PMMSY : मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्यसंपदा योजना (पीएमएमएसवाई) चलाई जा रही है। इस योजना के तहत सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मछली पालन (Fish Farming) गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। अधिक से अधिक किसानों को इस क्षेत्र से जोड़ा जा सके, इसके लिए राज्य सरकारें पीएमएमएसवाई (PMMSY) के तहत बढ़-चढ़कर अनुदान उपलब्ध करा रही है। यहीं कारण है कि ग्रामीण क्षेत्रों में आज मत्स्यपालन तेजी से बढ़ाता हुआ एक प्रॉफिटेबल बिज़नेस बन गया हैै। उत्तर प्रदेश राज्य में मछुआ समाज के साथ-साथ बड़ी संख्या में किसान मछली पालन से जुड़े हुए है। इन किसानों को मछली पालन में कोई परेशानी नहीं उठानी पड़े, इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा कई बड़े फैसले लिए गए है। इसमें प्रदेश सरकार पीएम मत्स्यसंपदा योजना के तहत राज्य में मछली पालने वाले किसानों को 60 प्रतिशत का अनुदान और 2 लाख रुपए तक का ऋण उपलब्ध करा रही है।
इसके अलावा, प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के तालाबों एवं नदियों में मछली पालन करने के लिए ठेका भी दिया जा रहा है। विभाग द्वारा इसके लिए नीलामी की कार्यवाही जल्द ही शुरू की जाएगी। वहीं, मछुआरों को स्थानीय मत्स्य प्रजातियों के संरक्षण के लिए समस्त नदियों में रिवर रैंचिंग की कार्यवाही कराते हुए मत्स्य बीज मत्स्य विकास निगम से ही उपलब्ध कराया जाएगा। अगर आप भी मछली पालन करने की सोच रहे हैं, तो अनुदान के लिए योजना में आवेदन कर सकते हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे की योजना में आवेदन कैसे करना है।
उत्तर प्रदेश के रायबरेली जनपद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य विभाग इरफान उल्ला खान बताते हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार मत्स्य पालन करने वाले किसानों को पीएम मत्स्य संपदा योजना (PM Matsya Sampada Yojana) के तहत 60 प्रतिशत तक का अनुदान दे रही है। इस योजना के तहत सामान्य वर्ग के मछली पालकों/किसानों को लागत का 40 प्रतिशत एवं महिलाएं अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति श्रेणी वाले मछली पालकों को 60 प्रतिशत तक का अनुदान लाभ दिया जाता है।
मत्स्य विभाग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बताते है कि सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana) के तहत मछली पालकों को 2 लाख रुपए तक का ऋण भी आसानी से उपलब्ध कराया जा रहा है। लाभार्थी द्वारा इस ऋण का भुगतान आसान किस्तों में किया जा सकता है। इस ऋण पर लगने वाले ब्याज दर पर केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा अनुदान दिया जाता है, जिससे यह ऋण बहुत की कम ब्याज दर से किसानों को मिलता है। इस ऋण को प्राप्त करने के लिए किसान भाईयों के पास केसीसी कार्ड का होना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2020 में प्रधानमंत्री मत्स्य संप्रदाय योजना की शुरुआत की गई थी।
इस योजना का मकसद मत्स्य पालन क्षेत्र की क्षमता का टिकाऊ, जिम्मेदार, समावेशी और न्यायसंगत ढंग से उपयोग करना है। भूमि और जल के विस्तार, गहनता, विविधीकरण और उत्पादक उपयोग के माध्यम से मछली उत्पाद वृद्धि करना है। फसल-उपरांत प्रबंधन और गुणवत्ता सुधार सहित मूल्य श्रृंखला का आधुनिकीकरण और सुदृढ़ीकरण कर एक मजबूत मत्स्य प्रबंधन और नियामक ढांचा तैयार करना है। इस योजना के शुरू होने से मछली पालने वाले किसानों को आर्थिक तौर पर सहायता सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है। इससे उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूती मिल रही है और मछली उत्पादन में राज्य आत्मनिर्भर बना है।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी बताते हैं कि इस अनुदान का उद्देश्य किसानों को मछली पालन की ओर प्रोत्साहित कर उनकी आमदनी में वृद्धि करना है। जिले में मछली पालन करने वाले मत्स्य विभाग से संपर्क करके आसानी से इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि पीएमएमएसवाई (PMMSY) योजना में लाभ लेने के मछुआरा किसान को मत्स्यपालन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट https://pmmsy.dof.gov.in/ पर अपने जरूरी दस्तावेज के साथ ऑनलाइन तरीके से आवेदन करें। आवेदन पश्चात विभाग द्वारा आपके आवेदन पत्र की जांच की जाएगी। सब कुछ सही पाए जाने के उपरांत आवेदक के खाते में अनुदान की राशि डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की जाएगी।
यूपी के मत्स्य पालन मंत्री डॉ. संजय निषाद की जानकारी के अनुसार, प्रदेश सरकार राज्य में मछली पालन को प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए सरकार ने समस्त ग्राम समाज के तालाबों एवं नदियों में मछली पालन की योजना तैयार की है। इसके तहत तालाबों और नदियों की नीलामी की कार्यवाही आगामी फरवरी माह में शुरू की जाएगी। विभाग द्वारा स्थानीय स्तर पर प्राथमिक समितियों के गठन की प्रक्रिया को सरल बनाते हुए तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे मछली पालकों को कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़े। उन्होंने बताया कि मत्स्य विभाग के पोर्टल www.fisheries.up.gov.in के माध्यम से आम जन-मानस से आवेदन प्राप्त कर समिति के गठन किए जाने हेतु ऑनलाइन पोर्टल का शुभारंभ किया गया था। इससे मत्स्य पालन, मत्स्य उत्पादन एवं मत्स्य विपणन के आवेदन प्रक्रिया सरल हो गई है। मंत्री डॉ. संजय निषाद ने बताया कि उत्तर प्रदेश में रोहू, कतला, मृगल जैसी मछलियों की सबसे अधिक मांग होती है, जो लोगों के लिए रोजगार और आय का महत्वपूर्ण साधन है।
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