झारखंड सरकार द्वारा राज्य में किसानों के विकास को प्राथमिकता देते हुए कई महत्वाकांक्षी योजनाएं चलाई गई हैं। इन योजनाओं के माध्यम से सरकार किसानों की आय दोगुनी कर उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लक्ष्य के साथ कार्य कर रही है। इसी बीच राज्य सरकार के सामने किसानों के विकास को लेकर सबसे बड़ी समस्या सिंचाई की है। क्योंकि झारखंड में अधिकांश खेती वर्षा पर आधारित है। किसानों की इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए सरकार राज्य के किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कार्य कर रही है।
कृषि में सौर ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार पीएम कुसुम योजना के तहत नई सौर ऊर्जा नीति लेकर आयी है। इसके तहत किसानों को सौर पंप लगाने के लिए बड़े पैमाने पर सरकारी सहायता दी जाएगी। राज्य के किसानों को खेती-बाड़ी में सिंचाई संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या न हो, इसके लिए राज्य के किसानों को सोलर पंप सेट अनुदान पर दिए जाएंगे। इससे उनकी सिंचाई की लागत में कमी आएगी एवं इस योजना का लाभ उठाकर किसान बेहतर उत्पादन के साथ अपनी कमाई को बढ़ाकर अतिरिक्त लाभ भी कमा सकते हैं, तो आइए ट्रैक्टरगुरू की इस पोस्ट के माध्यम से झारखंड सरकार द्वारा सौर ऊर्जा नीति को लेकर किए जा रहे प्रयास पर एक नजर डालते हैं।
झारखंड में किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार पीएम कुसुम योजना के तहत नई सौर ऊर्जा नीति चला रही है। इस नीति के तहत किसानों के लिए सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। योजना का लाभ लेकर किसान सोलर पम्प 96 फीसदी अनुदान पर ले सकते हैं। क्योंकि राज्य सरकार द्वारा ऑफ ग्रिड सोलर पंप सेट पर किसानों को 96 फीसदी की सब्सिडी दी जा रही है। इस योजना के अंतर्गत सोलर पंप लगाने में आने वाले खर्चे की कुल लागत का 96 प्रतिशत व्यय सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। शेष 4 प्रतिशत लागत का वहन स्वयं किसानों द्वारा किया जाएगा। योजना के तहत राज्य में प्रथम चरण में अब तक 6717 किसानों को सोलर पम्प सेट दिया जा चुका है। इनमे से वर्ष 2020 से लेकर 2022 तक 6500 सोलर पम्प्स को इंस्टॉल किया जा चुका है। सोलर पंप सेट लगाने में झारखंड पूरे देश में पांचवा स्थान रखता है। दूसरे चरण में राज्य सरकार ने 10 हजार सोलर पम्प सेट लगाने का लक्ष्य तय किया है।
झारखंड सरकार की नई सौर ऊर्जा नीति के तहत राज्य में सोलर बिजली उत्पादन के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सरकार का लक्ष्य है कि राज्य में सौर से 2022-23 से लेकर 2026-27 तक 4000 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा। इसके अलावा झारखंड में सौर ऊर्जा नीति के तहत राज्य में सोलर पार्क, फ्लोटिंग सोलर जैसी योजनाएं चलाई जाएंगी ताकि राज्य में सौर बिजली उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सके। इसके लिए किसानों को सौर पंप लगाने के लिए बड़े पैमाने पर सरकारी सहायता दी जाएगी। किसानों को इस योजना के तहत 96 फीसदी की सब्सिडी पर सोलर पंप सेट दिए जाएंगे।
राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद झारखंड सरकार राज्य में किसानों को सिंचाई की वैकल्पिक सुविधा उपलब्ध कराने पर जोर दे रही है। राज्य सरकार पीएम कुसुम योजना के तहत नई सौर ऊर्जा नीति लेकर आयी है। राज्य में किसानों को स्वच्छ ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार इन सौर ऊर्जा नीति के तहत सोलर पंप सेट पर सब्सिडी प्रदान कर रही है। इस योजना के तहत किसान सोलर पम्प सेट अनुदान पर ले सकते हैं। इसके लिए राज्य सरकार एक सोलर वेब पोर्टल लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। इस सोलर वेब पोर्टल के जरिेए किसानों को योजना के तहत दिए जाने वाले पम्प सेट की पूरी जानकारी जैसे- सोलर पम्प के वितरण एवं अधिष्ठापन, संचालन एवं 5 वर्ष तक उसके रख रखाव की प्रक्रिया को सरल एवं पारदर्शी बनाने के लिए डेटा संग्रहण, डेटा विश्लेषण एवं ऑनलाइन मानिटरिंग आदि एक जगह पर एकत्रित रहेगी। इतना ही नहीं इस पोर्टल में किसान सोलर पंप के लिए आवेदन भी कर पाएंगे और देख पाएंगे की उनके ऑनलाइन आवेदन की स्थिति क्या हैं।
राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का कहना है कि सौर ऊर्जा के प्रति किसानों में पिछले तीन-चार सालों में जागरूकता आई है। सौर ऊर्जा ने उन्हें बिजली उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की राह दिखा दी है। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा को लेकर केन्द्र सरकार द्वारा चलाई जा रही सबसे बड़ी योजना प्रधानमंत्री किसान सौर ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम) के तहत देश के किसानों के खेतों में बिजली पैदा हो रही है। मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन का कहना है कि सोलर पंप अब राज्य के किसानों की आय का साधन बनेगा। सोलर पैनल से उत्पन्न होने वाली बिजली का उपयोग सिंचाई करने के साथ-साथ अतिरिक्त बिजली को विधुत वितरण ग्रिड को बेच सकेंगे। किसान सोलर पंप सेट को बंजर जमीन पर भी लगा सकते हैं। सोलर पैनल 25 वर्षों तक चलेगा और इसका रखरखाव भी बहुत ही आसानी से किया जा सकेगा।
आधार कार्ड
पहचान पत्र
राशन कार्ड
पंजीकरण की कॉपी
ऑथोराइजेशन लेटर
चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा जारी नेटवर्थ सर्टिफिकेट
बैंक खाता पासबुक
भूमि के दस्तावेज,
पासपोर्ट साइज फोटो
मोबाइल नंबर आदि की आवश्यकता होगी।
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