Dairy Farming Subsidy Scheme : पशुपालन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर कई योजनाएं चला रही हैं, जिनमें पशुपालकों को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। पशुपालक इन योजनाओं का लाभ लेकर नए पशुओं के साथ अपना डेयरी व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। साथ ही अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार भी कर सकते हैं। अगर आप भी पशुपालन करते हैं और अपनी आय बढ़ाना चाहते हैं, तो सरकारी सहायता का लाभ उठाकर अपने व्यवसाय का विस्तार कर सकते हैं। उत्तर प्रदेश में सरकार द्वारा कई योजनाओं के तहत गाय-भैंस खरीदने और डेयरी कारोबार (Dairy Business) का विस्तार करने के लिए आर्थिक सहायता और ब्याज अनुदान पर डेयरी फार्मिंग ऋण (Dairy Farming Loan) दिया जाता है। इसके लिए सरकार द्वारा बजट आवंटित कर किसानों/पशुपालकों से आवेदन मांगे जाते हैं, जो पशुपालक गाय-भैंस के लिए सहायता प्राप्त करना चाहते हैं। वह विभाग की वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा, पशु खरीदने के लिए अपने नजदीक बैंक से संपर्क कर सकते हैं, जिससे वह लोन प्राप्त करना चाहते हैं।
पशुपालन के लिए पशुपालकों को सस्ते ब्याज दर पर लोन दिया जाता है, ताकि पशुपालक अपने पशुओं के भरण- पोषण और उनकी अच्छी देखभाल बिना किसी आर्थिक परेशानी के कर सके। हालांकि, यह ऋण हितग्राहियों को पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना (Pashu Kisan Credit Card) के माध्यम से दिया जाता है। उत्तर प्रदेश में इस योजना के तहत पशुपालकों को सरकार द्वारा आर्थिक सहायता दी जाती है। इसमें गाय पालने के लिए प्रति गाय 40 हजार रुपए और भैंस के लिए प्रति भैंस 60 हजार रुपए तक की वित्तीय सहायता दी जाती है। सरकार द्वारा यह सहायता सहकारी बैंक एवं निजी संस्थानों से कम ब्याज दर पर लोन के रूप में उपलब्ध कराई जाती है। इससे किसान पशुपालक अपने दुधारू पशु जैसे गाय-भैंस की देखभाल, उनके रहने के लिए शेड निर्माण, चारा और चिकित्सा जैसे अन्य खर्च को आसानी से पूरा कर सकते हैं। पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना का मकसद किसानों को पशुपालन के लिए प्रोत्साहित करना और डेयरी उद्योग को बढ़ावा देना है, जिससे उनकी आय बढ़ेगी।
बता दें कि प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में किसानों को पशु किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) दिया जाता है। इस योजना के तहत पशुपालन विभाग द्वारा प्रदेश में पात्र पशुपालकों का पशु किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) बनाया जाता है। मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी डॉ. अतुल कुमार अवस्थी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, छोटे पशु भेड़-बकरी से लेकर समस्त प्रकार के मवेशियों के लिए केसीसी (KCC) बनाया जाता है, जो बैंकर्स समिति के सत्यापन जांच के बाद बनाया जाता है। पशुओं का पालन करने वाले किसान इस कार्ड से ऋण प्राप्त कर सकते हैं। पशुपालक पशु केसीसी के लिए अपने स्थानीय पशु चिकित्सालय से संपर्क कर आवेदन जमा कर सकते हैं, इनमें पशु की संख्या के आधार पर ऋण राशि और उनकी नस्ल निर्धारित होगी।
सरकार द्वारा प्रदेश में मुख्यमंत्री राज्य पशुधन मिशन योजना (Chief Minister State Livestock Mission Scheme) संचालित की जा रही है। इस योजना के तहत, जो पशुपालक अथवा किसान नए पशु खरीदना चाहते हैं, उन्हें सरकार की ओर से आर्थिक मदद मिलती है। पशुधन मिशन योजना के माध्यम से पशु खरीदने के लिए लोन दिया जाता है, जिसमें सरकार ब्याज पर 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान करती है। इस योजना उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन को बढ़ावा देकर रोजगार सृजन करना है और पशुपालकों की आमदनी में इजाफा करना है। इसके अलावा, क्षेत्रों से युवाओं का पलायन को रोकना भी है। जो पशुपालक कम लागत में पशुपालन शुरू करना चाहते हैं। उनके लिए सरकार की यह योजना बेहद लाभकारी साबित हो सकती है।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा प्रदेश में नंद बाबा दुग्ध मिशन (Nand Baba Milk Mission) शुरू किया गया है। इस योजना का मकसद प्रदेश में डेयरी उद्योग को प्रोत्साहित कर दुग्ध उत्पादन को बढ़ाना है। इस मिशन योजना के तहत पशुपालकों और किसानों को स्वदेशी नस्ल की गायों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जिससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी। स्वदेशी नस्ल की गाय दूध ज्यादा देती है और इनके रखरखाव में भी कम खर्च आता है। साथ ही गाय के पालन से किसानों को जैविक खेती और प्राकृतिक खेती के लिए भी लाभ मिलता है। यूपी सरकार नंद बाबा दुग्ध मिशन के तहत राज्य में “मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ संवर्धन योजना” चला रही है। इस योजना के तहत स्वदेशी नस्ल की गाय की खरीद करने पर होने वाले ट्रांसपोर्टेशन एवं ट्रांजिट बीमा और पशु बीमा समेत अन्य मदों पर खर्च होने वाली राशि पर सरकार आर्थिक मदद देती है। इसमें साहीवाल, थारपारकर और गिर जैसी नस्ल की स्वदेशी गायों पर लाभार्थी व्यक्ति को 40 हजार रुपए तक की सब्सिडी दी जाती है, ताकि गायों की खरीद और परिवहन में किसी तरह की कोई समस्या लाभार्थी व्यक्ति को न हो।
अगर प्रदेश का कोई पशुपालक नए पशु खरीदकर अपना डेयरी व्यवसाय शुरू करना चाहता है, तो वह सरकारी योजना के तहत लोन ले सकता है। साथ ही सरकार से लोन पर ब्याज सब्सिडी और आर्थिक मदद भी प्राप्त कर सकते हैं। योजना के तहत पशुपालकों को गाय खरीदने के लिए 60 हजार रुपए प्रति गाय और भैंस खरीदने हेतु 80 हजार रुपए प्रति भैंस तक का लोन मिल सकता है। इन सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के सभी इच्छुक किसान अपने नजदीकी बैंक, पशुपालन चिकित्सा विभाग या पशुपालन विभाग के सरकारी पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए पशुपालक को आधार कार्ड, बैंक खाता और पशुओं से संबंधित दस्तावेज देने होंगे। हर राज्य की अपनी अलग-अलग योजना होती है और इनमें लाभ के अलग-अलग दिशा-निर्देश हो सकते हैं, इसलिए अधिक जानकारी के लिए अपने राज्य सरकार के पशुपालन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करें।
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