MNREGA Khet Talab Yojana : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत राज्यों में खेत-तालाब योजना (MNREGA Khet Talab Yojana) का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस योजना का लाभ लेकर किसान भाई अपने खेतों में तालाब बनवाकर वर्षा के पानी को इकठ्ठा कर सकते हैं। इस पानी का उपयोग खेती की सिंचाई और मछली पालन के लिए कर सकते हैं। खेत में तालाब खुदवाने के लिए राज्यों में अलग-अलग सब्सिडी प्रदान की जाती है। ऐसे में मध्यप्रदेश के किसानों के लिए मनरेगा खेत-तालाब योजना वरदान बन रही है। इस योजना का लाभ लेकर किसान अपने खेत में तालाब (Farm pond) बना रहे हैं और अपनी आय में वृद्धि कर रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा खेत तालाब योजना के माध्यम से किसानों को खेतों में तालाब बनाने के लिए अनुदान भी दिया जाता है। अगर आप मजदूर वर्ग के किसान है, तो आप अपने तालाब निर्माण में मजदूरी करके मनरेगा द्वारा रोजगार भी पा सकते हैं।
मनरेगा योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार करना और उन्हें जरूरत के समय रोजगार के साथ ही आजीविका के साधन उपलब्ध कराना है। इससे ग्रामीणों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के साथ–साथ रोजगार के वैकल्पिक साधन भी निर्मित हो रहे हैं। मनरेगा योजना से किसानों का जीवन बदल रहा है और मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले के कई ऐसे किसान है, जिन्होंने मनरेगा के तहत राज्य शासन की योजना का लाभ लेकर अपने खेत में तालाब का निर्माण कराया है और अपनी आय में वृद्धि की है।
ऐसे ही एक किसान है नरसिंहपुर जिले के विकासखंड चीचली के तहत आने वाले गांव करपगांव के नितिन सोनी, जिन्होंने परंपरागत खेती से आगे बढ़कर अपने खेत में तालाब बनाने का निर्णय आज से 3 साल पहले लिया। सोनी बताते हैं कि उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से खेत- तालाब योजना के बारे में पता चला। इस संबंध में उन्होंने अपने पिता श्री कालूराम सोनी से चर्चा की। इस योजना से उनके पिता संतुष्ट हुए और इस योजना का लाभ लेने के लिए पंचायत सचिव से मुलाकात की। सोनी को खेत- तालाब योजना की पूरी जानकारी दी। सोनी बताते हैं कि खेत तालाब योजना के तहत खेत में तालाब निर्माण के लिए उन्हें प्रदेश शासन से 2 लाख 65 हजार रुपए की राशि सब्सिडी के तौर पर प्राप्त हुई। खेत में बने तालाब के पानी का उपयोग वे अपनी फसलों की सिंचाई में करते हैं। तालाब के पास ही उन्होंने आम, आंवला, नीबू के पौधे लगाए हैं। वे बताते हैं कि भविष्य में मछली पालन को बढ़ावा देंगे।
किसान नितिन सोनी बताते हैं कि मनरेगा खेत- तालाब योजना का लाभ लेकर उन्होंने अपने खेत में खेत- तालाब बनवाया और यहां मछली पालन शुरू किया। मछली के बीज बालाघाट, इटारसी, भोपाल, जबलपुर आदि से लेकर आते हैं। उन्होंने तालाब में मछली पालन करके साल भर में 1 लाख रुपए का शुद्ध मुनाफा भी कमाया। जितनी जमीन पर उन्होंने तालाब बनाया है उतनी भूमि क्षेत्र पर परम्परागत खेती करते हुए कभी इतना लाभ नहीं मिला। लेकिन इसमें मेहनत भी अधिक लगती थी। फसल उत्पादन में रासायनिक खाद और उर्वरकों का इस्तेमाल करने से सेहत पर भी असर पड़ता था। जबकि मछली पालन में कम लागत और मेहनत लगती है।
