देश के छोटे व सीमांत किसान खेती के साथ-साथ पशुपालन से अपनी आमदनी में वृद्धि कर रहे हैं। लेकिन ये किसान सीमित वित्तीय संसाधनों के चलते पशुपालन से ज्यादा मुनाफा नहीं कमा पा रहे हैं। अगर इन किसानों को सरकार से सहायता मिले तो ये अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने के साथ-साथ देश में दूध की उत्पादकता भी बढ़ा सकते हैं। सरकार ने ऐसे किसानों की परेशानी को समझते हुए उन्हें ब्याज मुक्त लोन की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। नए वित्तीय वर्ष में 2.50 लाख नए किसानों को इस योजना से लाभान्वित किया जाएगा। किसान इस योजना के तहत ब्याज मुक्त लोन लेकर पशु खरीद सकता है, उनके लिए चारे की व्यवस्था कर सकता है और शेड का निर्माण कर सकता है। आइए, ट्रैक्टर गुरु की इस पोस्ट से जानें कि गाय-भैंस पालकों को किस योजना के तहत 1 लाख रुपए का ब्याज फ्री लोन मिलेगा।
राजस्थान के पशुपालकों के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना (Gopal Credit Card Scheme) का संचालन किया जा रहा है। योजना के तहत जरूरतमंद पशुपालकों को 1 लाख रुपये तक का ब्याजमुक्त लोन मिलेगा, जिससे वे अपने पशुओं की बेहतर देखभाल कर सकेंगे और आय के नए रास्ते खोल सकेंगे। यह योजना उन ग्रामीण परिवारों को ध्यान में रखते हुए शुरू की गई है, जिनके लिए पशुपालन आजीविका का प्रमुख साधन है।
गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना में राजस्थान के किसानों को एक साल के लिए ब्याज मुक्त लोन मिलेगा। लोन की अधिकतम राशि ₹1,00,000 निर्धारित की गई है। यदि किसान लोन का समय पर भुगतान करता है तो उसे कोई ब्याज नहीं चुकाना पड़ेगा। देरी से लोन चुकाने पर किसान से ब्याज वसूलने का प्रावधान रखा गया है। सीमांत और छोटे पशुपालक परिवार ही इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
सरकार ने इस योजना को आसान और पारदर्शी बनाने के लिए जटिलताओं को काफी हद कम कर दिया है। आवेदक के पास जनाधार और आधार कार्ड होना जरूरी है। साथ ही दो गारंटर (संदर्भदाता) देने होंगे। सिंगल साइन ऑन (SSO) पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य रूप से कराना होगा। आवेदक के ऊपर पहले से दो से ज्यादा लोन नहीं होने चाहिए।
राजस्थान की भजन लाल सरकार ने अधिक से अधिक किसानों तक योजना का फायदा पहुंचाने के लिए सिबिल स्कोर की बाध्यता खत्म कर दी है। अब योजना का लाभ उन किसानों को भी मिल सकेगा जिनका सिबिल स्कोर कमजोर है। इसके अलावा राज्य सरकार ने लोन प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कई पुरानी बाध्यताएं हटा दी हैं। अब कोई भूमि या संपत्ति गिरवी रखने की जरूरत नहीं होगी। डेयरी समिति की सदस्यता या दूध आपूर्ति की बाध्यता नहीं होगी और समिति सचिव की अनुशंसा अब अनिवार्य नहीं है।
पशुपालक इस ब्याजमुक्त लोन का उपयोग निम्न कार्यों के लिए कर सकते हैं:
31 मार्च 2025 तक, 33,475 परिवारों को इस योजना का लाभ मिल चुका है, और लगभग 1 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं। सरकार का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2025-26 में 2.5 लाख नए परिवारों को ऋण प्रदान करना है। यह योजना राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन को बढ़ावा देने और पशुपालकों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अधिक जानकारी और आवेदन के लिए राजस्थान सहकारिता विभाग की वेबसाइट पर विजिट करें।
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