कहते हैं जहां चाह, वहां राह। कई बार व्यक्ति अपने क्षेत्र में सफलता नहीं मिलने पर निराश हो जाता है लेकिन निराश होने से कुछ नहीं होता। यदि जीवन में किसी भी क्षेत्र में अलग हटकर नया करना है तो संघर्ष का रास्ता चुनना होगा। इच्छा शक्ति प्रबल होगी तो सही रास्ता जरूर मिलेगा फिर देखें सफलता आपके कदम चूमेंगी। कुछ इसी तरह उत्तरप्रदेश के बारांबंकी जिला निवासी आसिफ ने रियल एस्टेट सेक्टर की नौकरी छोड़ कर मछली पालन व्यवसाय शुरू किया। इस शख्स ने अपनी कृषि भूमि पर एक के बाद एक 15 तालाबों में मत्स्य पालन शुरू किया तो उसे जबरदस्त कामयाबी मिली। आसिफ की इस सोच से उसके परिवार की फिजां ही बदल गई। अब वह हर साल लाखों की कमाई कर रहा है। आइए, ट्रैक्टर गुरू की वेबसाइट पर इस पोस्ट के जरिए आपको आसिफ की सफलता की पूरी कहानी बताते हैं। इसे लाइक और शेयर करें।
बता दें कि यूपी के बारांबंकी जिले के रहने वाले आसिफ रियल एस्टेट सेक्टर में काम करते थे उनका परिवार खेती करता था। कई सालों से खेती में पैदावार कम होने और लागत ज्यादा आने के कारण यह परिवार निराश था। घर की जिम्मेदारी को देखते हुए आसिफ ने कई विकल्प खोजे लेकिन आमदनी बढ़ाने का कोई रास्ता नहीं मिला। आखिर उसके एक दोस्त परवेज ने उसे मछली पालन व्यवसाय शुरू करने की सलाह दी। परवेज भी मछली पालन कर अच्छी कमाई करता है। हालांकि आसिफ के लिए यह काम एकदम नया था लेकिन उसने मछली पालन व्यवसाय शुरू करने का निश्चय कर लिया। इसके लिए उसने मत्स्य विभाग की ओर से आयोजित ट्रेनिंग प्रोग्राम में हिस्सा लिया और नेशनल ब्यूरो ऑफ फिश जेनेटिक रिसोर्सेज से कृषि उद्यमिता में स्टार्टअप और इनोवेशन सर्टिफिकेट कोर्स प्राप्त किया।
सफल मछली बिजनेसमैन आसिफ ने मत्स्य पालन व्यवसाय की पूरी ट्रेनिंग लेकर काम शुरू किया। उसने अपने खेतों में एक दो नहीं बल्कि 15 तालाब खुदवाए। इन सभी तालाबों में मछली का उन्नत नस्ल वाला बीज डाला। महज 6 से 8 महीनों में आसिफ को इन तालाबों में 62 टन मछली का बंपर उत्पादन मिला। इससे उसको लाखों की कमाई हुई। आसिफ के इस काम से उसके परिवार में खुशियों की बहार आ गई है। अब आसिफ और उसके परिजनों ने अन्य कृषि भूमि को भी तालाबों में बदल कर मछली पालन करने का फैसला ले लिया है।
आसिफ ने मछली पालन से नया रिकार्ड कायम किया है। आज इनका परिवार एक साल में करीब 210 टन मछलियों का उत्पादन कर रहा है। इससे 8.40 लाख रुपये की सालाना कमाई होती है। शुरू में वह पश्चिमी बंगाल से 3 रुपये प्रति बीज के हिसाब से मछली का बीज खरीद कर लाया था। इन्हें उसने 20-25 दिनों के लिए नर्सरी में रखा। इसके बाद 120 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से उसने इसे बाजार में बेच दिया। आसिफ ने सरकारी योजनाओं का भी खूब फायदा उठाया। मत्स्य विभाग से 30 किलोवाट सोलर प्लांट्, एरेटर और तालाबों में सोलर पंप लगाने के लिए सरकार से 6 लाख रुपये की सब्सिडी का लाभ उठाया। अब आसिफ के फिश फॉर्मिंग की चर्चा पूरे भारत में हो रही है।
अगर आप भी मछली पालन व्यवसाय करना चाहते हैं तो सरकारी योजनाओं का लाभ अवश्य उठाएं। भारत में केंद्र सरकार की पीएम मत्स्य संपदा योजना 2023 के अंतर्गत नीली क्रांति नाम से सरकार मछली पालन व्यवसाय को बढ़ावा देती है। केंद्र सरकार पीएमएमएसवाई के अंतर्गत मछली पालन के क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों को 3 लाख रुपये का ऋण प्रदान कर रही है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लिए सरकार ने 20,050 करोड़ रुपये का फंड बनाया है। इस धनराशि का उपयोग मत्स्य पालन के क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाने और इसके आधारभूत ढांचे को मजबूत बनाने में किया जाएगा।
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