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पशुपालकों के लिए योजना: पशुओं का मुफ्त बीमा और 40 रुपए अनुदान

पशुपालकों के लिए योजना: पशुओं का मुफ्त बीमा और 40 रुपए अनुदान
पोस्ट -10 जनवरी 2025 शेयर पोस्ट

पशुओं के लिए मुफ्त बीमा और प्रतिदिन 40 रुपए का अनुदान, ऐसे उठाएं लाभ

गौ संरक्षण, पशुधन कल्याण एवं जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई योजनाओं और नीतियों पर काम कर रही है। हरियाणा में गायों के संरक्षण के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की गई हैं, तो वहीं, मध्यप्रदेश में गौ-संवर्धन और पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा एक नई योजना की घोषणा की है। इसमें अब प्रदेश के पंजीकृत गौशालाओं में रहने वाले हर गौ-वंश के लिए प्रतिदिन 40 रुपए का अनुदान दिया जाएगा, जो पहले 20 रुपए था। यह जानकारी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पशुपालन विभाग की समीक्षा बैठक के बाद दी। वहीं, हरियाणा सरकार द्वारा राज्य में पंडित दीन दयाल उपाध्याय सामूहिक पशुधन बीमा योजना के तहत पशुपालकों के बड़े पशुओं का बीमा 100 रुपए से 300 रुपए और छोटे पशुओं का 25 रुपए में किया जा रहा है, जबकि अनुसूचित जाति वर्ग के पशुपालक किसानों के पशुओं के लिए बीमा मुफ्त किया जा रहा है। राज्य के पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्याम सिंह राणा ने पंचकूला में आयोजित गौ सेवा सम्मान समारोह में यह जानकारी दी।

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गायों के लिए लागू की गई कई महत्वपूर्ण योजनाएं (Many important schemes implemented for cows)

पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि गाय का महत्व सांस्कृतिक और वैज्ञानिक दोनों दृष्टियों से है। राज्य में प्रति व्यक्ति, प्रतिदिन 1105 ग्राम दूध उपलब्ध है, जो देश में तीसरे स्थान पर है। यह उपलब्धता राष्ट्रीय औसत 471 ग्राम से कहीं अधिक है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में गायों के संरक्षण के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं और नीतियां लागू की गई हैं। राज्य सरकार ने गौशालाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए पंचकूला के सुखदर्शनपुर में हरियाणा गौवंश अनुसंधान केंद्र स्थापित किया है, जहां गाय के गोबर और मूत्र से जैविक पेंट, हवन सामग्री, गमले, ईंटें और दीये जैसे प्रोडेक्ट तैयार किए जा रहे हैं।

गौ सेवा के लिए 510 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान (Budget provision of Rs 510 crore for cow service)

पशुपालन एवं डेयरी मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने 2030 तक प्रदेश से ब्रूसैला रोग खत्म करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया है। मुंह, खुर व गलघोंटू बीमारियों से पशुओं के बचाव के लिए संयुक्त वैक्सीन का उपयोग किया जा रहा है। पंडित दीन दयाल उपाध्याय सामूहिक पशुधन बीमा योजना के तहत बड़े से छोटे पशुओं का बीमा किया जा रहा है। राज्य के 2024-25 के बजट में हरियाणा गौ सेवा आयोग के लिए ₹510 करोड़ का प्रावधान किया गया। वर्ष 2014 में हरियाणा में मात्र 215 पंजीकृत गौशालाएं थीं, जो अब बढ़कर 683 हो गई हैं। इन गौशालाओं में करीब 4.5 लाख बेसहारा गौवंश का संरक्षण किया जा रहा है। 

सामूहिक पशुधन बीमा योजना क्या है? (What is Collective Livestock Insurance Scheme?)

