डीबीटी के माध्यम से दुग्ध उत्पादकों को 5 रुपए प्रति लीटर दर की सब्सिडी

पोस्ट -07 नवम्बर 2024 शेयर पोस्ट

Dairy Products :3.25 लाख से अधिक दुग्ध उत्पादकों को 183.22 करोड़ रुपए की अनुदान राशि का भुगतान

milk subsidy : दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कई प्रोत्साहन योजनाएं चलाई जा रही है। इन योजनाओं के अंतर्गत पशुपालकों को गाय-भैंस हेतु शेड के निर्माण, चारे के लिए खेली के निर्माण, दुग्ध संबंधी  उपकरण खरीदने हेतु, चारा कटाई संबंधी उपकरण खरीदने हेतु और बांटा संबंधी उपकरण खरीदने के लिए शॉर्ट टर्म ऋण उपलब्ध कराएं जाते हैं। इसके अलावा, सरकार द्वारा दुग्ध उत्पादकों को दूध की खरीद पर बोनस दिया जाता है। इस कड़ी में राजस्थान सरकार ने मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक सम्बल योजना के अन्तर्गत राज्य के 3 लाख से अधिक दुग्ध उत्पादकों 5 रुपए प्रति लीटर की दर से अनुदान राशि जारी कर दी है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशों पर राज्यभर की सहकारी डेरियों से जुड़े दुग्ध उत्पादकों को 183.22 करोड़ रुपए की अनुदान राशि का भुगतान किया जा चुका है। इससे 3.25 लाख से अधिक दुग्ध उत्पादक लाभान्वित हुए हैं। इसके अलावा, दीपावली से पहले फैडरेशन से संबंधित अलग-अलग जिला दुग्ध संघों की दुग्ध समितियों ने राज्यभर के दुग्ध उत्पादकों को अलग से 20 करोड़ रुपए से अधिक का लाभांश वितरित किया गया है।

डीबीटी के माध्यम से किया भुगतान (Payment made through DBT)

राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फैडरेशन (आरसीडीएफ) के प्रबन्ध संचालक श्रुति भारद्वाज ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक सम्बल योजना के तहत 600 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया था। दीपावली से पहले राज्य सरकार से राशि प्राप्त होने पर आरसीडीएफ द्वारा डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से दुग्ध उत्पादकों को 183.22 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है, जिससे राज्यभर के दुग्ध उत्पादकों में खुशी की लहर है।

दुग्ध उत्पादकों सामाजिक और आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाना (To improve the social and economic condition of milk producers)

डेयरी फेडरेशन प्रबंधक ने बताया कि राजस्थान राज्य की सहकारी डेयरियों में दुग्ध संकलन में लगातार हो रही बढ़ोतरी में मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक सम्बल योजना महत्वपूर्ण योगदान है। आरसीडीएफ का उद्देश्य राज्य के दुग्ध उत्पादकों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाना है। इसके लिए आरसीडीएफ संगठन लगातार प्रयासरत है।

किसानों को बड़ी सौगातें देने की प्रभावी तैयारी (Effective preparations to give big gifts to farmers)

इस मौके राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने आगे जानकारी देते हुए कहा कि  सरकार अपनी पहली वर्षगांठ पर किसानों को बड़ी सौगातें देने की प्रभावी तैयारी कर रही है। राज्यभर में सहकारी डेरियों से जुड़े दुग्ध उत्पादकों के खाते में मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना के 5 रुपए प्रति लीटर की दर से अनुदान राशि हस्तांतरित की जा चुकी है। अभी किसानों को निम्न योजनाओं के तहत और भी सौगातें मिलने वाली है। सीएम ने कहा कि  राजस्थान एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत 5 हजार 500 फार्मपौंड के लिए किसानों के खातों में सहायता राशि हस्तांतरित की जाएगी। 2 हजार किलोमीटर पाइपलाइन, 5 हजार किसानों को तारबंदी के लिए सहायता दी जाएगी। राज्य सरकार नहरी क्षेत्र में 500 डिग्गियों, एक हजार किसानों को कृषि उपकरण सहायता और 2 हजार वर्मी कम्पोस्ट इकाइयों के लिए अनुदान राशि का भुगतान डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित किया जाएगा। गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना के अंतर्गत तीन हजार किसानों को गोवंश से जैविक खाद उत्पादन के लिए सहायता राशि उपलब्ध करवाई जाएगी। मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि की दूसरी किस्त भी किसानों के बैंक खाते में जारी की जाएगी।

क्या है मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना (What is the Chief Minister's Milk Producer Support Scheme)

राजस्थान में किसानों और पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना चलाई जा रही है। इस योजना की शुरुआत वर्ष 2019 में की गई थी। मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना (Mukhyamantri Dugdh Utpadak Sambal Yojana) का मुख्य उद्देश्य किसानों और पशुपालकों की आय को बढ़ाना है, साथ ही पूरे देश में दूध की उपलब्धता सुनिश्चित करने का मुद्दा समाधान करना है। पहले इस योजना के तहत सरकार किसानों को प्रति लीटर 2 रुपए की सब्सिडी देती जाती थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 5 रुपए प्रति लीटर कर दिया गया है, जिससे पशुपालन को प्रोत्साहित किया जा सके। यह अनुदान राशि लाभार्थी के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से सीधे जमा किए जाते हैं। इस योजना से राज्य की सहकारी डेरियों से जुड़े लाखों पशुपालकों और किसानों को लाभ मिल रहा है।

मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल का लाभ कैसे लें (How to take advantage of Chief Minister's Milk Producer Support)

मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना में केवल राजस्थान के स्थाई निवासी पशुपालक और किसान ही लाभ उठा सकते हैं। इस योजना से जुड़ने के लिए लाभार्थियों को किसी भी प्रकार के आवेदन देने की आवश्यकता नहीं है। केवल उत्पादकों को राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फैडरेशन से संबंधित अलग-अलग जिला दुग्ध संघों की दुग्ध समितियों को दूध बेचना होता है। इसके बाद उन्हें इन समितियों के माध्यम से 5 रुपए प्रति लीटर की दर से अनुदान दिया जाता है। यह अनुदान सुनिश्चित करता है कि लाभार्थी अपने दूध के लिए एक न्यायसंगत और उच्च मूल्य प्राप्त करते हैं।

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