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गन्ने की नई उन्नत किस्में जारी, किसान कर सकेंगे ज्यादा उत्पादन

गन्ने की नई उन्नत किस्में जारी, किसान कर सकेंगे ज्यादा उत्पादन
पोस्ट -17 फ़रवरी 2025 शेयर पोस्ट

गन्ना किसान ध्यान दें! नई किस्में जारी, जानें विशेषताएं और लाभ |

Sugarcane variety ko.lakh.16202 : गन्ने की खेती को मुनाफायुक्त बनाने के लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। गन्ने का राज्य सहमति मूल्य (SAP) में वृद्धि करने से लेकर उचित खेती तकनीकों का प्रशिक्षण किसानों को दिया जा रहा है। साथ ही सरकार और गन्ना अनसुंधान संस्थानों द्वारा गन्ने की नई-नई उन्नत किस्में जारी भी की जा रही है, ताकि किसान गुणवत्ता युक्त पैदावार हासिल कर सकें। इस कड़ी में उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों के लिए एक बड़ी खबर है। गन्ना फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए उन्नत किस्मों की तलाश कर रहे राज्य के किसान अब गन्ने की नई विभिन्न किस्मों की खेती कर सकेंगे, क्योंकि हाल ही में उत्तर प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त ने “बीज गन्ना एवं गन्ना किस्म स्वीकृति उप समिति” की बैठक में गन्ने की नई किस्मों को किसानों के लिए जारी किया। इस बैठक में नई गन्ना किस्मों के अवमुक्त करने पर चर्चा हुई तथा बैठक में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के किसान एवं चीनी मिल प्रतिनिधि उपस्थित हुए।

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गन्ने की नई किस्म और अनुशंसित क्षेत्र (New variety of sugarcane and recommended area) 

उप समिति की बैठक में गन्ना शोध परिषद द्वारा गन्ना की नई विकसित किस्मों गन्ना किस्म को.से. 17451, को.शा. 19231, को.लख. 16470 (मध्य-देर) को जारी किया गया है। इस बैठक में इन उन्नत किस्मों की उत्पादकता और शर्करा के डेटा भी जारी किए गए हैं। गन्ना शोध परिषद द्वारा नई विकसित अगेती गन्ना किस्मों कोशा 19231 को संपूर्ण उत्तर प्रदेश में अगेती खेती के लिए और को.शा. 17451 (Co.Sa.17451) को पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए अवमुक्त किए जाने का फैसला लिया गया है। वहीं, मध्य-देर की किस्म को.लख. 16470 (ko.lakh. 16470) को पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए अनुशंसित किया गया है। इसके अलावा, पहले स्वीकृत की गई गन्ना किस्मों (Sugarcane Varieties) को. 12029 (Co. 12029), को.शा. 99259 (Co.S. 99259) और को.शा. 96268 (Kosa. 96268) को नगण्य क्षेत्रफल और अलोकप्रिय होने के चलते स्वीकृत गन्ना किस्मों की सूची से विलोपित किया गया है।

गन्ने की नई उन्नत किस्मों का विवरण और विशेषताएं (Description and characteristics of new improved varieties of sugarcane)

गन्ना किस्म को.सा. 17451, पैदावार क्षमता (Sugarcane variety Kosa. 17451, yield potential)

गन्ना किस्म को.सा. 17451 (Co.S. 17451) पुरानी गन्ना किस्म बि.उ. 120 जी.सी. द्वारा सेवरही संस्थान पर विकसित की गई है। गन्ना किस्म को.शा. 17451 को विकसित करने वाले वैज्ञानिक डॉ कृष्णानंद के सड़क दुर्घटना में असामयिक निधन के कारण उनके नाम पर इस किस्म को “कृष्णा” नाम दिया गया है। तथ्यों के अनुसार, पौधा गन्ना की औसत उपज प्रति हेक्टेयर 87.96 टन है। वहीं जनवरी महीने में इस किस्म के गन्ने के रस में शर्करा 16.63 प्रतिशत और गन्ने में शर्करा 12.82 प्रतिशत, नवंबर तथा जनवरी महीने में क्रमशः 17.82 एवं 13.73 प्रतिशत शर्करा पायी गई है। गन्ना किस्म को.शा. 17451 से प्रति हेक्टेयर चीनी का अनुमानित उत्पादन 10.81 टन प्रति हेक्टेयर दर्ज किया गया है। 

