गोबर बनेगा वरदान, वर्मी कंपोस्ट प्लांट पर मिलेगी 20 लाख की सब्सिडी

पोस्ट -01 नवम्बर 2023 शेयर पोस्ट

किसानों को वर्मी कंपोस्ट उत्पादन इकाई पर 20 लाख का अनुदान, यहां करें आवेदन

Government Scheme :  नेचुरल फार्मिंग को बढ़ावा देने के साथ गांवों में नए रोजगार सृजन करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से कई योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। केंद्र की इन योजनाओं के अंतर्गत सभी राज्य सरकारें योजनाएं चलाकर राज्य में ऑर्गेनिक (जैविक) खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर नए रोजगार सृजन करने का प्रयास कर रही है। इसमें सरकार ने वर्मी कंपोस्ट खाद उत्पादन इकाई स्थापना के लिए एक खास योजना चलाई है । जिसके तहत राज्य में किसान/ समूह/ उद्यमी किसान / स्टार्टअप / गैर सरकारी संगठन और कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) को व्यवसायिक वर्मी कंपोस्ट खाद उत्पादन करने की इकाई लगाने के लिए अनुदान दिया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में नए रोजगार के अवसर सृजन करना व प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना है। योजना के तहत जैविक खेती के लिए किसानों को ऑर्गेनिक वर्मी कंपोस्ट खाद उपलब्ध होगी, बल्कि इस जैविक खाद को बेचकर मुनाफा भी कमा सकते हैं।

व्यवसायिक वर्मी कंपोस्ट उत्पादन इकाई के लिए आवेदन

उद्यान निदेशालय, कृषि विभाग बिहार सरकार द्वारा राज्य में व्यवसायिक वर्मी कंपोस्ट उत्पादन इकाई के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए योजना शुरू की गई। इसमें राज्य के किसान हित समूह (FIG), किसान उत्पादन संगठन (FPO), किसान उत्पादक कंपनी (FPC), किसान, किसान समूह, उद्यमी किसान, स्टार्टअप, गैर सरकारी संगठन व कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) को प्रति वर्ष 1 हजार, 2 हजार तथा 3 हजार मिट्रिक टन क्षमता का वर्मी कंपोस्ट इकाई लगाने पर राज्य सरकार द्वारा 40 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाएगा। इच्छुक व्यक्ति योजना का लाभ लेने के लिए कृषि विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

वर्मी कंपोस्ट प्लांट लगाने पर कितना दिया जाएगा अनुदान

बिहार सरकार योजना के तहत लाभार्थियों को वर्मी कंपोस्ट का व्यवसायिक उत्पादन प्लांट लगाने के लिए 40 प्रतिशत अनुदान देगी। इसमें कृषि विभाग, बिहार सरकार द्वारा 1 हजार मीट्रिक टन का वर्मी कंपोस्ट प्लांट लगाने पर अनुमानित लागत 16 लाख रुपए तय की गई है। जिस पर योजना के तहत कृषि विभाग द्वारा लाभार्थी को 40 प्रतिशत या अधिकतम 6.40 लाख रुपए का अनुदान दिया जाएगा। वहीं प्रति वर्ष  2 हजार मीट्रिक टन की व्यवसायिक इकाई स्थापित करने पर अनुमानित लागत 32 लाख रुपए विभाग द्वारा निर्धारित की गई है। इसमें लाभार्थी व्यक्ति को इकाई लागत का 40 प्रतिशत या अधिकतम 12.80 लाख रुपए की धनराशि बतौर अनुदान के तौर पर विभाग द्वारा प्रदान किया जाएगा। इसी प्रकार 3 हजार मीट्रिक टन क्षमता की इकाई लगाने पर लाभार्थी को अनुमानित लागत 50 लाख रुपए पर 40 प्रतिशत या  अधिकतम 20 लाख रुपए धनराशि का अनुदान दिया जाएगा।

लाभार्थियों को योजना का लाभ लेने के लिए इन दस्तावेजों को करना होगा संलग्न

  • व्यवसायिक वर्मी कंपोस्ट खाद उत्पादन इकाई योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक लाभार्थियों को ऑनलाइन आवेदन के समय इन निम्नलिखित दस्तावेज संलग्न करना होगा, जो इस प्रकार है।
  • व्यवसायिक वर्मी कंपोस्ट उत्पादन प्लांट का परियोजना प्रस्ताव।
  • वर्मी कंपोस्ट उत्पादन यूनिट के स्थल का अंचल कार्यालय द्वारा निर्गत भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र और अपडेटेड लगान रसीद।
  • बैंक ऋण देने का सहमति पत्र, बिना बैंक ऋण का परियोजना कार्य अपने व्यय पर पूरा करने की दिशा में आवेदन का विहित (हस्त लिखित) शपथ पत्र।
  •  परियोजना स्थल का रोड मैप नक्शा (स्केच)
  • आधार कार्ड
  •  कंपनी / पैन कार्ड : यदि कंपनी एक्ट के तहत निबंधित है, तो कंपनी रजिस्ट्रार का निबंधन प्रमाण पत्र व मेमोरंडम ऑफ एसोसिएशन की प्रति।
  • किसान हित समूह (एफआईजी), किसान उत्पादन संगठन (एफपीओ), किसान उत्पादक कंपनी (एफपीसी), किसान, किसान समूह, उद्यमी किसान, स्टार्टअप, गैर सरकारी संगठन व कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) द्वारा कम से कम दस वर्ष तक पूर्ण क्षमता के साथ वर्मी कंपोस्ट का व्यवसायिक उत्पादन करने के लिए 100 रुपये के नॉन ज्यूडीशियल स्टांप पर शपथ पत्र।
  •  कंपनी/ पार्टनरशिप की स्थिति में कंपनी/ पार्टनरशिप के नाम पर कम से कम 15 साल का भूमि का रजिस्टर्ड लीज एग्रीमेंट की प्रति।

वर्मी कंपोस्ट उत्पादन इकाई का लाभ लेने के लिए कहां करें आवेदन

योजना के तहत वर्मी कंपोस्ट उत्पादन इकाई का लाभ लेने के लिए राज्य के इच्छुक पात्र किसान अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर या वसुधा केंद्र की मदद से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा लाभार्थी स्वयं अपने लैपटाप या  मोबाईल से वर्मी कंपोस्ट इकाई पर अनुदान के लिए योजना में  ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने के लिए किसान के पास पहले से 13 अंकों की डी.बी.टी. नबंर का होना आवश्यक है। जिन किसानों के पास आईडी संख्या नहीं है वे किसान प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) dbtagriculture.bihar.gov.in पर रजिस्ट्रेशन कर यह संख्या प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना के तहत लाभार्थियों को लाभ पहले आओ–पहले पाओ के आधार पर दिया जाएगा। अधिक जानकारी के लिए लाभार्थी अपने प्रखंड तथा जिले के कृषि विभाग से संपर्क भी कर सकते हैं।

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