पिछले कुछ दशकों से देश में तेजी से बढ़ती जनसंख्या के कारण खाद्यान की मांग में भी वृद्धि हुई है। जिससे किसानों का रूख बागवानी फसलों की और होने लगा है। किसान बागवानी में फलों, फुलों और सब्जियों की कम लागत पर खेती कर अधिक मुनाफा हासिल कर रहे है। इसमें केंद्र एवं राज्य सरकारें भी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को प्रोत्साहन दे रही है। जिसके परिमाण स्वरूप निर्यात में भी ग्रोथ हुई हैं। भारत आज दुनियाभार में कई प्रकार के कृषि उत्पादन का निर्यात भी कर रहा है। जिससे भारतीय किसानों की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। लेकिन कभी-कभी फल और सब्जियों का उत्पादन इतना बढ़ जाता है कि किसानों को इनका सही दाम भी नहीं मिल पाता। इनमें आलू, प्याज, मिर्च और टमाटर जैसी कई अन्य सदाबहार सब्जियां शामिल है। जिसमें टमाटर के साथ यह समस्या हर साल देखने को मिलती है। इनके अधिक उत्पादन होने के कारण हर साल टमाटर की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव होता है। जिससे किसानों को इनका सही दाम नहीं मिलता और किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। कई बार यह भी देखा गया है कई राज्यों में किसान मजबूर होकर सड़कों पर फेकने पड़ते है। क्योंकि बाजार भाव कम होने की वजह से किसानों को लागत भी नहीं मिल पाती है। इसी समस्या का समाधान निकालते हुए आंध्र प्रदेश सरकार ’ऑपरेशन ग्रीन्स’ (Operation Greens) शुरू करने जा रही है। इसके लिए उसने लॉरेंसडेल एग्रो प्रोसेसिंग इंडिया (LEAF) की सेवाओं को सूचीबद्ध किया है। इससे लाखों टमाटर किसानों को उचित मूल्य मिल सकेगा। और उन्हें अपना उत्पादन सड़कों पर नहीं फेकना पड़ेगा। आइए ट्रैक्टरगुरु के इस लेख से जानते है कि किसानों को इससे किस प्रकार लाभ होगा और क्या-क्या सुविधाए मिलेगी।
दरअसल देश में सब्जी फसलों की बागवानी बड़े पैमाने पर की जाती हैं। देश में लगभग हर मौसम में सब्जियों की बागवानी होती है। सब्जियों की बागवानी में आलू, प्याज, मिर्च और टमाटर सहित कई अन्य सदाबहार सब्जियों की खेती काफी बड़े पैमाने पर की जाती है। इन सदाबहार सब्जियों की बाजारों में मांग निरंतर बनी रहती है। तथा देश विदेश में भी इन सब्जियों का निर्यात भी किया जाता है। इसी कारण किसान इनकी मांग को देखते हुए इन सब्जियों की खेती में ज्यादा रूचि लेते है, किन्तु कभी-कभी कुछ कारणों से बाजार में आपूर्ति बढ़ जाती है। और सब्जियों के बाजार भाव में उतार-चढ़ाव होता है। जिसके परिणाम स्वरूप किसान को फसल की लागत के बराबर भी भाव नहीं मिलते। सही दाम नहीं मिल पाने के कारणवश किसानों को पूरी उपज फेंकनी या बर्बाद करनी पड़ जाती है। टमाटर की उपज के साथ यह समस्या ज्यादा रहती है। कई प्रदेशों में किसान टमाटर के सही भाव न मिल पाने की वजह से अपनी उपज को सड़कों पर फेकनों के मजबूर हो जाते है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आंध्र प्रदेश सरकार ने टमाटर की उपज बेचने वाले किसानों को बाजार में उचित दाम दिलवाने के लिए ऑपरेशन ग्रीन्स योजना बनाई है। प्रदेश सरकार इस योजना के तहत लॉरेंसडेल एग्रो प्रोसेसिंग इंडिया (LEAF) की सेवाओं को सूचीबद्ध किया है। इस पहल से चित्तूर, अनंतपुर और वाईएसआर कडप्पा में टमाटर की खेती वाले इलाकों में एकीकृत टमाटर मूल्य श्रृंखला का निर्माण करना है। आंध्र प्रदेश सरकार इस योजना के माध्यम से कृषि सेक्टर से जुड़े तमाम हितधारकों को जोड़ने का काम करेगी, जो मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से लेकर उपभोग स्थलों तक की पूरी चेन को कवर करेंगे। इस योजना की खास बात यह है कि टमाटर की मूल्य श्रृंखला विकसित करने के लिए आंध्र प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण सोसाइटी (LEAF)का पूरा सहयोग मिलेगा। जिससे टमाटर की उपज भी खराब ना हो और किसान को भी मेहनत का सही मोल मिल जाए।
