकरण स्मार्ट खेती करने वाले किसानों के लिए काफी हद तक फायदेमंद भी साबित हो रहे हैं। वर्तमान में कृषि में उपयोग होने वाले हर प्रकार के यंत्रों में एआई (Artificial Intelligence) प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर विकसित भी किया जा रहा है। इसी कड़ी में कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, बेंगलुरु (यूएएस-बी) ने अपने स्मार्ट एग्रीकल्चर इनोवेशन के तहत नवाचार और विकास केंद्र (सीआईडीएसए) में एक नया अर्ध-स्वचालित ट्रैक्टर (Semi-smart tractor) विकसित करके कृषि मशीनरी में एआई (Artificial Intelligence) के एकीकरण के प्रयासों को आगे बढ़ाया है। विवि के शोधकर्ताओं का कहना है कि इससे ट्रैक्टर ऑपरेट करने में चालक की भूमिका कम हो गई है।
विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के अनुसार, इस AI आधारित सेमी-ऑटोमेटेड ट्रैक्टर के इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल सिस्टम में पहले से निर्धारत रास्ते को फीड कर दिया जाएगा, जिससे बाद इस अर्ध-स्वचालित ट्रैक्टर में पहले से फिट एक ऑटोमेटेड स्टीयरिंग बिना ऑपरेटर के खेतों में पहले से तय किए गए रास्ते पर ट्रैक्टर को चलाती रहेगी। हालांकि, ट्रैक्टर को यू-टर्न लेने और क्लच, ब्रेक और गियर को ऑपरेट करने के लिए ड्राइवर की जरूरत होती है। नियमित संचालन में, ड्राइवर को न केवल ट्रैक्टर की गति पर नजर रखनी होती है, बल्कि जुताई या कीटनाशकों के छिड़काव पर भी ध्यान देना होता है।
खेतों में कीटनाशकों का छिड़काव करने और उर्वरकों को डालने के लिए एआई तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, इसके अलावा ड्राइवर को यह समझने में मदद करता है कि जुताई में गहराई के स्तर में कोई बदलाव है या नहीं। विश्वविद्यालय के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के विशेष अधिकारी प्रोफेसर एचजी अशोक कहते हैं कि सेमी ऑटोमेशन के साथ, इस एआई ट्रैक्टर का संचालन ज्यादा कौशल न रखने वाला व्यक्ति भी आसानी से कर सकता है और ट्रैक्टर पर लगे कृषि उपकरणों को संभालते हुए खेतों में काम कर सकता है।
कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, बेंगलुरु (यूएएस-बी) के कुलपति डॉ. एसवी सुरेश का कहना है कि विश्वविद्यालय अगले चरण में पूरी तरह से चालक रहित स्वचालित ट्रैक्टर विकसित करने की दिशा में काम कर रहा है। वर्तमान में स्वचालित स्टीयरिंग के अलावा, ट्रैक्टर में एआई तकनीक के उपयोग से खेतों में कीटनाशक के छिड़काव करने और उर्वरक को डालने के लिए भी लगाया जा सकता है। ट्रैक्टर पर लगे उपकरण जैसे कि बूम स्प्रेयर, जो कीटनाशकों का छिड़काव करता है और स्वचालित उर्वरक प्रसारक, उर्वरकों को फैलाने का ध्यान रखता है। ट्रैक्टर में लगे बूम स्प्रेयर और उर्वरक प्रसारक उपकरण, मिट्टी और फसल की प्रकृति के आधार पर आवश्यक गणना की गई, जिसके अनुसार स्वचालित रूप से आवश्यकता के अनुसार खेतों में काम किया जा सकता है। कुलपति डॉ. एस.वी. सुरेश का कहना है कि वर्तमान में, सेमी ऑटोमेशन ट्रैक्टर मॉडल कस्टम-हायरिंग सेंटर के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है।
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