पंडित दीनदयाल उपाध्याय सामूहिक पशुधन बीमा योजना हरियाणा सरकार द्वारा चलाई जा रही एक महत्वूपर्ण योजना है। राज्य में इस योजना का संचालन हरियाणा, पशुपालन और डेयरी विभाग द्वारा किया जा रहा है। इस योजना से पशुपालकों को अपने पशुओं के खोने या मृत्यु के मामलों में वित्तीय सहायता प्राप्त होती है। योजनान्तर्गत केवल गाय, भैंस, बैल, ऊंट, भेड़, बकरी और सूअर जैसे पशुओं को कवर किया जाएगा। इस योजना के तहत पशुपालक सिर्फ 100 रुपए में अपने बड़े पशुओं (जैसे गाय, बैल, भैंस, ऊंट, घोड़ा आदि) का वर्षभर का बीमा सकते हैं, जबकि छोटे पशु (जैसे भेड़, बकरी, सूअर, खरगोश आदि) का वार्षिक प्रीमियम मात्र 25 रुपए है। 

बीमा की अधिकतम राशि सीमा (Maximum amount of insurance limit)

इस योजना के तहत बीमा की अधिकतम सीमा 1,25,000 रुपए प्रति बड़ा पशु तथा 5,000 रुपए प्रति छोटा पशु है। योजना के अंतर्गत एक पशुपालक अधिकतम 5 बड़े पशु या 50 छोटे पशुओं के लिए बीमा कवर का लाभ उठा सकते हैं। इस योजना के तहत अनुसूचित जाति के पशुपालकों के पशुओं का बीमा निशुल्क किया जाएगा। पशुपालक हरियाणा का स्थाई निवासी होना चाहिए। परिवार पहचान पत्र, पशुधन स्वास्थ्य प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र और बैंक खाते विवरण दस्तावेज के साथ हरियाणा पंडित दीन दयाल उपाध्याय सामूहिक पशुधन बीमा योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन किया जा सकता है। इस योजना के लिए हरियाणा सरल पोर्टल द्वारा आवेदन किया जा सकता है।

गौवंश के लिए अनुदान (grant for cattle progeny)

इधर, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पशुपालन विभाग की समीक्षा बैठक की। इस बैठक में गौ-वंश के लिए अत्याधुनिक गौशालाओं के निर्माण और पशुपालकों को अतिरिक्त लाभ पहुंचाने के कई प्रस्तावों पर चर्चा हुई। गौ-वंश पालन से सीएनजी और बॉयोगैस संयंत्रों की स्थापना को भी बढ़ावा दिया जाएगा। पंजीकृत गौशालाओं में रहने वाले हर गौ-वंश के लिए 40 रुपए प्रतिदिन अनुदान दिया जाएगा, जो पहले 20 रुपए था। प्रमुख सचिव श्री उमाकांत उमराव ने बताया कि अनुदान बढ़ाने से इस वित्त वर्ष में 34.65 करोड़ रुपए के अतिरिक्त प्रावधान की आवश्यकता होगी। वित्त वर्ष 2024-25 में गौशालाओं के लिए सरकार ने 252 करोड़ रुपए का बजट रखा है। 

पालतू और निराश्रित गौ-वंश की टैगिंग (Tagging of domesticated and destitute cattle)

बैठक में प्रदेश के पशुपालन मंत्री लखन पटेल ने सुझाव दिया कि पालतू और निराश्रित गौ-वंश की पहचान के लिए अलग-अलग रंग के टैग लगाए जाएं। साथ ही, उन्होंने बॉयो सीएनजी संयंत्र लगाने पर जोर दिया। मुख्य सचिव अनुराग जैन ने बैठक में नस्ल सुधार और बछिया उत्पादन के लिए सेक्स सॉर्टेड सीमन तकनीक के अधिक उपयोग का सुझाव दिया। बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि गौशालाओं का नियमित निरीक्षण किया जाए, जिससे अनुदान राशि का दुरुपयोग न हो। समाज के सहयोग से गौशालाओं के संचालन और पंचायत स्तर पर गोचर भूमि खाली कराने का अभियान चलाने के निर्देश दिए। वहीं, हरियाणा के पशुपालन एवं डेयरी मंत्री ने बताया कि जैविक खेती के लिए गोबर से तैयार वर्मी कम्पोस्ट रासायनिक खाद का बेहतर विकल्प है, जो न केवल मृदा की उर्वरक शक्ति को बढ़ाता है, बल्कि पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी सुधारता है। पशुपालन मंत्री ने गौशाला प्रतिनिधियों से राज्य सरकार के ‘बेसहारा गौवंश मुक्त हरियाणा’ अभियान को सफल बनाने में सहयोग करने का आग्रह किया।

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