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PMFME Scheme : ट्रैक्टर पर सब्सिडी, गन्‍ने की खेती व केम‍िकल-फ्री गुड़ से कमाई

PMFME Scheme : ट्रैक्टर पर सब्सिडी, गन्‍ने की खेती व केम‍िकल-फ्री गुड़ से कमाई
पोस्ट -24 मार्च 2025 शेयर पोस्ट

पीएम एफएमई योजना : किसान को ट्रैक्टर पर मिला सरकारी सब्सिडी का फायदा, गन्ना की खेती से आमदनी और मुनाफे में हुआ इजाफा

PM FME Scheme : मिनिस्‍ट्री ऑफ फूड प्रोस‍ेसिंग इंडस्‍ट्री भारत सरकार की पीएम एफएमई योजना (MOFPI-PMFME) का लाभ किसानों को मिल रहा है। इस योजना के माध्यम से किसानों को कृषि उपकरण (farm equipment) खरीदने और सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के (Micro Food Processing Units) उन्नयन के लिए सरकार की तरफ से कार्यशील पूंजी मिलती है, जिससे किसान ट्रैक्टर (Tractor) एवं अन्य कृषि उपकरण आसानी से खरीद कर अपनी खेती करने की प्रक्रिया को आधुनिक और आसान बना सकते हैं। इस कड़ी में पीएम एफएमई योजना (PMFME Yojana) केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। इस योजना में लाभ लेकर यहां के किसान अब खेती-किसानी के साथ कृषि एवं कृषि संबंधित प्रोसेसिंग बिजनेस में भी हाथ आजमा रहे हैं, जिससे उनकी आमदनी और मुनाफे में इजाफा हुआ है। 

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दरअसल, जम्मू और कश्मीर के उधमपुर जिले में पीएमएफएमई योजना ने कई किसानों का जीवन स्तर बदला है। यहां के किसानों का कहना है कि योजना से जुड़कर गन्‍ने की खेती (sugar cane farming) कर रहे हैं और पैदावार से स्वयं ही केमिकल फ्री गुड़ तैयार कर बाजार में बेच रहे हैं, जिससे उनके मुनाफे में इजाफा हुआ है। किसानों को इस योजना से कृषि ट्रैक्टर पर सरकारी सब्सिडी का भी फायदा मिला है, जिससे उनकी खेती पहले से अधिक आसान हो गई। उनका कहना है कि आज बाजार में उनके द्वारा तैयार किए गए केमिकल फ्री गुड़ की डिमांड भी काफी बढ़ रही है। 

किसानों को मिल रहा योजना का फायदा (Farmers are getting the benefit of the scheme)

पीएम फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज (PMFME) योजना का लाभ जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले के किसानों को मिल रहा है। इससे उन्हें गन्ना की खेती करने और गन्ना प्रोसेसिंग करने दोनों की क्षमता में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला है। जिले के किसान पहले गेहूं और धान की पारंपरिक खेती करते थे, जिससे उन्हें पर्याप्‍त मुनाफा नहीं मिलता था, लेकिन अब वे केंद्र सरकार की योजना से जुड़कर गन्‍ने की खेती कर रहे हैं और उपज का प्रोसेस कर खुद ही केमिकल फ्री गुड़ बनाकर बाजार में बेच रहे हैं। 

रसायन मुक्त गुड़ उत्पादन के लिए अपनाई एडवांस तकनीक (Advanced technology adopted for chemical free jaggery production)

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की पीएम फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज (MoFPI-PMFME) योजना ने उधमपुर जिले के किसानों की गन्ना प्रोसेस करने की क्षमता में देखने लायक सुधार किया है। जिले के धानू गांव के किसान केवल कुमार ने इस योजना के माध्यम  से अपने रसायन मुक्त ( केम‍िकल-फ्री)  गुड उत्पादन में एडवासं तकनीक को अपनाया हैं।  कुमार अब गन्ने का रस निकालने के लिए पारंपरिक बैल से चलने वाले सिस्‍टम की स्थान पर ट्रैक्टर का उपयोग कर रहे हैं, इससे उनके काम में तेजी आई है और श्रम भी कम लगता है।  

