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आकाशीय बिजली : जनहानि होने पर मृतक के परिजनों को मिलेगा मुआवजा

आकाशीय बिजली : जनहानि होने पर मृतक के परिजनों को मिलेगा मुआवजा
पोस्ट -17 जून 2025 शेयर पोस्ट

बिजली गिरने से किसानों की जनहानि पर मिलेगा मुआवजा! सरकार की ये हैं गाइडलाइंस

lightning strike : भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, मानसूनी प्रगति के कारण देश के ज्यादातर राज्यों में तेज हवा, गरज-चमक और भारी बारिश का दौर जारी है। इस बीच बीते दिनों आई एक खबर ने अधिकतर लोगों को हैरान कर दिया। खबर के मुताबिक, मानसून (Monsoon) की शुरुआत में हुई भारी से बहुत भारी बारिश और आंधी-तूफान के चलते देश के कई राज्यों में कम से कम 25 लोगों की मृत्यु हो गई है, जिनमें से ज्‍यादातर मौतें आकाशीय बिजली गिरने से हुई हैं। भारत जैसे कृषि प्रधान देश में जहां लाखों किसान खुले खेतों में काम करते हैं, वहां बिजली गिरने (lightning strike) से मौत एक गंभीर और दुखद सच्चाई है। हर साल कई किसान इसकी चपेट में आकर अपनी जान गंवा देते हैं। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि सरकार ऐसे मामलों में मृतक के परिजनों को मुआवजा देती है। आइए, जानते हैं कि किसानों की जनहानि होने पर मृतक के परिवार को कितना मुआवजा मिलता है, मुआवजे को लेकर सरकार की क्या गाइड लाइंस है, मुआवजे की प्रक्रिया क्या है और इसके लिए परिजनों को किन दस्तावेजों की जरूरत होती है।

परिजनों को कितना मिलता है मुआवजा? (How much compensation do the family members get?)

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के ताजा अपडेट के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम मानसून की सक्रियता के कारण अगले कुछ दिनों तक देश के 15 राज्यों में तेज हवाओं, गरज-चमक और भारी से बहुत भारी बारिश का दौर जारी रह सकता है। यह मौसमी सिस्टम केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, गोवा, महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, और पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, और ओडिशा और गुजरात के कुछ हिस्सों में भारी तबाही मचा सकता है, जिसके लिए आईएमडी ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह जारी की है। इस दौरान अगर आकाशीय बिजली गिरने से किसानों की जनहानि होती है, तो मृतक किसान के परिजनों को 4 लाख रुपए तक का मुआवजा दिया जाता है। भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार, यह मुआवजा राशि राज्यों के आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा दी जाती है। इसकी राशि नेशनल डिजास्टर रिलीफ फंड या स्टेट डिजास्टर रिलीफ फंड से जारी की जाती है। सरकारी नियम के अनुसार, यह मुआवजा राज्य सरकार की सिफारिश और प्रक्रिया पर निर्भर है।

किन दस्तावेजों की होगी जरूरत (What documents will be required)

सरकारी नियम (गाइडलाइन) के मुताबिक, यदि बारिश के दौरान आकाशीय बिजली गिरने से किसान की जनहानि हुई है, तो किसान परिवार को मुआवजा दिया जाता हैं। यह मुआवजा राशि पीड़ित किसान परिवार के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है। इसके लिए मृतकों के परिजनों के पास नीचे दिए गए कुछ जरूरी दस्तावेजों का होना अनिवार्य है :

  • मृतक किसान का मृत्यु प्रमाण पत्र
  • मेडिकल या पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट 
  • पुलिस रिपोर्ट (एफआईआर) जिससे यह पुष्टि हो सके की मौत आकाशीय बिजली गिरने से हुई है।
  • स्थानीय पटवारी या लेखपाल की रिपोर्ट
  • आधार कार्ड या पहचान पत्र (मृतक और वारिस दोनों के)
  • वारिस (उत्तराधिकार) प्रमाण पत्र

मुआवजा के लिए कैसे करें आवेदन? (How to apply for compensation?)

यदि आकाशीय बिजली गिरने से ऐसी कोई घटना हुई है, तो पीड़ित किसान परिवार अपने जिला के तहसील या ब्लॉक कार्यालय में इसकी सूचना तत्काल दे सकते हैं। तहसीलदार / राजस्व अधिकारी से संपर्क कर निर्धारित आपदा राहत आवेदन फॉर्म प्राप्त कर भरें। सभी जरूरी दस्तावेज संलग्न कर फॉर्म जमा करें। इसके बाद फॉर्म सत्यापन प्रक्रिया की जाएगी। वेरिफिकेशन (सत्यापन) के बाद जिला प्रशासन की ओर से निर्धारित मुआवजे की राशि को मंजूरी की जाती है। 30 से 60 दिनों के अंदर यह मुआवजा राशि पीड़ित किसान के उत्तराधिकारी (माता, पिता, पत्नी, बेटा, बेटी,) के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता है।

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