खेतों की सुरक्षा के लिए उत्तर प्रदेश कृषि विभाग पूरे प्रदेश में “मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना” को लागू करने जा रहा है। इसके तहत सोलर फेंसिंग के लिए किसानों को प्रोत्साहन दिया जाएगा। जिससे किसान फसलों की सुरक्षा जानवरों को बिना नुकसान पहुंचाए कर पाएंगे।
आवारा पशुओं से अब किसानों की फसलों को नहीं होगी चौपट
Chief Minister Farm Security Scheme Uttar Pradesh : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में किसानों के कल्याण के लिए आए दिन एक से बढ़कर एक योजनाएं ला रहे हैं। इसी बीच प्रदेश की योगी सरकार ने खेतों की जंगली और आवारा पशुओं से सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण योजना को लागू करने का फैसला लिया है। दरअसल, उत्तर प्रदेश कृषि विभाग पूरे राज्य में किसानों के कल्याण के लिए मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना को शुरू करने की तैयारी कर रहा है। खेत सुरक्षा योजना के तहत सोलर फेंसिंग, 12-वोल्ट करंट वाली सौर बाड़ लगाने के हेतु सरकार किसानों को 60 प्रतिशत तक सब्सिडी देगी। 12 वोल्ट करंट वाली सोलर फेंसिंग (बाड़) आवारा पशुओं एवं जंगली जानवरों को नुकसान पहुंचाए बिना खेतों में खड़ी फसलों की सुरक्षा करने में मदद करेगा। सौर करंट वाली बाड़ के संपर्क में जब जानवर आएंगे, तो उन्हें 12 वोल्ट करंट का हल्का झटका लगेगा और एक सायरन बजेगा। जिससें पशु और फसल दोनों सुरक्षित रहेगी। सोलर फेंसिंग (solar fencing) प्रभावी रूप से नीलगाय, सूअर और जंगली सूअर जैसे जंगली जानवरों और आवारा पशुओं को खेतों में प्रवेश करने से रोकेगा।
सोलर फेंसिंग पर 60 प्रतिशत प्रति हेक्टेयर अनुदान
उत्तर प्रदेश में सरकार फसलों की सुरक्षा को लेकर गंभीर है। आवारा पशु, नीलगाय, बंदर, सुअर और जंगली सुअर से फसलों को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए राज्य सरकार पूरे राज्य में मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना को लागू करने की तैयारी कर रही है। राज्य सरकार की इस योजना के लिए प्रस्तावित बजट 75 करोड़ रुपए की राशि से बढ़ाकर 350 करोड़ रुपए किया गया है। इस योजना के तहत सोलर फेंसिंग करने के लिए सरकार की ओर से लघु-सीमांत किसानों को प्रति हेक्टेयर लागत का 60 प्रतिशत या अधिकतम 1.43 लाख रुपए का अनुदान दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश कृषि विभाग खेत सुरक्षा योजना का ड्राफ्ट तैयार कर चुका है। इस योजना को शीघ्र ही कैबिनेट से मंजूरी दिलाने की तैयारी है। मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के पश्चात इस योजना को पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले यूपी विधानसभा चुनावी प्रचार-प्रसार के दौरान निराश्रित पशुओं की समस्या से निपटने का इंतजाम करने का आश्वासन दिया था।
पशुओं बिना नुकसान पहुंचाए फसलों की सुरक्षा
किसान आवारा जानवरों से होने वाली फसल क्षति की अतिरिक्त समस्या से जूझ रहे हैं। खेतों में अच्छी फसल के साथ खेत की सुरक्षा एक महत्वपूर्ण समस्या हैं। इस समस्या के समाधान के लिए किसान झटका मशीन, तार, बाड़ और बांस के बैरिकेट जैसे कई सुरक्षा इंतजाम करते हैं, लेकिन समस्या के समाधान ये प्रयास अपर्याप्त साबित हुए हैं। ऐसे में सोलर फेंसिंग इस समस्या के समाधान का अनोखा उपाय है।
फेंसिंग में 12 वोल्ट का डीसी करंट होता है रिलीज
सोलर फेंसिंग खेतों को एक नए स्तर की सुरक्षा प्रदान करता है और खेतों की फसलों को आवारा जानवरों से बचाता है। सोलर फेंसिंग में 12 वोल्ट का सौर करंट होता है, जिससे जानवरों को नुकसान नहीं होता है। इसे खेतों के चारों ओर फेंसिंग करके खेत को घेरा जाता है। इस फेंसिंग (तार) को सौर ऊर्जा से बैटरी में जमा करंट दिया जाता है। जिससे फेंसिंग में 12 वोल्ट का डीसी करंट रिलीज होता है, जिससे कोई भी जंगली जानवर या आवारा पशु इसके संपर्क में आता है, तो उसे झटका लगता है, लेकिन इससे जानवरों को कोई नुकसान नहीं होता है। क्योंकि यह वार्निंग करंट होता है। सोलर फेंसिंग में एक सायरन भी लगा होता है। सोलर फेंसिंग के संपर्क में आने से एक-दो बार जानवारों को करंट के झटका लगता है, तो वह दोबारा उस खेत की ओर नहीं आता। इससे खेत में फसलों की सुरक्षा पशुओं को बिना नुकसान पहुचाए आसानी से की जा सकती है।
बुंदलेखंड क्षेत्र में छुट्टा पशुओं की समस्या अधिक
यूपी बुंदेलखंड क्षेत्र में छुट्टा पशुओं की अधिक समस्या है, जिसके कारण यहां हजारों एकड़ में लगी फसलों को हर साल छुट्टा पशुओं से काफी नुकसान हो रहा है। इस समस्या पर सरकार का विशेष ध्यान है। सरकार ने मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना के तहत सोलर फेंसिंग को बुंदेलखंड के 7 जिलों में लागू करने की तैयारी की गई है। इसके बाद पूरे राज्य में इसे समान रूप से लागू किया जाएगा। सरकार इसके लिए प्रस्तावित पहले चरण में बुंदेलखंड के 7 जिलों में खेतों के कुछ हिस्सों में सोलर फेंसिंग लगाने का काम शुरू होगा। सोलर फेंसिंग के लिए किसानों को बैटरी, वायर, खम्भे, स्टार्टर, सोलर पैनल व सायरन लगाने की आवश्यकता होती है। खेतों या बगीचों में लोहे के एंगलों की एक दूसरे से दूरी 4 से 5 मीटर की रखी जाती है। जमीन से 1.5 मीटर से 2 मीटर की ऊंचाई पर तारों की 7 से 9 लाइनें लगाई जाएंगी। सोलर पावर फेंसिंग सिस्टम लगाने और उसकी देख-रेख की जिम्मेदारी इसको स्थापित करने वाली कंपनी की होती है। कंपनी इसे ऑपरेट करने ट्रेनिंग भी किसान को देती है।
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