इस तरह आसान हुआ काम (Work became easy like this)

उधमपुर जिले के किसान कुमार का कहना है कि वह पहले गेहूं या धान की खेती करते थे, लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से सब्सिडी मिलनी शुरू हो गई है, जिससे मैं गन्ने की खेती शुरू कर पाया। उन्होंने बताया कि ट्रैक्टर पर सब्सिडी मिलने के बाद मेरा काम पहले से और अधिक आसान हो गया। मैंने गन्ना उगाना और इससे गुड़ बनाना शुरू किया।  पिछले वर्ष मैंने बाजार में 15 से 20 क्विंटल रसायन-मुक्त गुड़ बेचा। खेती और प्रोसेस तकनीक में इस बदलाव ने उन्हें अपने जैविक, रसायन मुक्त गुड़ की बढ़ती मांग को पूरा करने में भी सहायता की है। 

केमिकल-फ्री गुड़ की बढ़ी डिमांड (Increased demand for chemical-free jaggery)

केवल कुमार ने बताया कि “मैंने रसायनों से मुक्त (Free from chemicals) शुद्ध जैविक (Pure organic) गुड़ तैयार किया है, जिससे हमारे उत्पाद की मांग में वृद्धि हुई है।  मैंने इस उद्यम से और अधिक किसानों को जोड़ा है। हम आत्मनिर्भर बन गए हैं। “उत्पादन की बढ़ी हुई दक्षता ने न केवल कुमार को अपने व्यवसाय का क्षेत्र विस्तार करने में सहायता की है, बल्कि उन्हें अन्य किसानों की मदद करने में भी सक्षम बनाया है। कुमार ने बताया कि “पहले हमारी आर्थिक हालत बहुत खराब थी। लेकिन अब हमें खेतों में काम करना अच्छा लगता है, क्योंकि इससे हमें अच्छा मुनाफा मिल रहा है।  पहले हम कर्ज में डूबे रहते थे, लेकिन अब जब भी हमें कोई वित्तीय समस्या होती है, तो हम किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से केसीसी ऋण लेते हैं और छह महीने बाद इसका पुन: भुगतान कर देते हैं।  

आजीविका सुधारने में मिली मदद (Help to improve livelihood)

टिकरी जिला विकास परिषद (डीडीसी) के सदस्य आशु शर्मा ने उधमपुर के किसानों को प्रौद्योगिकी के माध्यम से अपनी आजीविका में सुधार करने में मदद करने हेतु भारत सरकार के प्रयासों की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा, "हम अपने किसानों की आमदनी दोगुनी करने में मदद करने के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद देते हैं। उन्होंने तकनीक के माध्यम से हमारे किसानों को अपनी खेती में क्रांति लाने में मदद की है।"

नई फसलें उगाने में मिली मदद (Helped in growing new crops)

शर्मा ने कहा कि, आधुनिक खेती तकनीकों की सहायता से स्थानीय किसानों को पॉली हाउस जैसी प्रथाओं को अपनाने और ड्रैगन फ्रूट जैसी नई फसलें उगाने में मदद मिली है।  इसके अतिरिक्ति, केवल कुमार जैसे कृषकों ने जैविक खेती को अपनाया है, रसायन मुक्त गुड़ का उत्पादन किया है, जिससे मांग में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि हमारे किसानों को पॉलीहाउस का प्रयोग करते हुए और ड्रैगन फ्रूट उगाते हुए देखना खुशी की बात है। किसान पूरी तरह से रसायनों से मुक्त, जैविक तरीके से गुड़ बना रहे हैं। शर्मा ने क्षेत्र के अन्य कृषकों को भी सरकारी योजनाओं का पूरा फायदा उठाने के लिए प्रोत्साहित किया है।  

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