खेत तालाब निर्माण से जहां कम बारिश की स्थिति में फसल बचाने का साधन भी मिल गया और वहीं खेती में नमी भी बनी रहने के साथ भू जल स्तर में सुधार हुआ है। उनके इस प्रयास को देखकर अन्य किसान भी प्रेरित हो रहे हैं। खेत-तालाब बन जाने से उनकी आर्थिक स्थिति में काफी सुधार हुआ है और घर में पैसों की बचत भी होनी लगी है। उनका लिया यह निर्णय अब कारगर साबित हुआ है। कलक्टर शीतला पटले व सीईओ जिला पंचायत दिलीप कुमार ने करपगांव पहुंचकर किसान नितिन सोनी द्वारा स्वयं के खेत में बनाए गए तालाब का अवलोकन किया और खेत- तालाब की विस्तार से जानकारी ली तथा खेत- तालाब निर्माण के कार्य की प्रशंसा की।
किसान नितिन सोनी ने बताया कि उनके परिवार में कृषि के अलावा कोई और दूसरा आय का साधन नहीं था। परिवार में उनकी पत्नी, 2 बच्चे, माता और पिता हैं। पिता अन्य कार्य के अलावा खेती- किसानी में ध्यान देते हैं। परंपरागत खेती करते हुए उपज बेचने के पश्चात जो पैसा उनको मिलता था, उस पैसो से वे कृषि कार्य में लगने वाली लागत को हटाकर मुश्किल से 70 हजार रुपए की ही बचत कर पाते थे। इस राशि से परिवार के भरण- पोषण और बच्चों की अच्छी शिक्षा का खर्च निकालना भी चुनौती भरा था। लेकिन शासन की खेत-तालाब योजना के तहत खेत में खेत-तालाब बनने से अब वे खेती और मछली पालन दोनों से काफी अच्छा मुनाफा कमा पा रहे हैं, जिससे उनके परिवार भरण-पोषण और बच्चों की शिक्षा बेहतर तरीके से हो रही है।
मनरेगा के तहत अपने खेत में खेत तालाब बनवा सकते हैं, जिसके निर्माण की पूर्ण राशि शासन द्वारा आपको दी जाएगी।
खेत तालाब योजना के तहत किसानों को अपने खेत में खेत तालाब खुदवाने के लिए मनरेगा के अंतर्गत 3 लाख रुपए तक की राशि स्वीकृत होती है। खेत तालाब योजना के अंतर्गत बनने वाले खेत तालाब की लंबाई और चौड़ाई कम से कम 150 x 150 वर्गफिट होना अनिवार्य है और गहराई 12 फिट से कम नहीं होना चाहिए तथा तालाब निर्माण ऐसे स्थान पर करवाना होता है, जहां वर्षा का पानी आसानी से एकत्रित हो सके। किसान इस तलाब का उपयोग अपनी फसल की सिंचाई के साथ साथ मछली पालन के लिए भी कर सकते हैं। इस योजना का उद्देश्य ऐसे गरीब किसानों की मदद करना है, जो ट्यूबवेल लगवाने में असमर्थ है और उनके पास स्वयं का कोई भी सिंचाई साधन उपलब्ध नहीं है।
खेत तालाब योजना के तहत हर वह व्यक्ति पात्र है, जो संबंधित ग्राम पंचायत का निवासी हो एवं उसकी कृषि भूमि उसकी मूल पंचायत में स्थित हो। लाभार्थी किसान लघु एवं सीमांत कृषक की श्रेणी में आता हो। लाभार्थी के पास स्वयं के नाम से मनरेगा जॉब कार्ड होना चाहिए और इस योजना का लाभ लेने के लिए आपका अपनी पंचायत के सरपंच और सचिव से अच्छा तालमेल होना चाहिए। मनरेगा खेत तालाब योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी के पास आधार कार्ड, भूमि की खसरा-खतौनी और नक्शा अक्स की प्रमाणित प्रति, लाभार्थी के पास स्वयं का मनरेगा जॉबकार्ड, डीबीटी लिंक बैंक खाता आदि आवश्यक दस्तावेज होना चाहिए। इसके अलावा मध्यप्रदेश सरकार द्वारा “बलराम तालाब योजना” नाम से भी एक योजना लागू की गई, जिसके तहत किसानों को खेत में तालाब बनवाने के लिए 75 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है। “बलराम तालाब योजना” के तहत कृषि विभाग द्वारा प्रदेश में 6144 बलराम तालाब (Balaram Talab Scheme) का निर्माण करने का भौतिक लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए 5308.34 रुपए का बजट निर्धारित है।
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