आंध्र प्रदेश सरकार की इस पहल का मुख्य उद्देश्य राज्य में टमाटर उगाने वाले क्षेत्रों में एक एकीकृत टमाटर मूल्य श्रृंखला का निर्माण करना है। इसके लिए आंध्र प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण सोसाइटी (APMAS) मूल्य श्रृंखला विकसित करने के लिए लॉरेंसडेल एग्रो प्रोसेसिंग इंडिया के साथ काम करेगी। इस प्रोग्राम के तहत किसानों को उपज का सही भाव नहीं मिलने पर उनके उपज को भंडारण या प्रोसेसिंग के विपणन और खाद्य प्रसंस्करण यूनिट की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। जिसमें राष्ट्रीय कृषि निगम विपणन संघ लिमिटेड (नेफेड) मूल्य स्थिरता उपायों के कार्यान्वयन के लिए एक समन्वयक संगठन के रूप में काम करेगा। राष्ट्रीय कृषि निगम विपणन संघ लिमिटेड का काम टमाटर किसानों को उपज का सही दाम दिलवाने के उपायों को खोजना रहेगा। कृषि जानकारों का मानना है कि आंध्र प्रदेश में किसानों के लिए मूल्य लाने में LEAF के साथ समझौता महत्वपूर्ण होगा। किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) को बढ़ावा देने के लिए लॉरेंसडेल एग्रो प्रोसेसिंग इंडिया (LEAF) और आंध्र प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण सोसाइटी APMAS गैर-सरकारी संगठन APMAS के साथ सहयोग करेंगे। कृषि मंत्री काकानी गोवर्धन रेड्डी ने कहा कि आंध्र प्रदेश में सहयोग, विपणन और खाद्य प्रसंस्करण से किसानों को काफी मिलेगी। और लॉरेंसडेल एग्रो प्रोसेसिंग इंडिया (LEAF) के साथ हुए समझौतें से किसानों को टमाटर के सही दाम दिलवाने में मदद मिलेगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आध्रप्रदेश के कृषि मंत्री काकानी गोवर्धन रेड्डी ने कहा कि आंध्र प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण सोसाइटी में लॉरेंसडेल एग्रो प्रोसेसिंग इंडिया के सहयोग, विपणन और खाद्य प्रसंस्करण से किसानों को काफी फायेदा मिलेगा। और लॉरेंसडेल एग्रो प्रोसेसिंग इंडिया के साथ हुए समझौतें से किसानों को टमाटर के सही दाम दिलवाने में सीमांत किसानों को कीमत और बाजार को लेकर सही पूर्वानुमान प्रदान करेगा। ताकि किसानों को टमाटर की हार्वेस्टिंग के बाद मंडियों में सही दाम पर बेचने के लिए इधर-उधर भटकना न पड़े। इसके आलवा एलईएएफ द्वारा दिए गए एक बयान में कहा कि आंध्र प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण सोसाइटी (एपीएफपीएस) राज्य और केंद्र सरकारों से योजना के वित्तपोषण तक पहुंच की सुविधा प्रदान करेगा, साथ ही योग्यता मानदंडों को पूरा करने और गारंटी प्रदान करने में सहायता करेगा। उन्होंने कहा कि तीनों संगठन किसानों को फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करने, प्रसंस्करण क्षमताओं का विस्तार करने और विपणन लिंक और बुद्धिमत्ता में सुधार करने में भी सहयोग देंगे।
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