गन्ना किस्म को.शा.19231 (kosa.19231) की उत्पादन क्षमता (Production capacity of sugarcane variety Kosa.19231 (kosa.19231)

नई गन्ने की किस्म को.शा. 19231 पूर्व में प्रचलित गन्ना किस्म को.से. 95422 के पॉलीक्रॉस द्वारा शाहजहांपुर संस्थान पर विकसित की गई है। आंकड़ों के मुताबिक, पौधा ज्ञान की औसत पैदावार 92.05 टन प्रति हेक्टेयर पायी गई है। जनवरी महीने में रस में शर्करा 17.85 प्रतिशत एवं गन्ने में शर्करा 13.20 प्रतिशत पाई गई है। वहीं इस किस्म से प्रति हेक्टेयर चीनी का अनुमानित उत्पादन 12.23 टन प्रति हेक्टेयर दर्ज किया गया है। को.शा. 19231 (ko.sa. 19231) गन्ना किस्म को काकोरी कांड के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में शहीद राजेंद्र नाथ लाहिड़ी के नाम पर “लाहिड़ी” नाम दिया गया है। उत्तर प्रदेश गन्ना किस्म को.शा. 19231 एवं को.से. 17451 यह दोनों अगेती गन्ना किस्में है। इन किस्मों का गन्ना मध्यम मोटा, ठोस, पोरी लंबी होती है। गन्ना किस्म को.शा. 19231 में गूदे के मध्य बारीक छिद्र एवं अगोला पर हल्के रोयें पाये जाते हैं। यह लाल सड़न रोग के प्रति मध्यम रोगरोधी है।

गन्ने की किस्म 0238 से बेहतर हैं यह दोनों नवीन किस्में (Both these new varieties are better than sugarcane variety 0238.)

परीक्षण आंकड़ों के मुताबिक, बहुप्रचलित गन्ना किस्म को 0238 की औसत उपज 82.97 टन प्रति हेक्टेयर पायी गई और नवम्बर, जनवरी व मार्च में रस में शर्करा 16.01, 17.88 व 19.19 प्रतिशत एवं माह नवंबर, जनवरी व मार्च में गन्ने में शर्करा क्रमशः 11.69. 13.09 व 14.21 प्रतिशत पाई गई है। वहीं प्रति हेक्टेयर चीनी का अनुमानित उत्पादन 10.89 टन प्रति हेक्टेयर है। इस प्रकार नवीन प्रस्तावित दोनों नई अगेती किस्मों को.शा. 19231 एवं को.से. 17451 गन्ना किस्म को 0238 व को.लख.  94184 से उत्पादन एवं चीनी आंकड़ों में बेहतर पाया गया है। इन दोनों किस्मों को पूरे उत्तर प्रदेश में अगेती खेती के लिए अनुशंसित किया गया है। 

गन्ने की किस्म को.लख. 16470 की पैदावार क्षमता (Sugarcane variety Ko.Lakh. Production Capacity of 16470)

भारतीय  गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ द्वारा विकसित व भारत सरकार द्वारा नोटिफाइड गन्ना किस्म को.लख. 16470 (ko.lakh. 16470)  मध्य देर से पकने वाली गन्ना किस्म है। इस गन्ना किस्म को पूर्वी उत्तर प्रदेश में खेती के लिए सिफारिश किया गया है। को.लख. 16470 गन्ना किस्म की औसत पैदावार क्षमता 82.50 टन प्रति हेक्टेयर है तथा 12 माह पर रस में शर्करा 17.37 प्रतिशत पायी गई है एवं गन्ने में शर्करा 13.20  फीसदी है। 

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